Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
भगवान श्री कृष्ण की छठी में उमड़ी भक्तों की भीड़  - श्रीनारद मीडिया

भगवान श्री कृष्ण की छठी में उमड़ी भक्तों की भीड़ 

भगवान श्री कृष्ण की छठी में उमड़ी भक्तों की भीड़

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

समाज के ऋण को उतारना मनुष्य का कर्तव्य – रामनारायण दास
भगवान श्रीकृष्ण सम्पूर्ण नेता थे ।

श्रीनारद मीडिया‚   सीवान (बिहार)


सीवान जिले के जीरादेई प्रखण्ड क्षेत्र के भरौली मठ में परम् संत रामनारायण दास जी महाराज के सानिध्य में शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की छठी बड़ी धूमधाम से मनाई गई । भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना के बाद रामनारायण दास जी महाराज ने उनके जीवन के अंश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने प्रत्येक नेतृत्व विविध परिस्थितियों में ,विविध लोगों के लिये कर के यह सिद्ध किया कि व्यक्ति समाज के ऋण को अपने सामान्य कार्यो व पूजन द्वारा उतार सकता है ।महराज जी ने कहा कि श्री

कृष्ण ने पांडवों का समर्थन इसलिये नहीं किया कि वे लोग उनके रिश्ते में भाई लगते थे या उनकी बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था या द्रौपदी के प्रति उनके ह्रदय में विशेष स्नेह था ।राम नारायण दास ने कहा कि श्री कृष्ण ने उन्हें समर्थन दिया और उनका पथ प्रदर्शन एक बड़े उत्तरदायित्व के लिये किया ।महराज जी ने कहा कि उन्होंने उच्च

कोटि के राजनयिक और परोपकारी नेतृत्व का प्रदर्शन महाभारत के महायुद्ध से पूर्व और उसके पश्चात किया ।श्री कृष्ण ने अपना नेतृत्व द्वारिका या यादवों तक सीमित नहीं रखा ,बल्कि उन्होंने वैशिवक नेतृत्व की शानदार मिसाल पेश की ।महराज जी ने कहा कि उन्होंने गांधार के शकुनि (वर्तमान अफगानिस्तान )की प्रत्येक कुटिल चाल को विफल

किया ,कालयवन का वध बड़ी चतुराई से किया ,जो वर्तमान बलूचिस्तान का शक्तिशाली नरेश था ।उन्होंने नागों का प्रबन्ध किया जो आज के नागालैंड और म्यांमार है तथा घटोत्कच जैसे आदिवासी राजाओं की सहायता कठिन स्थितियों में प्राप्त की ।रामनारायण दास ने कहा कि श्री कृष्ण के नेतृत्व ने आम जनता तथा उसके सभी वर्गों का प्रेम

और सम्मान प्राप्त किया ,जो हमारे समाज के लिये अनुकरणीय व वंदनीय है ।
पुजारी कृष्ण मिश्र ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जीवन दर्शन मानवीय विकास के लिये प्रेरणा का स्रोत है ।उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण सम्पूर्ण नेता थे जो अपने छह ईश्वरीय

गुणों शक्ति ,धन ,ज्ञान ,सौंदर्य ,साफल्य  त्याग के कारण विभिन्न स्थानों पर नेतृव करते थे । श्री मिश्र ने कहा कि श्री कृष्ण के भीतर जो नेता था उसमें कार्यशील घटकों का अद्भुत समिश्रण था ।उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण का नेतृत्व अधिक सामूहिक ,सबको अपने में समाहित करने वाला और आक्रामक था ,मानवीय धरातल पर उन्होंने सिद्ध किया

कि सत्य की स्थापना हमेशा सत्य के मार्ग पर चलकर नहीं हो सकती ।उन्होंने ने कहा कि श्री कृष्ण का संदेश साफ था कि आपको अपने अभिगम के प्रबन्ध कौशल को मजबूती से जमे हुए दुष्टों से निपटने हेतु बदलना ही होगा ।

इसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया । भजन कीर्तन का भी कार्यक्रम हुआ ।इस मौके पर भाजपा नेता प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह , कमलवास दुबे , रामेश्वर सिंह , हरिकांत सिंह,विकास सिंह , श्रवण कुमार ,पूर्व एमएलसी प्रत्याशी नन्द जी चौधरी , सुनीता देवी ,वीणा देवी मुकेश सिंह आदि उपस्थित थे ।

यह भी पढ़े

जलालपुर कर्मशाला भवन के प्रांगण में कोविड वैक्सिन शिविर आयोजित

मुआवजे के लिए दस माह से भटक रहे है पीड़ित परिवार के आश्रित

थाना में शिविर लगा सीओ ने जमीन विवाद मामलों की सुनवाई 

 युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म सम्मेलन के ऐतिहासिक वर्षगांठ पर साइकिल रैली का आयोजन

Leave a Reply

error: Content is protected !!