भारत में 75 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार.

भारत में 75 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई अब निर्णायक मुकाम पर पहुंच गई है। देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण का आंकड़ा 75 करोड़ को पार कर गया है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी जानकारी दी। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका प्रयास के मंत्र के साथ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान निरंतर नए आयाम गढ़ रहा है। आजादी का अमृत महोत्‍सव यानि आजादी के 75वें साल में देश ने 75 करोड़ टीकाकरण के आंकड़े को पार कर लिया है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन यानी डब्‍ल्‍यूएचओ ने भी कोविड रोधी टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए भारत सरकार को बधाई दी है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने कहा कि भारत ने तेजी से टीकाकरण करते हुए केवल 13 दिनों में 10 करोड़ खुराक लोगों को लगाने का काम किया है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि 75 करोड़ वैक्सीन लगना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री, देश की जनता, कोविड वॉरियर्स और राज्य सरकारों का आभार प्रकट करता हूं। दुनिया के देशों के मुकाबले भारत टीकाकरण की मुहिम में बहुत आगे निकला है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक पहली खुराक के रूप में 29,92,22,651 खुराक लगाई जा चुकी हैं। 18-44 वर्ष के आयु वर्ग में 4,37,98,076 खुराक वैक्‍सीन की दूसरी डोज के रूप में लगाई गई हैं। 45-59 साल के आयु वर्ग में 14,37,03,736 लोगों को पहली खुराक जबकि 6,31,16,459 को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी गई है। यही नहीं 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को दूसरी खुराक के रूप में 4,94,45,594 डोज लगाई जा चुकी हैं। स्वास्थ्य कर्मियों में 1,03,64,261 पहली खुराक जबकि 85,98,485 दूसरी खुराक लगा दी गई हैं।

महामारी की दूसरी लहर के भयावह मंजर को देख चुकी भारतीय आंखें आज तीसरी लहर की आशंका के बीच अगर जीत के आत्मविश्वास से लबरेज हैं तो इसका श्रेय सरकार से लेकर समाज तक को जाता है। भारतीयों में झलक रहे गर्व के इस एहसास के पीछे तेज गति से हो रहा टीकाकरण है। याद कीजिए, 16 जनवरी, 2021 की स्थिति, जब देश ने टीकाकरण शुरू किया था।

टीके की कमी, कीमतों का अंतर और आपूर्ति को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच कड़वी टकराहट जैसी संस्थागत चुनौतियों के साथ सामाजिक जागरूकता की कमी लक्ष्य को पाने में बड़ी बाधा दिख रही थी। प्रमुख विपक्षी दलों के आक्षेप, लोकतांत्रिक खूबियों के स्याह पक्ष जैसी बाधाएं टीकाकरण से जुड़ी हर एक कड़ी को हतोत्साहित कर रही थी। इन सबके बीच केंद्र सरकार नियामक संस्थाओं की सलाह-मशविरा के साथ चुपचाप आगे बढ़ती गई।

दिसंबर, 2021 तक देश की सभी वयस्क आबादी (94 करोड़) को कोरोना महामारी से सुरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया। सरकार की इस लगन से समाज भी मगन हुआ। तभी तो शुरुआत में जो टीकाकरण केंद्र लोगों के दर्शन के लिए तरसते थे, और वायल खुलने के बाद पर्याप्त संख्या की कमी के चलते डोज बेकार जा रही थी, अब बर्बादी की दर काफी नीचे गिर गई है। कई राज्य तो एक वायल से 11 लोगों को सुरक्षित कर रहे हैं। लोग टीके का मर्म समझ चुके हैं और टीकाकरण उत्सव अब आंदोलन में बदल गया है।

ऐसे बढ़ता गया सुरक्षा दायरा

  • देश में 16 जनवरी को टीकाकरण की शुरुआत हुई। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया।
  • पहली मार्च से दूसरे चरण के तहत 60 से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 से 60 साल के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ।
  • पहली अप्रैल से 45 से 60 साल की उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया।
  • इस दौरान विपक्षी दलों ने 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू करने का दबाव डाला। साथ ही राज्यों को सीधे टीका खरीदने और लगाने का अधिकार देने की मांग की।
  • पहली मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया।
  • राज्यों को सीधे टीका खरीदने की व्यवस्था के बाद काफी अराजकता फैली।
  • 21 जून से केंद्र ने 18 साल से अधिक सभी को नि:शुल्क टीका लगाने का एलान कर दिया। (करोड़ में)

सरकार और समाज की ये संयुक्त रणनीति का ही कमाल है कि ऐसे कई दिन आए जब हमने एक ही दिन में करोड़ से ऊपर लोगों को टीका लगा दिया है। सिर्फ अगस्त में हमने इतने डोज (18 करोड़) लगा दिए जितने जी-7 के सातों विकसित देश (10 करोड़) मिलकर भी नहीं लगा सके। भारत में तीन वैक्सीन लगाई जा रही हैं। कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक। अन्य वैक्सीन की परीक्षण सहित तमाम प्रक्रियाएं अंतिम चरणों में हैं। बच्चों के लिए वैक्सीन भी जल्द आ सकती है।

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