क्‍यों आक्रामक हुए चीन के साइबर हमलावर?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत का साइबर स्पेस चीन के हैकरों के निशाने पर है। पिछले एक साल से चीनी हैकरों की तरफ से भारतीय संगठनों के साइबर स्पेस को हैक करने की आक्रामक तरीके से कोशिश की जा रही है। भारतीय साइबर स्पेस की सुरक्षा पर नजर रखने वाले एजेंसियों ने यह जानकारी दी है। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने ग्राहकों को चीन के हैकरों से सतर्क रहने को कहा है। वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने ग्राहकों को चीन समर्थित हैकरों से सावधान किया है।

हमलों में आई तेजी 

कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आइएन) और नेशनल क्रिटिकल इंफॉरमेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआइआइपीसी) जैसे विभिन्न सरकारी संगठन गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन के हैकरों के हमलों और कोशिशों पर लगातार नजर रख रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान चीन से हैकिंग की कोशिशें बढ़ी हैं। गलवन घाटी में झड़प के बाद भारत द्वारा चीन के एप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद हमलों में और तेजी आ गई।

भारत बायोटेक और सीरम को बनाया था निशाना 

हाल ही में रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने और वितरण करने वाली दो कंपनियों-भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आइटी सिस्टम को चीन के हैकरों ने निशाना बनाया था। एपीट10 जिसे स्टोन पांडा के नाम से भी जाना जाता है, उसकी की तरफ से इन कंपनियों के डाटा चुराने की कोशिश की गई थी। सूत्रों ने दावा किया कि सीईआरटी-आइएन द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है।

बिजली विभाग में सेंध लगाने की कोशिश 

इसके अलावा तेलंगाना बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी दावा किया है कि सीईआरटी-आइन ने उन्हें चीनी मालवेयर को लेकर सतर्क किया था, जो विभाग के साइबर सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि साइबर स्पेस की सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों द्वारा संगठनों और कंपनियों को सतर्क करने के साथ ही उन्हें कर्मचारियों को इस तरह के हमलों से बचाव को लेकर प्रशिक्षण देने की भी सलाह दी जाती है।

बढ़ जाती हैं चीन की हरकतें 

विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के साथ काम करने वाले साइबर विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने कहा कि चीन हमेशा से इस तरह की हरकतें करता है लेकिन जब कभी प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष होता है तो उसकी हरकतें बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि चीनी हैकर किसी सिस्टम को हैक करने में सफल रहे या नहीं, लेकिन उनकी तरफ से आक्रामक प्रयास किए गए।

माइक्रोसॉफ्ट ने किया आगाह 

इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ग्राहकों को चीन समर्थित हैकरों से सावधान किया है। कंपनी ने कहा कि उसके एक्सचेंज सर्वर में सेंध लगाने की कोशिश की गई। चीन से अपनी गतिविधियां चलाने वाले हैफनियम नामक हैकर ने यह हमला किया और अमेरिका में सक्रिय एनजीओ, पॉलिसी थिंक टैंक, कानूनी फर्म, उच्च शिक्षण संस्थानों और डिफेंस कांट्रैक्टरों से संबंधित डाटा चुराने की कोशिश की।

चीन की कंपनी का हाथ 

माइक्रोसॉफ्ट में ग्राहक सुरक्षा और विश्वास मामलों के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट टॉम बर्ट ने कहा कि हैफनियम मूल रूप से चीन की कंपनी है, जो अमेरिका में लीज पर लिए गए वर्चुअल प्राइवेट सर्वर (वीपीएस) से अपना ऑपरेशन चलाती है।

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