जीवन को सुखमय बनाता है मानश

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श्रीनारद मीडिया सुनील / मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी / सीता राम विवाह पंचमी के उपलक्ष में संकट मोचन मंदिर में चल रहे श्री रामचरितमानस नवाह पाठ के पांचवे दिन 111 भुदेवो ने मानस के दोहों व चौपाइयों का सस्वर पाठ किया। आचार्य राघवेंद्र पांडे के आचार्यतव्य मे प्रातः 8:00बजे पांचवे दिन के पाठ का शुभारंभ हुआ। कथा के यजमान प्रेमचंद मेहरा ने मानस पोथी, व्यास गादी एवं आचार्य एवं भूदेवों का पूजन अर्चन का पाठ का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा कि श्रीरामचरितमानस जीवन को सुखमय बनाने का सबसे उत्तम साधन है।मानस में मानव को यश वैभव प्राप्ति के सभी साधन उपलब्ध है ।साथ ही मानस को जीवन मे उतारने वाले का जीवन पूरी तरह से राममय हो जाता है उसे हर सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। कथा के अंत में यजमान प्रेमचंद मेहरा ने भागवत पोथी की आरती कर भक्तों में प्रसाद का वितरण किया।

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