सीवान के पूर्व विधायक व्यासदेव प्रसाद तीन साल तक कहीं भी नहीं लड़ सकेंगे चुनाव,क्यों ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में सीवान सदर के 105 विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के कद्दावर नेता तथा लगातार तीन बार विधायक रह चुके व्यास देव प्रसाद अब अगले 3 साल तक भारत के किसी भी कोने में विधानसभा,लोकसभा, राज्यसभा व विधान परिषद का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। बाकायदा भारत निर्वाचन आयोग ने यह कड़ा फैसला लिया है। दरअसल सदर के पूर्व भाजपा विधायक व्यासदेव प्रसाद पर यह आरोप गठित है कि उन्होंने आयोग के द्वारा लगातार तीन बार नोटिस भेजने के बावजूद भी चुनाव का ब्यौरा जमा नहीं कराया। जिसके बाद चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधी अधिनियम 1951 की धारा-10 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें 3 साल के लिए बैन कर दिया है।

इसके साथ ही चुनाव आयोग ने एक अन्य स्वतंत्र प्रत्याशी नेमतुल्लाह आजाद पर भी यह कार्रवाई की है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने यह फैसला 28 जुलाई 2021 को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सीवान के प्रतिवेदन व बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए प्रतिवेदन के आलोक में लिया है। बताया गया है इन्होंने सीवान विधानसभा क्षेत्र से 2020 के चुनाव में अपना व्यय विवरण जमा नहीं कराया था।

सदर सीट से 15 साल रहा भाजपा विधायक व्यासदेव प्रसाद का कब्जा

2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के अवध बिहार चौधरी वर्तमान समय में बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने सीवान से दो बार सांसद रहे बीजेपी के ओमप्रकाश यादव को मात दी थी। 2020 के चुनाव में सीवान सीट से बीजेपी ने सीटिंग विधायक व्यासदेव प्रसाद को टिकट काटकर ओमप्रकाश को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली। जिसकी वजह से 2020 का चुनाव व्यास देव प्रसाद ने स्वतंत्र रूप से लड़ा था।

 

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