शिक्षा विभाग में योगी सरकार  करने जा रही है बड़ी करवाई 

शिक्षा विभाग में योगी सरकार  करने जा रही है बड़ी करवाई

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्मण सिंह,  (यूपी डेस्क  )

लगभग नौ वर्षों तक बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव रहे संजय सिन्हा और उनके कार्यालय के स्टाफ की विजिलेंस जांच के बहाने प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा विभाग में एक और बड़े ‘आपरेशन’ को अंजाम देने जा रही है। प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे फर्जी शिक्षकों का फंडाफोड़ होने के बाद अब तबादलों, मृतक आश्रित कोटे में हुई नियुक्तियों, नियम विरुद्ध प्रोन्नतियों और बर्खास्त शिक्षकों की बहाली का मामला खुलने वाला है। इस बार जांच की कमान एसटीएफ के बजाए सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) के हाथ में होगी।
निदेशक साक्षरता, वैकल्पिक शिक्षा, उर्दू एवं प्राच्य भाषाएं के पद से शुक्रवार को निलंबित किए गए संजय सिन्हा पर विजिलेंस जांच का शिकंजा तब कसने जा रहा है जब वह सेवानिवृत्ति के करीब हैं।
इसी तरह पूर्व में निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पद पर रहे संजय मोहन को अपने सेवाकाल के अंतिम दिनों में जेल तक जाना पड़ गया था। उस समय वह टीईटी घोटाले में फंसे थे। अपने विभाग खासकर बेसिक शिक्षा परिषद में संजय सिन्हा का रुतबा तब भी बरकरार था, जब वहां से हटा दिए गए थे। उनके विरुद्ध शिकायतों की जांच कर रहे महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद को कदम-कदम पर बाधाओं का सामना करना पड़ा। परिषद के कर्मचारियों के असहयोग के कारण पत्रावलियां ही नहीं मिल पाती थीं। अंतत: एक साल से भी ज्यादा समय में उनकी जांच पूरी हो पाई, जिसमें प्रारंभिक तौर पर कई गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई।
सचिव से ले आते थे तबादला आदेश
एक समय ऐसा था जब जिलों में शिक्षकों के तबादले सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश से हुआ करते थे। शिक्षक परिषद के सचिव से आदेश कराकर लाते थे और बीएसए उसी आदेश का हवाला देते हुए एक स्कूल से दूसरे स्कूल में तबादला कर देते थे। बड़ी संख्या में ऐसे तबादले मध्य सत्र में किए गए हैं। अब विजिलेंस की जांच ऐसे तबादलों के बदले वसूली के आरोपों पर केंद्रित होगी। इसी तरह शासन की अनुमति के बगैर मृतक आश्रित कोटे में की गई नियुक्तियों, बीएसए द्वारा बर्खास्त शिक्षकों की बहाली के आदेशों और पद रिक्त न होते हुए भी दी गई प्रोन्नतियों से संबंधित सभी मामले जांच के दायरे में होंगे। जांच का यह दायरा प्रदेश के दर्जन भर से ज्यादा जिलों तक बढ़ने की संभावना है। इससे पहले एसटीएफ की जांच में फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने के बाद विभाग ने जब मानव संपदा पोर्टल पर सूचनाएं अपलोड करानी शुरू की तो बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों के कार्यरत होने का मामला सामने आया था।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!