थानों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश-सुप्रीम कोर्ट

थानों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश-सुप्रीम कोर्ट

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई को दौरान सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, एनसीबी और एनआईए जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों में सीसीटीवी (CCTV)लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमें ऐसा लग रहा है कि सरकार अपने पैर पीछे खींच रही है। अदालत ने कहा कि ये नागरिकों के मौलिक अधिकारों से संबंधित है और अदालत नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लेकर चिंतित है।

वहीं शीर्ष न्यायालय ने थानों में सीसीटीवी लगाने को लेकर बिहार और मध्य प्रदेश सरकार को भी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि आपको अदालत के आदेश का सम्मान नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया है कि केंद्र तीन सप्ताह के भीतर कोर्ट को सूचित करे कि केंद्रीय एजेंसियों के लिए कितना फंड आवंटित किया गया और सीसीटीवी कब लगाए जाएंगे। दरअसल पिछली सुनवाई में जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने थानों में सीसीटीवी लगाने का अपना फैसला परमवीर सिंह सैनी की याचिका पर दिया था। अदालत ने 2018 में मानवाधिकारों का उल्लंघन रोकने के लिए सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था।

सीसीटीवी फुटेज से शिकायतों की जांच में होगी आसानी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि थानों के बाहरी हिस्से में लगने वाले सीसीटीवी कैमरे नाइट विजन वाले होने चाहिए। और साथ ही सरकार से कहा था कि जिन थानों में बिजली और इंटरनेट नहीं वहां वे यह सुविधा उपलब्ध कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सौर/पवन ऊर्जा समेत बिजली मुहैया कराने के किसी भी तरीके का उपयोग करके जितनी जल्दी हो सके बिजली दी जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान आरोपी के घायल होने या मौत होने पर पीड़ित पक्ष को शिकायत करने का अधिकार है। सीसीटीवी फुटेज से ऐसी शिकायतों की जांच में आसानी होगी।

Leave a Reply

error: Content is protected !!