फर्जी पुलिस कर्मी बनकर वृद्घों के साथ टप्पेबाजी करने वाले गिरोह का  पर्दाफाश

फर्जी पुलिस कर्मी बनकर वृद्घों के साथ टप्पेबाजी करने वाले गिरोह का  पर्दाफाश

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श्रीनारद मीडिया, लक्ष्मण सिंह,  यूपी डेस्क :

लखनऊ। फर्जी पुलिस कर्मी बनकर वृद्घों के साथ टप्पेबाजी करने वाले गिरोह का ठाकुरगंज पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 4 शातिर अभियुक्तों को गिरतार किया है। आरोपितों के कब्जे से भारी मात्रा में जेवरात और नगदी बरामद हुई है।
डीसीपी थाना प्रभारी ठाकुरगंज ने बताया कि शनिवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए इलाके में स्थित मेहंदी घाट पीपे वाले पुल के पास पहले से ही घेराबन्दी कर ली थी। कुछ ही देर में मौके पर आरोपित पहुंच गए। पुल के पास भारी पुलिस बल देखकर आरोपित भागने का प्रयास करने लगे।इस पर पुलिस टीम ने आरोपितों को दौड़ाकर दबोच लिया। पूछताछ में आरोपित ने अपना नाम बाराबंकी करौली निवासी धर्मेन्द्र शाह, शंभू शाह, कैलाश कुमार शाह, सोनू कुमार शाह बताया है। पुलिस के मुताबिक आरोपित मूल रूप से कुरसेला कटियार बिहार के रहने वाले हैं।आरोपितों का एक संगठित गिरोह है। जो कि राजधानी के विभिन्न इलाकों में फर्जी पुलिस कर्मी बनकर लोगों के गहने पार कर देते थे। वृद्घ महिलायें और पुरूष गैंग का सॉफ्ट टारगेट होते थे। पूछताछ में आरोपितों ने कबूला कि उन्होंने पिछले दिनों तालकटोरा, ठाकुरगंज चौक, राजाजीपुरम समेत अन्य इलाकों में टप्पेबाजी की वारदातों को अंजाम दिया है। आरोपितों के कब्जे से पीली धातु की दो चेन, एक जोड़ा पीली धातु का कंगन, पीली धातु का कटा कंगन, दो अंगूठी, पीली धातु की रूद्राक्ष की माला लाकेट समेत, विभिन्न क पनियों के 4 मोबाइल फोन और दो पल्सर मोटरसाइकिल बरामद हुई है। अन्य जानकारियां हांसिल कर पुलिस ने आरोपितों को जेल रवाना किया है।
बाराबंकी में रहकर राजधानी में आते थे वारदात करने
पुलिस अधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि गैंग का सरगना धमेन्द्र शाह हैं। आरोपित मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। बाराबंकी के करौली इलाके में आरोपित किराये के मकान में रहते हैं। आरोपित लगभग रोजाना टप्पेबाजी की वारदात को अंजाम देने के लिए राजधानी व आस-पास के इलाके में जाते थे। मोटरसाइकिल सवार दो आरोपित वृद्घों को रोक कर खुद को पुलिस कर्मी बताते थे, लूट व हत्या जैसे वारदातों का हवाला देकर आरोपित वृद्घों के जेवरात उतरवा लेते थे और उन्हें कागज की पुडिय़ा में बंद कर नकली जेवरात थमा देते थे। टप्पेबाजी की वारदात के दौरान यदि कोई विरोध करता था, तो घटना स्थल की पास ही खड़े आरोपितों के दो अन्य साथी पहुंच जाते थे और पुलिस कर्मी बनकर वृद्घों को अर्दब में लेते थे।
ऑफिस टॉइम में बनाते थे महिलाओं को निशाना
पुलिस अधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपित मन्दिर, मस्जिद व अन्य धार्मिक स्थलों के आस-पास खड़े होकर वृद्घों की रेकी करते हैं। इसके अलावा आरोपित ऑफिस टाइम में गहने साफ करने के लिए विभिन्न इलाकों में फेरी करते हैं। घर में महिलाओं को अकेला पाकर आरोपित गहने साफ करने के बहाने जेवरात पार कर देते थे। एक आरोपित पैदल ही फेरी करता था, जबकि उसका साथी दूरी बनाकर बाइक से रेकी करता था। वारदात को अंजाम देकर आरोपित पैदल निकल जाता था और पास खड़े साथी के साथ बाइक पर सवार होकर रफुचक्कर हो जाता था।

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