जेआर डी टाटा  जब खुद ही एयरलाइंस के टॉयलेट पेपर बदलने चले गए, पढिए प्रेरणादायक खबर

जेआर डी टाटा  जब खुद ही एयरलाइंस के टॉयलेट पेपर

बदलने चले गए, पढिए प्रेरणादायक खबर

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क :

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जेआर डी टाटा  जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा, जिन्हें जेआरडी टाटा के नाम से जाना जाता है। इनकी पहचान टाटा समूह के चेयरमैन के अलावे टाटा एयरलाइंस के संस्थापक और भारत में नागरिक उड्डयन के जनक के रूप में भी है। एयर इंडिया, जेआरडी के लिए सिर्फ एक नौकरी नहीं थी, बल्कि यह उनके प्यार, परिश्रम और संपूर्ण समर्पण की कहानी बयां करती है। एयर इंडिया के लिए जेआरडी की प्रतिबद्धता एयरलाइंस व्यापार को विश्वस्तरीय बनाकर उसे शीर्ष पर ले जाना है। उनसे जुड़ी कुछ ऐसी कई कहानियां हैं जो एयर इंडिया के लिए जेआरडी की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

लिंक्डइन के ब्रांड कस्टोडियन हरीश भट्ट ने जेआरडी टाटा से जुड़ी एक कहानी साझा की है। एक बार जेआरडी टाटा एयर इंडिया में यात्रा कर रहे थे। उनके बगल में एलके झा बैठे थे जो आरबीआई के गर्वनर के रूप में भी काम कर चुके थे और देश के शीर्ष नौकरशाह के रूप में कार्यरत थे। अचानक जेआरडी टाटा को कुछ याद आया और वे अपनी सीट छोड़कर चले गए। जब लगभग एक घंटे के बाद वे लौटे तो झा ने उनके पूछा कि क्या हुआ, वे कहां गए थे। जेआरडी ने उत्तर दिया कि टॉयलेट साफ है या नहीं। वहां सब कुछ ठीक है कि नहीं। लेकिन झा ने फिर सवाल किया कि ये देखने के लिए इतनी देर लग गई। तब उन्होंने जवाब दिया कि टॉयलेट में पेपर रोल ठीक से नहीं रखा गया था। मैं उसे ठीक कर रहा था।

यात्री सुविधा बेहतर बनाने की थी चिंता

 

इसके बाद जेआरडी टाटा इंडियन एयरलाइंस के हर बोइंग विमान के टॉयलेट में गए और व्यक्तिगत रूप से उनके टॉयलेट की जांच की। जहां गलती दिखी उसे व्यक्तिगत रूप से ठीक भी किया। झा ने एक बार अपने भाषण में उनके साथ जेआरडी टाटा के उन यादगार पल को याद किया था। उनका कहना था कि जेआरडी टाटा केवल एयर इंडिया के चेयरमैन नहीं थे बल्कि उन्हें एयर इंडिया को ऊंचाई पर पहुंचाने और कंपनी को विश्व की सबसे अच्छी और यात्री सुविधा के लिए बेहतर बनाने को लेकर चिंता भी थी। इसलिए जेआरडी टाटा हमेशा चेयरमैन के रूप में हमेशा यात्री सुविधाओं का व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखते थे। अपनी हर यात्रा के बाद वे एक नोट छोड़ते थे जिसमें यात्री सुविधा को बेहतर बनाने को लेकर उनके कुछ टिप्पणियां होती थी। उन्हें विश्वास था कि उनके नोट पर मेंटेनेंस व एयरलाइंस स्टाफ जरूर काम कर अपनी सेवा को बेहतर बनाएंगे।

 

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