सीवान में 7 लाख की एंबुलेंस 21 लाख में खरीदी, अब होगी जांच.

सीवान में 7 लाख की एंबुलेंस 21 लाख में खरीदी, अब होगी जांच.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कीमत से करीब तीन गुने मूल्य यानी सात लाख की जगह 21 लाख में रोगी वाहन एंबुलेंस खरीद मामले की अब जांच होगी। इसे लेकर डीएम अमित कुमार पांडेय ने सोमवार को तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। इस जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद कमेटी द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

डीएम द्वारा जांच कमेटी के गठन के बाद से कई नेताओं और पदाधिकारियों में खलबली देखी जा रही है। दरअसल शिकायतकर्ता पूर्व राज्य मंत्री विक्रम कुंवर ने इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री, निगरानी विभाग के प्रधान सचिव, योजना एवं विकास विकास के सचिव व जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर दी थी। उन्होंने पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि जिला योजना पदाधिकारी की मिलीभगत से सात लाख  के रोगी वाहन एंबुलेंस की खरीदारी तीन गुने मूल्य से भी अधिक यानी 21 लाख 84 लाख 623 रुपये में की गयी है।

जेम पोर्टल से करनी थी खरीदारी
एंबुलेंसों की खरीदारी मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले के विधायकों की अनुशंसा पर जिला योजना पदाधिकारी की सहमति से की गयी है। आगे आगे जिक्र करते हुए लिखा था कि सचिव योजना एवं विकास विभाग का पत्रांक 1149 दिनांक 13/03/2020 तथा पत्रांक 5168 दिनांक 18/11/2019 के आलोक में जेम पोर्टल से खरीदारी नहीं की गयी है, क्योंकि गड़बड़ी करने की नीयत थी। इसको लेकर भी जांच की जा रही है।

अभी भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी से जुड़ा एंबुलेंस छिपाए जाने का मामला पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ है कि बिहार में एक और एंबुलेंस घोटाला का मामला प्रकाश में आया है. पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने एमएलए और एमएलसी फंड से दिए गए एंबुलेंस में घोटाले का आरोप लगाया है. विक्रम कुंवर ने दावा किया है कि 7 से 8 लाख की एंबुलेंस 21 से 22 लाख में खरीदी गई है. इस मामले का दस्तावेज दिखाते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जांच की मांग की है.

विक्रम कुंवर ने दावा किया कि ये एम्बुलेंस गवर्नमेंट ई–मार्केट प्लेस (Government E-Market place) यानी GEM पोर्टल से खरीदने के बजाय किसी अन्य संस्था से खरीदी गई है. एंबुलेंस और अन्य सामान (जो एम्बुलेंस में लगता है) का ज्यादा मूल्य बढ़ा कर लिखा गया है और उसकी राशि निकाल ली गई है. विक्रम कुंवर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही निगरानी विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र लिखकर एंबुलेंस खरीदारी में पद का दुरुपयोग करते हुए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी राशि की क्षति करने का आरोप लगाया है.

भाजपा ने कही यह बातइंस मुद्दे पर बीजेपी MLC टुन्ना पांडे ने कहा कि हमारा काम सिर्फ अनुशंसा करना होता है और अगर इसमें घोटाले की बात सामने आ रही है तो जांच की जाएगी. इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि बिहार में सुशासन की सरकार है और क़ानून अपना काम करेगा. विक्रम कुंवर इंवेस्टिगेशन एजेंसी नहीं हैं. उन्होंने मामला ध्यान में लाया है और इस पर सरकार समुचित कार्रवाई करेगी.

डीएम ने बनाई जांच टीम

इस बीच खबर है कि मामले में सिवान के डीएम अमित कुमार पांडेय ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत जिला योजना पदाधिकारी द्वारा एंबुलेंस का क्रय किया गया था. योजना एवं विकास विभाग के सचिव के आलोक में एंबुलेंस की खरीदारी नहीं की गई थी.

चौंकाने वाला दावा

विक्रम कुंवर ने बताया कि मॉनिटर मल्टी पारामीटर के लिए एक लाख 18 हजार 720, सिंगल पंप के लिए 69 हजार 440 रुपये, सेक्शन मशीन पोर्टेबल के लिए 33 हजार 600 तथा ट्रांस्पोर्ट वेंटिलेटर के लिए 3 लाख 41 हजार 600 का भुगतान किया गया. पूर्व मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में खरीदी गई एंबुलेंसों की खरीदारी में अनियमितता की जांच कराते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.

ये भी पढ़े…..

Leave a Reply

error: Content is protected !!