PM मोदी ने CBSE छात्रों और उनके माता-पिता की चिंताओं को किया दूर.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक बार फिर अप्रत्याशित कदम से फिर चौंका दिया। इस बार वो अचानक ही छात्रों की वर्चुअल मीटिंग में जुड़ गए और उनसे बात करने लगे। ये वर्चुअल मीटिंग शिक्षा मंत्रालय की ओर से बुलाई गई थी। इस बैठक में छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी मौजूद थे। इस मीटिंग में पीएम के जुड़ने का पहले से कोई प्लान नहीं था, सबकुछ अचानक ही हुआ। जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी काफी कम वक्त के लिए इस वर्चुअल मीटिंग में जुड़े थे। उन्होंने कुछ छात्रों से बात भी की। सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद होने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल असेसमेंट को लेकर ही है। हर जगह यही चर्चा है कि एग्जाम नहीं हुए हैं तो पासिंग का मार्क किस आधार पर किया जाएगा? बताया जा रहा है कि मीटिंग में प्रधानमंत्री ने कुछ बच्चों से इस मसले को लेकर भी बात की। उन्होंने छात्रों से मार्किंग का तरीका पूछा।

छात्रों का रिजल्ट की मार्किंग को लेकर सवाल ?

छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि छात्रों का रिजल्ट कैसे तैयार होगा? अभी इसके नियमों को साफ नहीं किया गया है। सीबीएसई के सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी का कहना है कि मार्किंग क्राइटेरिया तय करने के लिए दो हफ्ते का समय लगेगा। मीटिंग में भी पीएम मोदी ने सीबीएसई के अधिकारियों से कहा था कि छात्रों का रिजल्ट उचित मानदंडों के आधार पर तैयार हो। ज्ञात हो कि सीबीएसई की 12 परीक्षा रद होने से काफी छात्रों और उनके माता- पिता को आगे के भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है।

12वीं की परीक्षा रद करने का फैसला छात्र हित में : मोदी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि उनकी सरकार द्वारा इस साल सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने का निर्णय एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद लिया गया और यह छात्रों के हित में सबसे अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को देश भर से कई तरह के फीडबैक मिले उन्हीं के आधार पर यह छात्र-हितैषी निर्णय लिया गया।

उल्लेखनीय है कोरोना के कारण सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने के केंद्र के फैसले के बाद, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों ने बुधवार को अपनी बोर्ड परीक्षाएं रद कर दीं, जबकि कुछ अन्य ने कहा कि वे जल्द ही निर्णय लेंगे। फैसले की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कई ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि छात्रों का स्वास्थ्य और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के लिए एक अराजक वर्ष रहा है। वे अपने घरों तक सीमित रहे और दोस्तों के साथ कम समय बिताया।

छात्रों का साथ देने के लिए पीएम ने शिक्षकों की सराहना की

उन्होंने एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि जैसा कि आपने कहा, मौजूदा समय में यह सबसे अच्छा और छात्र हितैषी फैसला था। एक शिक्षक की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम ने कहा कि शिक्षण समुदाय ने पिछले एक साल में उत्कृष्ट भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मैं छात्रों का समर्थन करने के लिए सभी शिक्षकों की सराहना करना चाहता हूं और यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि शिक्षा यात्रा नए माहौल में भी जारी रहे।

पीएम की अध्यक्षता में 12 वीं की परीक्षा को रद करने का लिया गया फैसला

भारत सरकार ने मंगलवार को बारहवीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बारे में पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि भारत सरकार ने बारहवीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमने छात्रों के अनुकूल निर्णय लिया है, जो हमारे युवाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ भविष्य की रक्षा करता है। इससे पहले 14 अप्रैल को केंद्र सरकार ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने का फैसला लिया था।

इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के साथ उनकी चिंताओं को भी जानने का प्रयास किया. बता दें कि बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बच्चों में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका और खतरों के मद्देनजर 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया गया. इस बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लंबी बातचीत की गई.

बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमने छात्रों के अनुकूल फैसला किया है, जो हमारे युवकों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके भविष्य की भी रक्षा करता है. कई छात्रों ने सीबीएसई और केंद्र सरकार से बोर्ड परीक्षा को रद्द करने की अपील की थी. छात्र इस बात से काफी डरे हुए कि परीक्षा के दौरान वे संक्रमित हो सकते हैं, क्योंकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगाया गया है.

सरकार के इस फैसले के बाद कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर किए गए अपने पोस्ट में धन्यवाद भी दिया है. केंद्र सरकार की ओर से सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द किए जाने का फैसला करने के बाद कई राज्यों और सीआईएससीई ने भी बुधवार और गुरुवार को अपने यहां की 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का ऐलान कर दिया है.

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. सर्वोच्च अदालत ने ही केंद्र से इस मुद्दे पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था और उसने केंद्र सरकार को 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक अच्छी मानदंड तैयार करने की खातिर दो हफ्ते का समय भी दिया है. सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने गुरुवार को कहा कि वे जल्द ही बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट देने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी कर ली जाएगी.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा छात्रों के साथ संवाद स्थापित करके बातचीत करते रहते हैं. पिछले अप्रैल महीने में ही उन्होंने वार्षिक परिचर्चा ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत छात्रों से बातचीत की थी. इस दौरान उन्होंने छात्रों से कहा था कि वे परीक्षा न डरें, बल्कि खुद को बेहतर बनाने के लिए उसे एक परीक्षा के रूप में ही देखें. उन्होंने यह भी कहा कि छात्र कभी-कभी परीक्षाओं के बारे में अधिक सचेत हो जाते हैं और उन्हें अपने लंबे जीवन में इसे एक छोटा गंतव्य मानने की अपील भी की.

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