अनंत चतुर्दशी:भगवान श्रीहरि की आराधान देगी फलदायी परिणाम.

अनंत चतुर्दशी:भगवान श्रीहरि की आराधान देगी फलदायी परिणाम.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

रविवार को भाद्रपद माह, शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी व्रत पर्व मनाया जा रहा है। मान्यता है कि जिसके अंत और आदि का पता न हो, उसे अनंत कहते हैं, अर्थात वे स्वयं श्रीहरि हैं। इस दिन घरों में भगवान विष्णु के स्वरूप अनंत का पूजन होगा। साथ ही भक्त घरों में विराजमान प्रथम पूज्य भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन भी करेंगे। साथ ही जैन धर्म के दसलक्षण पर्व का समापन भी होगा।

ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रेश कौशिक ने बताया कि अनंत चतुर्दशी का दिन भगवान विष्णु के अनन्त स्वरूप की पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। भक्त इस पूरे दिन का उपवास रख कर पवित्र धागा बांधते हैं। यह व्रत करने से अनेकों गुना ज्यादा शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि लगातार 14 वर्ष तक यह व्रत करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। चतुर्दशी तिथि तिथि 19 सितंबर को सुबह छह बजकर सात मिनट से 20 सितंबर, सोमवार सुबह पांच बजकर 30 मिनट तक रहेगी। व्रत में अक्षत, दूर्वा, शुद्ध रेशम या कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे चौदह गांठ के अनंत को सामने रखकर हवन कर अनंत देव का ध्यान करेंगे। शुद्ध अनंत को पुरुष दाहिनी और स्त्री बायीं भुजा में बांधेंगे।

इसलिए करते हैं विजर्सन

गणेश चतुर्थी के दिन घरों में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन अनंत चतुर्दशी को किया जाता है। इसकी एक पौराणिक कथा है। जिस दिन वेद व्‍यास ने महाभारत लिखने के लिए गणेशजी को कथा सुनानी शुरू की, उसी दिन भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि थी। कथा सुनाते समय वेद व्‍यास ने आंखें बंद कर ली और गणेशजी को लगातार 10 दिनों तक कथा सुनाते रहे और गणेशजी लिखते रहे। 10वें दिन जब वेद व्‍यास ने आंखें खोली तो देखा कि एक जगह बैठकर लगातार लिखने से गणेशजी के शरीर का तापमान काफी बढ़ गया, तो गणपति को ठंडक प्रदान करने के लिए वेद व्यास जी ने ठंडे पानी में डुबकी लगवाई। उस दिन अनंत चतुर्दशी का ही दिन था।

ग्रहों का संजोग

अनंत चतुर्दशी पर इस बार मंगल, बुध और सूर्य एक साथ कन्या राशि में विराजमान रहेंगे, जिसकी वजह से मंगल बुधादित्य योग बन रहा है। इस योग में की गई पूजा-अर्चना का महालाभ मिलता है।

जैन धर्म और अनंत चतुर्दशी

जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी अनंत चतुर्दशी का खास महत्व है। जैन धर्म के दशलक्षण पर्व का समापन भी इसी दिन होता है। वह शोभायात्रा निकालकर भगवान का जलाभिषेक कर इसी दिन को मनाते हैं।

वैष्णव और अनंत चतुर्दशी

विष्णु उपासकों की मान्यता है कि पांडवों ने भी अपने कष्ट के दिनों (वनवास) में अनंत चतुर्दशी के व्रत को किया था जिसके पश्चात उन्होंने कौरवों पर विजय हासिल की।

Leave a Reply

error: Content is protected !!