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सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र बन सकता है एक पथ प्रदर्शक: PM मोदी - श्रीनारद मीडिया

सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र बन सकता है एक पथ प्रदर्शक: PM मोदी

सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र बन सकता है एक पथ प्रदर्शक: PM मोदी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी सहित कई मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद विश्व में ‘विश्वास के अभाव’ का बहुत बड़ा संकट सामने आया है।

क्या कुछ बोले PM मोदी?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम कोविड महामारी को जब हरा सकते हैं तो आपसी विश्वास पर आए संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा जी-20 के प्रेसिडेंट के तौर पर आज भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिलकर सबसे पहले इस ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्वास, एक भरोसे में बदले। यह साथ मिलकर चलने का समय है। इसलिए सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र हम सभी के लिए एक पथ प्रदर्शक बन सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वप्रथम संबोधन की शुरुआत मोरक्को में आई त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए की और कहा कि इस कठिन समय में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के साथ है और हम उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं।

नई दिल्ली के ‘भारत मंडपम’ में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा सहित अन्य सम्मिलित हुए। हालांकि, इस शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शामिल नहीं हो रहे हैं।

अफ्रीकी संघ का स्वागत

जी-20 शिखर सम्मेलन में 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने सबका साथ भावना से एक प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता दी जाए। मेरा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सबकी सहमति है।

भारत ने स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन शुरू करने की घोषणा की। पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी की उपस्थिति में ‘ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस’ का शुभारंभ किया, और अन्य विश्व नेताओं को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

इसको लेकर भी प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का शुभारंभ स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में हमारी खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है। मैं इस गठबंधन में शामिल होने वाले सदस्य देशों को धन्यवाद देता हूं।

पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “वन अर्थ विषय पर जी20 शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र में भाषण दिया। उस दौरान मानव केंद्रित विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जिस पर भारतीय संस्कृति ने हमेशा जोर दिया है।”

साथ ही, उन्होंने कहा, “‘वन अर्थ’ की भावना के साथ ही भारत ने LiFE मिशन जैसी पहल पर काम किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष पर जोर दिया है, ग्रीन ग्रिड पहल शुरू की है- एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड, सौर ऊर्जा का उपयोग, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को प्रोत्साहित किया।”

स्पेन की मंत्री ने रखा अपना पक्ष

‘वन अर्थ’ सत्र के समाप्त होने के बाद स्पेन की मंत्री नादिया कैल्विनो सांतामारिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस सत्र में काफी अहम मुद्दों पर बात की गई और अफ्रीकी यूनियन को जी20 समूह का आधिकारिक सदस्य बनाया गया है।

उन्होंने मीडिया से कहा, “जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में, जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग करने और मिलकर काम करने की हमारी संयुक्त क्षमता में विश्वास को मजबूत करने का आह्वान किया गया है।”

साथ ही, उन्होंने कहा, “जी20 समूह का हिस्सा बनने के लिए अफ्रीकी संघ को बधाई देती हूं और साथ ही इस साल जी20 की अध्यक्षता करने के लिए भारत को भी बधाई देती हूं। पेरिस में किए गए समझौते को पूरा करने के लिए संयुक्त सहमति हुई है। साथ ही, कल होने वाले सत्र में भी कई मुद्दों पर संयुक्त सहमति होने की उम्मीद है।”

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने जारी किया वक्तव्य

जी-20 के पहले सत्र ‘वन अर्थ’ में यूरोपीय आयोग (ईयू) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी शामिल हुईं। उन्होंने पहले सत्र के समाप्त होने के बाद कहा, “अकेले अगले 5 सालों में, यूरोपीय संघ हमारी ग्लोबल गेटवे योजना के माध्यम से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोजन में कम से कम 4 बिलियन यूरो का निवेश करेगा।”

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