हमारा जन्म ही होता है सनातन धर्म की रक्षा के लिए,सम्वर्धन के लिए-अजय सिंह

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सायंकालीन के समय माननीया सांसद सुश्रीकविताजी राष्ट्रीय हिंदुयुवावहिनी के ओजस्वी तेजस्वि प्रदेशाध्यक्ष अजय सिंह एवं और भी बहुत सारे भक्त रहे उन सारे भक्तों के बीच भक्ति भाव केसाथ भाव विभोर होकर आरती किया वही भारत माता की जय जय कार करते हिंदु युवा वहिनी के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि हमारा जन्म ही होता है सनातन धर्म की रक्षा के लिए, सम्वर्धन के लिए राष्ट्र जागृत करने के लिए जन जन मे प्रेम भक्ति भरने के लिए .

वही चल रहे श्री महामृत्युंजय महायज्ञ के पंचम दिवस के पावन पवित्र अवसर पर महामृत्युंजय स्वाहाकर के पश्चात आचार्य पं मनीष तिवारी जी ने यज्ञा अवतार वाराह अवतार के प्रसंग के द्वारा हिरण्याक्ष हिरणकश्यप का प्रसंग कहा उसके माध्यम से माँ भगवती वसुंधरा (पृथ्वी)जो कि रत्न की अधिष्ठात्री देवी कही जाती है.

जब पृथ्वी पर अत्याचार होते हैं तो यही पृथ्वी गो रूपा हो जाती हैं और जब इस धरा धाम पृथ्वी पर सत्य यज्ञ पूजा पाठ सदाचार होते हैं तो सम्पूर्ण ऐश्वर्य शक्ति के साथ के समस्त ऐश्वर्य वैभव प्रदान करती है हिरण्याक्ष का शाब्दिक अर्थ है धन वैभव पर कुदृष्टि रखना अनाधिकार चेस्टा कर अपना मानना एकाधिकार करना और उसने ऐसा ही किया पृथ्वी हर कर पताल लोक लेगया उस समय बाराह भगवान का प्राकट्य हुवा हिरण्याक्ष का उद्धार कर पुनः स्थापित कियापृथ्वी यज्ञ की संपूर्ण संसाधन है गो यज्ञभगवान की संपूर्ण हविष्य वस्तु प्रदान करती है.

यज्ञ हम सभी नित्य करते है गृहथ नित्य यज्ञ करता है जागने से सोने तक जितनी क्रिया है सब यज्ञ है ज्ञान लेना यज्ञ है भोजन भजन तप यह सब यज्ञ ही है इन सब यज्ञ का मूल आधार (बुनियाद) श्री महामृत्युंजय आदि महायज्ञ है जो अनादिकाल से चला आ रहा है और चलता रहेगा और कथा प्रवक्ता श्री हरीबन्धु जी ने कहा कि गीता मे भी भगवान ने कहा है कि ,यज्ञा धारम जगत सर्वं यग्योविस्वस्य जीवनं! यग्योहि परमो देवो यज्ञ कर्म समुद्भवम:वही वृन्दावन से पधारे हुवे कथा प्रवक्ता श्री हरीबन्धु जी के कथा में उमड़े श्रदालु भक्त गण।।

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