क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

आर्थिक सर्वेक्षण दरअसल अर्थव्यवस्था का एक वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है जो प्रत्येक क्षेत्र के प्रदर्शन की जांच करता है और फिर भविष्य के लिए सुझाव देता है. आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी विकास अनुमान को भी सामने रखा जाता है.

वी अनंत नागेश्वरन का पहला आर्थिक सर्वेक्षण

वी अनंत नागेश्वरन ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने के कुछ दिन पहले ही मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद संभाला है. यही वजह है कि इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार ने नहीं बल्कि प्रमुख आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया है. इसकी वजह यह है कि कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने के बाद से यह पद खाली था. हिंदुस्तान टाइम्स में उक्त जानकारी प्रकाशित हुई है.

आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में कुछ खास बातें

1. आर्थिक सर्वेक्षण एक बहुत ही खास दस्तावेज है, जिसमें देश की आर्थिक स्थिति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं. आर्थिक सर्वेक्षण https://www.indiabudget.gov.in/ पर उपलब्ध होता है और यहां से पिछले साल के आर्थिक सर्वेक्षण को भी खरीदा जा सकता है.

2. आर्थिक सर्वेक्षण की हमेशा एक थीम होती है. पिछले साल का थीम जीवन और आजीविका बचाना था. 2017-18 में आर्थिक सर्वेक्षण का थीम गुलाबी था क्योंकि विषय महिला सशक्तीकरण से जुड़ा था.

पहला आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था

3. पहला आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था. 1964 से केंद्रीय बजट शुरू होने से एक दिन पहले सर्वेक्षण जारी करने की परंपरा शुरू हुई.

4. सरकार के लिए आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है और ना ही प्रस्तुत सिफारिशें मानने के लिए सरकार बाध्य है.

5. 2019-20 में, के सुब्रमण्यम की Thalinomics एक अवधारणा जिसे उन्होंने अपने सर्वेक्षण में पेश किया. Thalinomics यह मापने का प्रयास करता है कि एक आम व्यक्ति पूरे भारत में एक थाली के लिए कितना खर्च करता है.

संसद का बजट सत्र कल यानी सोमवार 31 जनवरी से शुरू हो रहा है. इस दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदन को संबोधित करेंगे. उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. संसद का बजट सत्र काफी हंगामेदार होने की संभावना है.

एक फरवरी को पेश किया जायेगा 2022-23 का बजट

एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी. वहीं इस सत्र में विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है. जानकारी के अनुसार विपक्ष ने, कोरोना से हुई मौत मामले में राहत, महंगाई, पेगासस जासूसी मामला और पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है.

कोरोना की वजह से अलग-अलग समय पर चलेगी सदन की कार्यवाही

कोरोना महामारी को देखते हुए संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग समय पर आयोजित की जायेगी. इसकी वजह है कोरोना प्रोटोकाॅल का सही तरीके से पालन करना. पीटीआई न्यूज के अनुसार बजट सत्र के पहले दो दिन शून्यकाल एवं प्रश्नकाल नहीं होंगे.

बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा बुधवार से शुरू होगी. ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात फरवरी को चर्चा का जवाब देंगे. संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद विभिन्न विभागों के बजटीय आवंटन पर विचार के लिए अवकाश रहेगा. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से आरंभ होगा जो आठ अप्रैल तक चलेगा.

दो फरवरी से शाम चार बजे से चलेगी लोकसभा की कार्यवाही

लोकसभा की बैठक एक फरवरी को सुबह 11 बजे होगी और उस दिन आम बजट पेश किया जाएगा. दो फरवरी से लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे से रात नौ बजे तक चलेगी. कोरोना प्रोटोकाॅल के पालन के लिए दोनों सदनों के कक्षों और दीर्घाओं का इस्तेमाल सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा. संसद का बजट सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब व मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

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