‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को लेकर जैन समाज का प्रदर्शन,क्यों ?

‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को लेकर जैन समाज का प्रदर्शन,क्यों ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

झारखंड सरकार ने जैन समुदाय के तीर्थ स्थानों में से एक ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल घोषित किया है. इस घोषणा के बाद से ही जैन समुदाय में झारखंड सरकार को लेकर आक्रोश है. रविवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई सहित देश भर में (Mumbai) झारखंड सरकार के इस फैसले को लेकर लोगों ने विरोध जताया. इसके साथ ही हाल ही में गुजरात के पलिताना में एक जैन मंदिर में तोड़फोड़ की भी घटना घटी थी. इन सबके खिलाफ भारी संख्या में लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के लिए उतरे.

मुंबई में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. बता दें कि जैन समुदाय आज पूरे देश भर में झारखंड सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. लेकिन मुंबई में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद नहीं थी. ऐसे में पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी.

ये है पूरा मामला
दरअसल, झारखंड सरकार ने जैन दिगंबर श्वेतांबर समाज के पवित्र स्थल भगवान पारसनाथ पर्वत को पर्यटक स्थल घोषित किया है. इसे ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ तीर्थ स्थान भी कहा जाता है. पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के बाद यहां होटल भी खुलेंगे. इसी कारण से जैन समाज नाराज है. जैन समाज का मानना है कि इससे यह पवित्र तीर्थ स्थान दूषित होगा. इसी कारण से लोग आज सड़कों पर विरोध करने उतरे हैं. इधर जैन समाज के मुनियों ने कहा है कि जो भी हमारी मांगे हैं, उन्हें शांतिपूर्वक तरीके से रखें.

क्या हुआ था गुजरात में?
वहीं गुजरात के भावनगर जिले में एक जैन मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी. भावनगर जिले अंतर्गत पालीताना में शत्रुंजय पहाड़ी पर लगे बोर्ड और लोहे के खंभे को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. इसके बाद से जैन समुदाय में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है. पूरी घटना खंभे में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. इसके बाद से दो समुदायों सेठ आनंदजी कल्याणजी ट्रस्ट और नीलकंठ महादेव सेवा समिति के बीच माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है.

झारखंड में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध बढ़ता जा रहा है। इस पर रविवार को मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली में जैन समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। समाज के लोग दिल्ली के प्रगति मैदान और इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों के एक डेलिगेशन ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन दिया है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो झारखंड सरकार के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ है। यह जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। इससे तीर्थ को नुकसान होगा। प्रदर्शनकारी झारखंड सरकार से फैसला बदलने की मांग कर रहे हैं। इस मसले को लेकर जैन समुदाय के लोग 26 दिसंबर से देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं, रविवार को यह प्रदर्शन तेज हो गए।

ओवैसी बोले- झारखंड सरकार फैसला वापस ले
जैन समाज के इस प्रदर्शन पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी समर्थन किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि हम जैन समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं। झारखंड सरकार को यह फैसला रद्द करना चाहिए। उन्होंने गुजरात के सीएम से अपील की है कि जैन मंदिर में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

VHP ने कहा- तीर्थस्थलों की पवित्रता का सम्मान करें
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी जैन समुदाय के लोगों का समर्थन किया था। VHP ने कहा कि सम्मेद शिखर एक तीर्थ स्थल है। उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जाना चाहिए। VHP के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हम भारत के सभी तीर्थस्थलों की पवित्रता की रक्षा के लिए कोशिश कर रहे हैं। इस तरह से किसी भी तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में नहीं बदला जाना चाहिए।

ऐसे शुरू हुआ विवाद और विरोध
सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है। कुछ दिन पहले शराब पीते युवक का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद विवाद शुरू हुआ। धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी। यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे।

सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में 26 दिसंबर से प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को यह प्रदर्शन तेज हो गया।
सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में 26 दिसंबर से प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को यह प्रदर्शन तेज हो गया।

2019 में हुआ था नोटिफाई
2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया।

सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में महाराष्ट्र में जैन समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे।
सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में महाराष्ट्र में जैन समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे।

सम्मेद शिखर का महत्व
झारखंड का हिमालय माने जाने वाले इस स्थान पर जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी स्थापित है। इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की। यहां पर 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं। जंगलों, पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए नौ किलोमीटर की यात्रा तय कर शिखर पर पहुंचते हैं।

गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ और सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में अहमदाबाद में भी जैन समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया।
गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ और सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में अहमदाबाद में भी जैन समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया।

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झारखंड के पर्यटन सचिव बोले- जैन धार्मिक पर्यटन क्षेत्र बनाने का प्रपोजल हो रहा है तैयार

झारखंड के गिरिडीह स्थित जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल की सूची से बाहर नहीं किया गया है। झारखंड सरकार ने इस तरह का कोई प्रपोजल भी नहीं बनाया है। हां, इतना जरूर है कि देशभर में हो रहे प्रदर्शन के बाद इसे धार्मिक पर्यटन क्षेत्र बनाने पर सरकार विचार कर रही है। झारखंड के पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने दैनिक भास्कर से ये बातें कहीं।

जैन समाज के युवकों ने मुंडन कराया, सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध जारी

जैन समाज का तीर्थ स्थल क्षेत्र सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के बाद से ही समाज के द्वारा विरोध जताया जा रहा है । जैन समाज के द्वारा कई बार अलग-अलग तरह से प्रदर्शन किया । शनिवार को मुंगावली नगर में लगभग एक सैकड़ा से अधिक जैन समाज के लोगों के द्वारा मुंडन करवाकर पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने पर आंदोलन किया । इससे पहले अशोकनगर में भी कुछ लोगों ने मुंडन करवा कर विरोध जताया था।

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