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इस प्रकार के बयान देने से उनका क्या मतलब है-सुप्रीम कोर्ट. - श्रीनारद मीडिया

इस प्रकार के बयान देने से उनका क्या मतलब है–सुप्रीम कोर्ट.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के बयान की वजह से राजस्‍थान के उदयपुर में दर्जी कन्‍हैया लाल की हत्या कर दी गयी. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ‘‘व्यथित करने वाली” टिप्पणी को लेकर उन्हें शुक्रवार को फटकार लगायी है. कोर्ट ने कड़े शब्‍दों में कहा है कि इस बयान के कारण देश में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा ने पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए या किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत या किसी घृणित गतिविधि के तहत की है.

-न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी के लिए विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने की शर्मा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

-सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को याचिका वापस लेने की अनुमति दी.

-सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ये बयान बहुत व्यथित करने वाले हैं और इनसे अहंकार की बू आती है.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के बयान देने से उनका क्या मतलब है? इन बयानों के कारण देश में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं. ये लोग धार्मिक नहीं हैं. वे अन्य धर्मों का सम्मान नहीं करते.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये टिप्पणियां या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए की गईं अथवा किसी राजनीतिक एजेंडे या घृणित गतिविधि के तहत की गईं.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब आप किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराते हैं, तो उस शख्‍स को गिरफ़्तार कर लिया जाता है, लेकिन इस मामले में आपके ऊपर किसी ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की, जो आपका दबदबा दर्शाता है.

-निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज़ सभी प्राथमिकी को जांच के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

-नूपुर शर्मा का कहना है कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां दी जा रही है.

-सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा को उनके खिलाफ दर्ज़ सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए राहत देने से इनकार कर दिया है. नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है.

-मामले पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि केवल नूपुर शर्मा को नहीं, भाजपा को भी माफी मांगनी चाहिए.

भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को जांच के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने की अपील की है. शर्मा का कहना है कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.

अदालत ने लगाई फटकार: वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण पर निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा को जमकर फटकार लगाई. हालांकि, अदालत में शर्मा की याचिका पर सुनवाई अभी हो रही है. मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कहा कि उनके बयानों से देश में अशांति फैली है. SC ने ये भी कहा कि, उन्होंने “राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा” दिया है. बता दें, एक टीवी डिबेट के दौरान शर्मा ने पैगंबर पर विवादित टिप्पणी कर दी थीं, जिसके कारण उन्हे जांच का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा ने भी उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है.

नूपुर शर्मा के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को नूपुर शर्मा की ओर से तैनात वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है. साथ ही अपनी टिप्पणियों को भी वापस ले लिया है. इस पर SC ने ने फटकार लगाते हुए कहा कि उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.

देश में मांगनी चाहिए माफी: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- उन्हें टीवी पर जाकर देश से माफी मांगनी चाहिए थी. उनके बयान ने पूरे देश में आग लगा दी है. SC ने कहा कि टीवी चैनल और नूपुर शर्मा को ऐसे मामले से जुड़े किसी भी एजेंडे को बढ़ावा नहीं देना चाहिए, जो न्यायालय में विचाराधीन है.

 

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