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बड़े काम की चीज है ई-रुपी वाउचर,सबके लिए फायदे का सौदा. - श्रीनारद मीडिया

बड़े काम की चीज है ई-रुपी वाउचर,सबके लिए फायदे का सौदा.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ई-रुपी मूल रूप से एक डिजिटल प्रीपेड वाउचर है। किसी लाभार्थी को उसके फोन पर एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में यह वाउचर मिलेगा। जिस उद्देश्य के लिए इसे जारी किया जाएगा, उससे संबंधित अधिकृत केंद्र पर ही इसे भुनाया जा सकेगा। किसी एक सेवा के लिए मिले वाउचर का इस्तेमाल किसी अन्य सेवा में नहीं किया जा सकेगा। देश में यूपीआइ की व्यवस्था संभालने वाले नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआइ) ने इसे विकसित किया है। यह कैशलेस और कांटैक्टलेस पेमेंट सिस्टम को बढ़ाने वाला कदम होगा। कुछ लोग इसे डिजिटल करेंसी की ओर बढ़ता कदम भी मान रहे हैं।

इस्तेमाल के लिए अनंत आकाश: अभी एनपीसीआइ ने 1,600 से ज्यादा अस्पतालों के साथ करार किया है, जहां ई-रुपी से भुगतान किया जा सकेगा। सरकार बाल कल्याण योजना, टीबी उन्मूलन, आयुष्मान भारत, टीकाकरण समेत कई अन्य योजनाओं के लिए इसका उपयोग करने की तैयारी में है। निजी कंपनियों को भी अपने कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए वाउचर जारी करने की सुविधा मिलेगी। भविष्य में शा¨पग आदि के लिए भी इसे लेनदेन का जरिया बनाया जा सकता है।

सबके लिए फायदे का सौदा: ई-रुपी वन टाइम यूज के लिए बना वाउचर है। कार्ड, डिजिटल पेमेंट एप और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा के बिना इसका उपयोग किया जा सकता है। यह सभी संबंधित पक्षों के लिए फायदे का सौदा है।

ऐसे करेगा काम: किसी भी सरकारी एजेंसी और कंपनी को अपने भागीदार बैंक के माध्यम से यह वाउचर जारी करने की अनुमति होगी। कंपनी किसी निश्चित कार्य के लिए निश्चित राशि का वाउचर बैंक के माध्यम से जारी करेगी। संबंधित सेवा या कार्य के बाद मूल्य चुकाते समय लाभार्थी वाउचर से भुगतान कर सकेंगे। वाउचर भुनाते ही वह राशि संबंधित केंद्र के खाते में पहुंच जाएगी। वाउचर के बदले में नकद नहीं मिलेगा।

लाभार्थी का लाभ: बैंक खाता, स्मार्टफोन, इंटरनेट जैसी सुविधाओं के बिना ही विभिन्न प्रकार की सहायता पाना संभव होगा। जिस तरह से सरकार आने वाले दिनों में इसे विभिन्न सरकारी योजनाओं की सब्सिडी का माध्यम बनाने के बारे में सोच रही है, उससे किसी योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचाने का रास्ता खुलेगा। न किसी बिचौलिए की भूमिका रहेगी और न ही सब्सिडी के दुरुपयोग की आशंका।

जारीकर्ता को सुकून: किसी लाभार्थी को वाउचर देने वाले के लिए यह व्यवस्था सुकून देनी वाली है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए कि आपके पास कोई व्यक्ति किसी की गंभीर बीमारी के इलाज के नाम पर सहयोग मांगने आता है और आप उसे 10 हजार रुपये की मदद करते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि सामने वाला व्यक्ति पूरी मदद संबंधित व्यक्ति तक नहीं पहुंचाता या फिर उस सहायता राशि का इस्तेमाल किसी अन्य काम में करने का प्रयास करता है। ई-रुपी वाउचर से ऐसा संभव नहीं होगा। आप इलाज में मदद के लिए निर्धारित राशि का वाउचर दे सकते हैं, जिसे संबंधित अस्पताल में बिल के समय ही भुनाया जा सकेगा। इससे सहयोग करने वाले को यह भरोसा रहेगा कि मदद सही व्यक्ति तक पहुंची है।

इन बैंकों से जारी होंगे वाउचर: एनपीसीआइ ने ई-रुपी लेनदेन के लिए 11 बैंकों से साङोदारी की है। इनमें एक्सिस बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, इंडियन बैंक, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और यूनियन बैंक आफ इंडिया शामिल हैं। इसे स्वीकारने वाले एप्स में भारत पे, भीम बड़ौदा मर्चेंट पे, पाइन लैब्स, पीएनबी मर्चेंट पे और योनो एसबीआइ मर्चेंट पे शामिल हैं। जल्द ही इस प्रक्रिया में अन्य बैंक और एप को शामिल किए जाने की उम्मीद है।

योजनाओं में नहीं लगेगी सेंध: सरकारी योजनाओं में मिलने वाली सब्सिडी में सेंध की बातें अक्सर सामने आती हैं। सरकार की तैयारी है कि विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली सब्सिडी को ई-रुपी वाउचर के माध्यम से लाभार्थियों तक पहुंचाया जाए। यह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से भी एक कदम आगे की बात होगी। बिना बैंक खाते वाले लाभार्थी भी आसानी से इसका लाभ ले सकेंगे। इससे सुनिश्चित होगा कि जो पैसा जिस योजना के लिए है, उसका प्रयोग भी उसी में हो। सब्सिडी के तौर पर मिली राशि के अन्यत्र प्रयोग की खबरें आती रहती हैं।

मामूली शुल्क वसूलेंगे बैंक: उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, बैंक ई-रुपी वाउचर जारी करने के लिए मामूली शुल्क लेंगे। यह शुल्क 1,000 रुपये तक के वाउचर के लिए दो रुपये, एक से पांच हजार रुपये के लिए 10 रुपये और पांच से 10 हजार रुपये के लिए 20 रुपये हो सकता है।

टीकाकरण बढ़ाने का भी बनेगा जरिया: ई-रुपी वाउचर जारी करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना का टीका लगवाने के लिए इसके इस्तेमाल की बात कही है। यह देश में टीकाकरण अभियान को गति देगा। उदाहरण के तौर पर, कोई कंपनी अपने कर्मचारियों का टीकाकरण स्पांसर करने के लिए संबंधित बैंक से संपर्क कर वाउचर जारी करा सकेगी। निर्धारित अस्पताल या टीकाकरण केंद्र पर पहुंचकर कर्मचारी टीका लगवाकर उसका भुगतान वाउचर से कर सकेंगे।

तुरंत भुगतान की गारंटी: सब्सिडी की राशि देर से मिलना भी कई बार समस्या का कारण बनता है। ई-रुपी वाउचर इस मुश्किल को दूर करेगा। योजना या संबंधित सेवा का लाभ लेने से पहले ही लाभार्थी को वाउचर मिल जाएगा। यह प्रीपेड वाउचर है, इसलिए जहां इसे भुनाया जाएगा, वहां वाउचर को स्कैन करते ही या एसएमएस में मिले नंबर के जरिये प्रक्रिया आगे बढ़ाते ही संबंधित पक्ष के खाते में पैसा पहुंच जाएगा।

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