फिर से शुरू हो जायेगा खून-खराबा–असदुद्दीन ओवैसी

फिर से शुरू हो जायेगा खून-खराबा–असदुद्दीन ओवैसी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

विरोध से नहीं बदलता कोर्ट का निर्णय-मनोज तिवारी 

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ज्ञानवापी-शृंगार गौरी कॉम्प्लेक्स पर वाराणसी कोर्ट के फैसले से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asadudding OWaisi) बौखला गये हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से 1980-90 के दशक की तरह फिर से देश में हिंसा की घटनाएं होंगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से रथ यात्रा के बाद खून की नदियां बहीं थीं, इस फैसले से वैसे ही हालात लौट आयेंगे.

मस्जिदों में लगाये जाने चाहिए कैमरे

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एआईएमआईएम (All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मध्यप्रदेश और दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं के बाद मांग की है कि मस्जिदों में कैमरे लगाये जाने चाहिए. दिल्ली के जहांगीरपुरी और मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई हिंसक घटनाओं का हवाला देते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मस्जिदों में हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगाये जाने चाहिए, ताकि धार्मिक शोभायात्रा के दौरान अगर पत्थरबाजी की घटनाएं होती हैं, तो लोगों को पता चल सके कि किसने पत्थर फेंके.

ओवैसी ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

AIMIM चीफ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र सरकार पर भी हमला बोला. ओवैसी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार नफरत की राजनीति कर रही है. शनिवार सुबह ओवैसी ने ज्ञानवापी-श्रीनगर गौरी कॉम्प्लेक्स में सर्वे संबंधी वाराणसी कोर्ट के आदेश की निंदा की. उन्होंने कहा कि इस फैसले से एक बार फिर वैसा ही खून-खराबा शुरू हो सकता है, जैसा 1980-90 के दशक में मुस्लिम विरोधी हिंसा हुई थी.

वाराणसी कोर्ट का फैसला प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘काशी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का कोर्ट का आदेश ‘1991 प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट’ का उल्लंघन है. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के मुताबिक, धार्मिक स्थलों की प्रकृति बदलना गैरकानूनी है. अपने ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार को कोर्ट को यह बताना चाहिए था कि संसद ने ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजंश) एक्ट 1991’ पास किया है. यह कहता है कि 15 अगस्त 1947 के पहले जिन धार्मिक स्थलों का अस्तित्व नहीं था, उनसे छेड़छाड़ नहीं किया जायेगा. उन्होंने कोर्ट को ये बातें नहीं बतायीं.

नफरत की राजनीति के लिए केंद्र ने साधी चुप्पी

ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार यह जानती है कि जब बाबरी मस्जिद पर सिविल कोर्ट का जजमेंट आया था, उसमें 1991 के कानून को संविधान के मूल ढांचे से जोड़ा था. यह सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी थी कि वह कोर्ट को बताये कि वह जो फैसला देने जा रहा है, वह गलत है. लेकिन, सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली, क्योंकि उन्हें नफरत की राजनीति करनी है.

भाजपा सांसद मनोज तिवारी  कानपुर पहुंचे.  भाजपा सांसद एवं भोजपुरी फिल्म स्टार मनोज तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में कहा है कि लोगों का विरोध करना बहुत दुखद है, किसी के विरोध से कोर्ट का निर्णय नहीं बदलता.

मनोज तिवारी ने कहा कि कोर्ट ने आदेश दिया है, उसकी वीडियोग्राफी होनी चाहिए और वह होनी शुरू हो गई है. जो लोग वीडियोग्राफी का विरोध कर रहे हैं, वह कोर्ट का विरोध कर रहे हैं. विरोध करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध करने वाले भी संविधान का विरोध कर रहे हैं. उन्हें नहीं मालूम कि इससे देश को कितना फायदा होगा.

ओवैसी पर जमकर बरसे

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के मामले पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि सांसद ओवैसी को सविंधान की किताब को लहराते हुए कई बार देखा है जिसमे वो सविंधान कहते है कि सविंधान से चलना चाहिए. आज जब ज्ञानव्यापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आर्डर है तो उनका सविंधान कहा चला गया है? ओवैसी व उनके जैसे लोग डबल स्टैंडर्ड के लोग है. न्यायालय पर अगर कोई टिपण्णी करता है तो समझ लीजिये की दाल में कुछ काला है.

अयोध्या की रामलीला मे दिखेंगे कानपुर के कलाकार

अयोध्या रामलीला समिति की प्रेस वार्ता करने कानपुर पहुँचे बीजेपी सांसद ने कहा कि अयोध्या की रामलीला में अबकी बार कानपुर की छिपी प्रतिभाओं को मौका मिलेगा . उन्होंने कहा कि नगर व देहात से 5 कलाकार चिन्हित किये जायेंगे. बता दे कि भगवान राम ने जिस स्थान पर अयोध्या में जन्म लिया था, उसी जमीन पर अयोध्या की रामलीला का मंचन होता है.

वही उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोग रामलीला से वंचित रहे थे. लेकिन रामलीला के लिए एक वर्चुअल मंच तैयार किया था. रामलीला को हर साल करोड़ों लोग देखते हैं इसका दूरदर्शन पर लाइव प्रसारण भी होता है. बता दें कि अयोध्या की रामलीला समिति में कानपुर के सोमेंद्र मेहता को उपाध्यक्ष चुना गया है इनकी देखरेख में ही प्रतिभा के हिसाब से इलाकों के कलाकारो को चयनित किया जाएगा.

Leave a Reply

error: Content is protected !!