*बीएचयू में महिला एसोसिएट प्रोफेसर ने अवकाश विभाग के अफसर पर लगाया दुर्व्यहवार का आरोप, दि‍या धरना*

*बीएचयू में महिला एसोसिएट प्रोफेसर ने अवकाश विभाग के अफसर पर लगाया दुर्व्यहवार का आरोप, दि‍या धरना*

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*श्रीनारद मीडिया/ सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*

*वाराणसी* / काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की महिला एसोसिएट प्रोफ़ेसर ने सोमवार को सेंट्रल ऑफिस के लाउंज में धरना दि‍या। महिला एसोसिएट प्रोफ़ेसर को अधिकारी मानाने की कोशिश में जुटे रहे। महिला प्रोफ़ेसर का आरोप है कि मेरे प्रमोशन को प्रभावित करने के लिए मुझे एलडब्लूपी (लीव विदाऊट पेमेंट) पर डाला जा रहा है क्योंकि मै दलित समुदाय से हूं। इसके अलावा उन्होंने अवकाश विभाग के सीनियर ऑफिसर पर दुर्व्यहवहार का आरोप भी लगाया। इस सम्बन्ध में धरने पर बैठी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की एसोसिएट प्रोफ़ेसर शोभना नार्लीकर ने बताया कि वह 19 सालों से विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।

उन्होंने कहा कि इसके पहले मैंने अवकाश विभाग के कार्यालय में धरना शुरू किया था, क्योंकि अवकाश विभाग के एसओ ने मिसबिहेव किया। उसके बाद मैंने रजिस्ट्रार से बात की पर मेरी समस्या का हल नहीं निकला। शोभना नार्लीकर ने आगे बताया कि रजिस्ट्रार से मैंने कहा कि मै रेग्यूलर जॉब कर रही हूँ उसके बाद भी मुझे लीव विदाउट पेमेंट किया गया है। ताकि मेरी सीनियारिटी पूरी तरह से प्रभावित हो। विभाग में होने के बावजूद इन्होने रजिस्टर मंगवाया कि मै विभाग में हूं की नहीं। मेरी अटेंडेंस देखी और बीएचयू ने मुझे पूरी सेलेरी भी दी है। इसके बावजूद मेरे साथ गंदा खेल खेला जा रहा है। शोभना नार्लीकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि केवल एक दलित महिला एचओडी न बने इसलिए तीन बार जब भी मेरी बारी आती है हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट बनने की तो तुरंत डीन को दिया जाता और मेरी सीनियरिटी को प्रभावित किया जाता है। रेग्यूलर सर्विस पर होने के बावजूद मुझे एलडब्लूपी पर डाला जाता है ताकि मेरी सर्विस खंडित हो जाए। शोभना नार्लीकर ने कहा कि साल 2008 के मामले को ये 2021 से जोड़ रहे हैं जबकि इसका उससे कोई मतलब नहीं है। सभी जगह मेटरनिटी लीव 6 महीना होती है मैंने सिर्फ 3 महीना ली और वापस काम पर लौट आयी इसके अलावा चाइल्ड केयर लीव 2 साल होती है मैंने सिर्फ डेढ़ साल ली और और काम पर लौट आयी।शोभना नार्लीकर ने आरोप लगाया कि यहां विश्वविद्यालय में डाक्यूमेंट पर बात न करके मेरी जाति और दलित होने की बात कर रहे हैं। शोभना ने मांग करते हुए कहा कि मेरी जो रेग्युलर सर्विस है उसे लीव विदाऊट पेमेंट की जगह रेग्यूलर किया जाए।

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