बिहार को शराबबंदी ने सामाजिक-राजनीतिक स्तर पर उलझा कर रख दिया है, कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सामाजिक स्तर पर असंवेदनशीलता ने मुख्यमंत्री के शराबबंदी कार्यक्रम को लगभग असफल कर दिया है।पूरे बिहार के प्रशासनिक तंत्र को यह समझ में नहीं आ रहा है इस शराबबंदी को लेकर क्या किया जाए। जबकी बिहार के मुख्यमंत्री अक्सर कहते हैं कि कफन में जेब नहीं होती।परंतु इसका असर पड़ता नहीं दिख रहा है।

बिहार के लगभग 1000 थानों में रोजाना एक-दो मुकदमे शराबबंदी के आते हैं। इसके साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से शराब बंदी के द्वारा पैसों का खेल अनैतिक रूप से समाज में फल फूल रहा है, जिससे एक खास वर्ग में काफी रोष उत्पन्न हो रहा है कि इस तरह के शराबबंदी से क्या फायदा है? जहां शराब का धंधा करने वाले और इसे रोकने वाले तंत्र फल फूल रहे हैं। अगर इस संसाधन का उपयोग कहीं और किया जाता है तो बिहार का भला होता।
आपको यह विदित है कि बिहार के पूर्व एडीजे कानून व्यवस्था सुनील कुमार अब मध निषेध विभाग के मंत्री हैं और बिहार के टॉप आईएएस अधिकारी के.के. पाठक इस विभाग के सचिव हैं साथ ही इस विभाग में बिहार के कई तेजतर्रार आईपीएस और आईएएस अफसरों को लगाया गया है, लेकिन ढाक के वही तीन पात, समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
बिहार चारों ओर से ऐसे राज्यों से घिरा हुआ है जहां शराबबंदी नहीं है ऐसे में सामाजिक जागरूकता के बल पर इस शराबबंदी को रोका जा सकता था लेकिन समाज ना तो जागरुक है नहीं वह अपने प्रति सचेत है और ना ही वह इसे अपने जीवन का एक मूल्य मानते हुए इस नीति को अपनाने को तैयार है, ऐसे में मुख्यमंत्री जी अब क्या करें यह एक बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न है।

बिहार में शराब तस्करी का एक हाई प्रोफाइल मामला सामने आया है। इस हाई प्रोफाइल मामले का खुलासा तब हुआ जब गोपालगंज के बरौली में पुलिस ने कर्नाटक नंबर की एक एम्बुलेंस को जांच के क्रम में रोका। जब एम्बुलेंस की जांच की गयी तब भारी मात्रा में शराब की खेप मिला जिसे देखकर पुलिस भी हैरान रह गयी। पुलिस ने मौके से एम्बुलेंस के ड्राइवर को पकड़ा।
पूछताछ के दौरान उसने बताया की एम्बुलेंस में शराब की खेप हरियाणा से लेकर वह चला था जिसे हाजीपुर में पहुंचाना था। गोपालगंज पुलिस शराब की सूचना पर पीछा करती हुई हाजीपुर में उस जगह पर पहुंच गयी जहां इस खेप को पहुंचाया जाना था। एम्बुलेंस से बरामद शराब की खेप को देखकर पुलिस भी दंग रह गयी।
हाजीपुर नगर थाना के चिकनौटा में शराब तस्करी के तार खंगालती पहुंची गोपालगंज और वैशाली पुलिस उस वक्त हैरान रह गई जब पकड़े गए एम्बुलेंस ड्राइवर ने DSP के MBA बेटे विनीत को अपना सरगना बताया जो कर्नाटक, बेंगलूर में एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करता था।

पुलिस ये जान कर भी हैरान रह गई की कुछ दिन पहले ही इसी मकान से विनीत के बड़े भाई और भाभी जो MBBS डाक्टर थी। उन्हें शराब तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था।
नवम्बर 2021 को हाजीपुर नगर थाने की पुलिस ने इसी मकान से शराब तस्करी का नेटवर्क चलाने के आरोप में  विनीत की MBBS भाभी और भाई विकास को शराब की खेप के साथ पकड़ा था। गिरफ्तार विनीत की भाभी गया मेडिकल कालेज की MBBS की छात्रा थी। जिसे मौके से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार मेडिकल छात्रा DSP के बेटे विकास सिंह की पत्नी थी। इस हाई प्रोफ़ाइल फैमिली के मकान में हुई छापेमारी के दौरान बेडरूम से लेकर गैराज तक से शराब की खेप मिला है।
पुलिस ने घर से 2 लग्जरी गाड़ियों सहित 4 गाड़ियां जब्त किया था। जिन्हें शराब की डिलीवरी के लिए इस्तेमाल किया जाता था। पुलिस ने उस वक्त MBA विनीत के भाई और MBBS भाभी को तस्करी के उस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन पुलिस को एक बार फिर से हैरत हुई जब इस हाई प्रोफ़ाइल फॅमिली के फिर से शराब तस्करी करने का खुलासा हुआ। खुलासा हुआ की पूर्व में पकड़े जाने के बावजूद ये हाई प्रोफ़ाइल फैमिली शराब की तस्करी में बदस्तूर लगा हुआ था और डाक्टर भाई भाभी के जेल जाने के बाद MBA विनीत शराब का नेटवर्क संभाल रहा था।

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