टीबी उन्मूलन के लिए प्रखंड स्तर पर होगी “टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग”

टीबी उन्मूलन के लिए प्रखंड स्तर पर होगी “टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग”

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण( बिहार)

• विभाग ने तैयार किया माइक्रो प्लान
• जनप्रतिनिधियों व धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख टीबी के प्रति करेंगे जागरूक
• वर्ष 2021 को दिया गया है जनआंदोलन का रूप
• केयर इंडिया की टीम कर रही है टीबी उन्मूलन में सहयोग

छपरा,11 मार्च । टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विभाग के द्वारा वर्ष 2021 को जन आंदोलन का रूप दिया गया है और इसको लेकर प्रखंड स्तर पर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। प्रखंड स्तर पर टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग के माध्यम से लोगों को टीबी से बचाव लक्षण एवं योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसको लेकर विभाग के द्वारा माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। तिथिवार प्रत्येक प्रखंडों में बैठक की जाएगी और आमजनों को टीबी के प्रति जागरूक किया जाएगा। केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है और इस दिशा में समुदाय स्तर पर व्यापक रूप से कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में विभाग वर्ष 2021 को जन आंदोलन का रूप देकर जागरूकता अभियान चला रहा है। ब्लॉक स्तर पर होने वाली टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग में निर्वाचित प्रतिनिधियों, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख, टीबी चैंपियन, ट्रीटमेंट सपोर्टर तथा प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों जैसे एमओआईसी, बीडीओ, सीडीपीओ बीईओ, एचएम, एमओ के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सुविधाओं निक्षय पोषण योजना आदि के विषयों पर व्यापक जानकारी दी जाएगी |

इन प्रखंडों में होगी तिथि वार मीटिंग:
•सदर व गरखा- 12 मार्च
•दिघवाडा और सोनपुर- 13 मार्च
•दरियापुर और परसा- 15 मार्च
• आमनौर और मढ़ौरा- 16 मार्च
• पानापुर और मेकर- 17 मार्च
• मशरक, तरैया और बनियापुर – 18 मार्च
• नगरा और रिविलगंज- 19 मार्च
•मांझी, एकमा और जलालपुर- 20 मार्च
• इसुआपुर और लहलादपुर- 23 मार्च

गरीब परिवार व कुपोषित व्यक्तियों में टीबी होने की अधिक संभावना :
सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसके खिलाफ हमें लड़ाई लड़ने की जरूरत है। अक्सर यह देखा जाता है कि टीबी, गरीब परिवार या कुपोषित व्यक्तियों या बच्चों में होती है, क्योंकि अगर कोई एक व्यक्ति टीबी से ग्रसित हो गया तो वे सभी लोग एक छोटी झोपड़ी में रहते हैं जिस कारण एक दूसरे में टीबी फैल जाती है। टीबी फैलने के मुख्य कारण हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना। इसके बाद अत्यधिक भीड़, कच्चे मकान, घर के अंदर प्रदूषित हवा, प्रवासी, डायबिटीज, एचआईवी, धूम्रपान भी टीबी के कारण होते हैं। टीबी मुक्त करने के लिए सक्रिय रोगियों की खोज, निजी चिकित्सकों की सहभागिता, मल्टीसेक्टरल रेस्पांस, टीबी की दवाओं के साथ वैसे समुदाय के बीच भी पहुंच बनानी होगी, जहां अभी तक लोगों का ध्यान नहीं जा पाया है।

अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर कार्य करने की जरूरत:
सीडीओ डॉ अजय कुमार शर्मा ने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान को जन आंदोलन का रूप देने में सामुदायिक सहभागिता अति आवश्यक है। इस अभियान में अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर कार्य करने की जरूरत है। पंचायती राज के प्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि टीबी के इलाज में किसी भी मरीज का एक भी रुपये खर्च नहीं होना चाहिए, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वेनरेबल ग्रुप् में टीबी मरीजों की खोज करें। जहां पर टीबी के मरीज ज्यादा हैं वैसे गांवों को चिह्नित कर ज्यादा से ज्यादा जांच करें और कंटेक्ट ट्रेसिंग करना भी बेहद जरूरी है। टीबी के मरीजों की जितनी जल्दी पहचान होगी इलाज करना आसान होगा।

Leave a Reply

error: Content is protected !!