हड़ताली शिक्षकों ने निकाली आक्रोश रैली‚ जन जीवन हुआ प्रभावित
श्रीनारद मीडिया‚ सीवान (बिहार):
सीवान जिले के शिक्षक विगत सत्रह दिन से हड़ताल पर हैं।सरकार हड़ताली शिक्षकों के खिलाफ निलंबन,प्राथमिकी सहित बर्खास्तगी जैसे कदम उठा रही है।परंतु इसके बावजूद शिक्षकों का हड़ताल बढ़ता जा रहा है।
शिक्षकों के हड़ताल के खिलाफ सरकार के दमनात्मक कारवाई के विरुद्ध गुरुवार को जिले के शिक्षकों का आक्रोश फूट पड़ा।हजारों की संख्या में जिले के शिक्षकों ने राज्यकर्मी का दर्जा तथा समान कार्य का समान वेतन और सेवाशर्त की टोपी लगाएं शिक्षकों का हुजूम जिले में उमड़ पड़ा।रैली का नेतृत्व जिला संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक ठाकुर यादव और सचिव मंडल के शिक्षक नेता जयप्रकाश चौधरी ने संयुक्त रूप से की।
गांधी मैदान से प्रारंभ होकर समाहरणालय पर समाप्त हुई रैली
शिक्षकों की आक्रोशपूर्ण रैली सिवान के गांधी मैदान से प्रारंभ हुई और सदर अस्पताल होते हुए मेन रोड के रास्ते होते हुए समाहरणालय पर जाकर सभा में तब्दील हो गयी।
रैली में शिक्षकों का हुजूम उमड़ पड़ा।जिधर देखिए उधर अपनी मांगों से संबंधित लाल-पीली और उजली टोपी पहने शिक्षक ही शिक्षक नजर आ रहे थे।शिक्षकों के साथ शिक्षिकाओं की भागीदारी यह साबित कर रही थी कि महिला सशक्तिकरण का नैरेटिव गढ़ने वाली सरकार में शिक्षिकाओं ने भी कमर कस लिया है।
इस अवसर पर जयप्रकाश सिंह और राकेश कुमार सिंह ने कहा कि हमारी लड़ाई तब तक चलती रहेंगी ।जब तक हमारी सात सूत्री मांग
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👉 नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की भांति वेतनमान, सेवाशर्त और राज्य कर्मी का दर्जा देना।
👉 मृत शिक्षकों के आश्रितों को नियम में शिथिलता करतें हुए शिक्षक पद पर नियुक्त करना।
👉 पुरानी पेंशन योजना का लाभ सभी शिक्षकों को देना।
👉 सामान्य भविष्य निधि तथा ग्रुप बीमा का लाभ सभी शिक्षकों को देना।
👉 शिक्षकों की सेवा 60 वर्षों से बढ़ाकर 65 वर्ष करना।
👉 सभी प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद सृजित करते हुए प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित करना।
👉 टीईटी शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करना तथा शिक्षकों के खिलाफ दमनात्मक कारवाई वापस लिया जाए।
को पूरा नहीं करती।
वहीं शिक्षक नेता संजय कुमार सिंह एवं रीमा कुमारी ने कहा कि हम शिक्षक समानता की लड़ाई लड़ रहे हैं।हमारी मांगे जायज है।हम आने वाली पीढ़ी के भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं।
रैली से चरमरा गयी शहर की यातायात व्यवस्था
जाम और धूल से जूझ रहे शहर में शिक्षकों की रैली ने शहर की यातायात व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी।जो जहां था वहीं ठहर सा गया।पुलिस पूरी तरह से ही असहाय नजर आयी।हालांकि शिक्षकों की यह रैली पूरी तरह से अनुशासित थी।लेकिन इसने शहर की यातायात व्यवस्था को आईना जरूर दिखा दिया।अगर प्रशासनिक स्तर पर भविष्य में इसका समाधान नहीं निकाला गया तो शहर वासियों सहित शहर में आने वाले लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
रैली में वसी अहमद गौसी,मंगल कुमार साह,सुनील कुमार प्रसाद, राजीव रंजन तिवारी, सुधीर शर्मा,मनोज कुशवाहा,राजीव गुप्ता, सुजीत गुप्ता,राजेश कुमार, रीतेश कुमार सिंह कलावती देवी,
श्रवण कुमार, गोरखनाथ राम,धर्मनाथ सिंह,कृर्ति श्रीवास्तव, शशीकला शर्मा, अमना खातुन सहित हजारों की संख्या में शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया।