बुजुर्ग शख्स की मौत से उठे सवाल,किसी काम की नहीं ड्रैगन की वैक्सीन?

बुजुर्ग शख्स की मौत से उठे सवाल,किसी काम की नहीं ड्रैगन की वैक्सीन?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कोरोना महामारी को लेकर कई देश चीन की आलोचना करते रहे हैं। वुहान में कोरोना का केस मिलने के बाद पूरी दुनिया में पिछले एक साल से अधिक समय से इस महामारी ने तबाही मचा रखी है। अब जब वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई तो उसमें भी चीन की बदनामी शुरू हो गई। दरअसल, चीन की सिनोवैक वैक्सीन लगवाने की वजह से एक 63 वर्षीय बुजुर्ग शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद हॉन्ग-कॉन्ग ने अहम कदम उठाया है। हॉन्ग-कॉन्ग बुजुर्ग की मौत मामले में जांच करवा रहा है। यह जानकारी मंगलवार रात को हॉन्ग-कॉन्ग के हेल्थ विभाग से जुड़े अधिकारियों ने दी। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 63 वर्षीय व्यक्ति को 26 फरवरी को जॉर्डन के क्सुन चुंग स्पोर्ट्स सेंटर में सरकार के नॉमिनेटेड टीकाकरण स्थलों में से एक स्थल में टीका लगाया गया था।

वैक्सीनेशन के बाद अस्पताल में किया गया भर्ती
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि सांस की तकलीफ के बाद उन्हें 28 फरवरी को क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल भेजा गया। सूत्र ने बताया कि बुजुर्ग को भर्ती होने के तुरंत बाद कार्डियक अरेस्ट हुआ, और कई बार उसे ठीक करने का प्रयास किया गया, जिसमें डॉक्टर असफल रहे। बाद में उसी दिन उसकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने देर रात बयान जारी कर कहा, “फिलहाल, यह नहीं पता चल सका है कि बुजुर्ग की मौत टीकाकरण की वजह से हुई या नहीं। हालांकि, हमने अस्पताल प्रशासन से और ज्यादा जानकारी मांगी है।” सूत्र ने आगे बताया कि जब आदमी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तो डॉक्टरों को जानकारी दी गई थी कि उसे चीन की कंपनी सिनोवैक का कोरोना टीका लगाया गया है। हालांकि, वह कई अन्य बीमारियों से भी पीड़ित था।

तेजी से हालत बिगड़ने के बाद हो गई मौत
अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा कि उस व्यक्ति को, जिसे सांस संबंधी बीमारियां भी थीं, रविवार को लगभग 1:30 बजे भर्ती कराया गया। उन्हें लगभग 3 बजे एक मेडिकल वॉर्ड में ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन उनकी हालत तेजी से बिगड़ गई और लगभग 6 बजे उनकी मौत हो गई। प्रवक्ता ने कहा कि कोरोनर्स कोर्ट मौत के मामले का पालन करेगी। वहीं, बुधवार को लगभग 12.30 बजे एक प्रेस ब्रीफिंग में, अस्पताल के सीईओ डॉ. जॉनी चैन वाई-मैन ने कहा कि मरीज ने इमरजेंसी यूनिट के कर्मचारियों को बताया कि उसे वैक्सीन लगाई गई है, लेकिन मेडिकल वॉर्ड के कर्मियों को टीकाकरण के बारे में पता नहीं था क्योंकि उन्होंने इस पर ध्यान केंद्रित नहीं किया और उन्होंने उसकी तेजी से बिगड़ती स्वास्थ्य को ठीक करने पर नजर बनाए रखी।

चीनी कंपनी सिनोवैक बायोटेक ने बनाई है वैक्सीन
सिनोवैक वैक्सीन, जिसे चीनी दवा निर्माता सिनोवैक बायोटेक द्वारा बनाया गया है, संस्थान के अनुसार, हल्के से लेकर गंभीर तक वाले कोरोना के लक्षणों को रोकने में 50.4 प्रतिशत टीका प्रभावी है। हालांकि, कई एक्सपर्ट्स ने कोरोना वायरस वैक्सीन के प्रभावी होने पर सवाल खड़े किए हैं। पिछले कुछ दिनों में सिनोवैक टीका लेने के बाद, हॉन्ग-कॉन्ग में कम से कम सात लोगों को परेशानियों के चलते अस्पताल भेजा जा चुका है। इन मरीजों ने कई तरह की शिकायतें बताई थीं, जिसमें- तेजी से दिल की धड़कन बढ़ना, चक्कर आना और हाई ब्लड प्रेशर आदि शामिल है। वहीं, हॉन्ग-कॉन्ग के प्रोफेसर इवान हंग फैन-एनंगई ने कहा कि मरीजों द्वारा रिपोर्ट की गई स्थिति सामान्य है।

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