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अकाल मृत्यु से बचने के लिए नरक चतुर्दशी के दिन करें यह उपाय. - श्रीनारद मीडिया

अकाल मृत्यु से बचने के लिए नरक चतुर्दशी के दिन करें यह उपाय.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हिंदू धर्म में छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी या नरक चौदस के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 03 नवंबर 2021 (बुधवार) को मनाया जाएगा। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध किया था। एक अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार माना जाता है कि इस समय पितृपक्ष में धरती लोक पर आए पितृगण वापस परलोक लौट रहे होते हैं।

माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीप दान करने से नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि नरक चतुर्दशी के दिन कैसे पूजा करनी चाहिए –

नरक चतुर्दशी पर ऐसे जलाएं दीपक  

सबसे पहले दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके एक चौमुखा दीपक और सोलह छोटे दीपक जलाकर एक थाली में रखें।

अब पूजा स्थल को साफ करें और माँ लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश को धूप, पुष्प, अक्षत, दीप, फल आदि अर्पित करें।

इसके बाद अपने कार्यस्थल की भी पूजा करें।

नर्क चतुर्दशी के दिन एक पात्र में तिल वाला जल भरें और दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके यमराज का तर्पण करें। शाम के समय यमराज के लिए भी दीपदान करें। माना जाता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।

नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम

नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी किसी भी जीव को न मारें। इस दिन यमराज की पूजा की जाती है और यदि इस दिन आप किसी जीव की हत्या करते हैं तो यमराज क्रोधित हो जाते हैं।

नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी दक्षिण दिशा को गंदा न रखें। ऐसा करने से आपको यमराज का आर्शीवाद प्राप्त नही होगा और इससे आपके पितर भी नाराज हो जाएंगे।

नरक चतुर्दशी के दिन जिन लोगों के पिता जीवित हैं उन्हें भूलकर भी तिल से यम देव का तर्पण नहीं करना चाहिए।

नरक चतुर्दशी के दिन तेल का दान नहीं करना चाहिए।  ऐसा करने से माँ लक्ष्मी आपके घर से नाराज होकर चली जाएंगी।

नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी मांसाहार और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा और आपको नर्क की यातनाएं भोगनी पड़ेगी।

नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी झाड़ू को पैर ना मारें और ना ही झाड़ू को खड़ा करके रखें। ऐसा करने से माँ लक्ष्मी का अपमान होता है और लक्ष्मी नाराज होकर घर से चली जाती हैं।

 

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