12 जनवरी  भारत रत्न ‘भगवान दास’ की जयंती पर विशेष

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श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः

भारत रत्न डॉक्टर भगवान दास (12 जनवरी 1869 – 18 सितम्बर 1958) भारत के प्रमुख शिक्षाशास्त्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, दार्शनिक (थियोसोफी) एवं कई संस्थाओं के संस्थापक थे। सन्‌ 1955 में उन्हें भारत रत्न की सर्वोच्च उपाधि से विभूषित किया गया था।

उन्होंने डॉक्टर एनी बेसेन्ट के साथ व्यवसायी सहयोग किया, जो बाद में सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज की स्थापना का प्रमुख कारण बना। सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना का मूल है। बाद में उन्होंने काशी विद्यापीठ की स्थापना की और वहाँ वे प्रमुख अध्यापक भी थे। डॉक्टर भगवान दास ने हिन्दी और संस्कृत में 30 से भी अधिक पुस्तकों का लेखन किया है।

सन् 1953 में भारतीय दर्शन पर उनकी अंतिम पुस्तक प्रकाशित हुई। भारत के राष्ट्रपति ने सन् 1955 में उन्हें उक्त कार्य हेतु भारत रत्न की सर्वोच्च उपाधि से विभूषित किया। भारत रत्न मिलने के कुछ वर्षों बाद 18 सितम्बर 1958 में लगभग 90 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

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