आप दो आफलाइन डिग्री एक साथ कर सकते है,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने घोषणा की कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से, छात्रों के पास उच्च शिक्षा स्तर पर एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का विकल्प होगा। दो डिग्री प्राप्त करने के लिए प्रवेश प्रक्रिया क्या होगी? नियम क्या होंगे? क्या दोनों विषयों के लिए उपस्थिति जरूरी होगी? और यह कितना व्यवहारिक है? यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार द्वारा की गई घोषणा.
आफलाइन और आनलाइन दोनों माध्यम से ले सकते हैं डिग्री : यह छात्रों को स्नातक, डिप्लोमा और स्नातकोत्तर स्तर पर दो पाठ्यक्रमों को चयन करने की अनुमति देगा। छात्र चाहे तो दोनों डिग्री आफ लाइन कर सकते हैं। छात्र एक आफलाइन और दूसरी आनलाइन डिग्री भी कर सकता है। दोनों आनलाइन डिग्री का भी प्रविधान है। विषयों का संयोजन शैक्षणिक संस्थान तय कर सकते हैं।
यूजीसी के अनुसार विषयों के संयोजन का अधिकार शैक्षणिक संस्थानों के पास होगा। अलग-अलग संस्थान अपने मानदंडों के हिसाब से विषय का संयोजन कर सकते हैं। हालांकि एक बुनियादी दिशा-निर्देश सभी संस्थानों को दे दिया गया है । जैसे, एक छात्र मानविकी और विज्ञान में एक बार में एक साथ दो डिग्री हासिल कर सकता है। वह चाहे तो बीएससी (गणित) व इतिहास एक साथ पढ़ सकता है।
यदि कोई विश्वविद्यालय शाम की पाली के दौरान एक आफलाइन बीकाम कार्यक्रम और सुबह की पाली के दौरान पूर्णकालिक बीए कार्यक्रम प्रदान करता है, तो छात्र दोनों पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते है।
उद्देश्य विविध तरह के कौशल हासिल करना : छात्रों को एक साथ दो शैक्षणिक डिग्री हासिल करने की अनुमति देने के निर्णय के पीछे तर्क है कि वह तय समय के भीतर विविध तरह के कौशल को हासिल करने का मौका मिले। निश्चित रूप से यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है। वर्तमान पद्धति से छात्रों में विषयों को लेकर जो अलगाव पैदा हो जाता है, उसे तोडऩा है। हालांकि यह उद्देश्य कितना सफल होता है यह शैक्षणिक संस्थानों और छात्रों द्वारा चयन किए जाने वाले विषयों के आधार पर ही तय होगा।
आइआइटी से बीटेक और जेएनयू से फ्रेंच : यूजीसी ने स्वीकार किया कि एक छात्र के लिए आफलाइन मोड में दो डिग्री हासिल करना मुश्किल होगा, लेकिन असंभव नहीं। उदाहरण के लिए, यदि आइआइटी दिल्ली में बी-टेक करने वाली कोई छात्रा शाम को जेएनयू में बीए फ्रेंच की पढ़ाई करना चाहती है, तो वह बहुत अ’छी तरह से सड़क पर चलकर ऐसा कर सकती है, उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि यदि दो में से एक डिग्री को आनलाइन किया जाता है तो कोई व्यावहारिक कठिनाई नहीं होती है।
एमफिल और पीएचडी पर नहीं होगा नियम : यदि दोनों विषय आफलाइन मोड में चुनने वाले छात्रों की उपस्थिति का निर्धारण कालेज या शैक्षणिक संस्थान द्वारा किया जाएगा, ताकि कक्षा का समय दूसरे के साथ ओवरलैप न हो। साथ ही, दिशा-निर्देश एमफिल और पीएचडी कार्यक्रमों पर लागू नहीं होंगे। छात्र केवल यूजीसी द्वारा अनुमोदित संस्थानों और भारत सरकार के संबंधित निकायों में डिस्टेंस मोड व आनलाइन मोड में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं।
कालेज और विश्वद्यिालयों को उपस्थिति मानदंड तय करना होगा : प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए पात्रता और प्रवेश यूजीसी और विश्वविद्यालय के मानदंडों के आधार पर ही होगा। सभी शैक्षणिक कार्यक्रमों में छात्रों को परीक्षा देने में सक्षम होने के लिए न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता होती है, इसलिए विश्वविद्यालयों को इन पाठ्यक्रमों के लिए उपस्थिति मानदंड तैयार करना या संशोधित करना पड़ सकता है। यह यूजीसी तय नहीं करती है।