Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
लता दीदी ने सात दशकों तक अपनी मधुर आवाज के संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज किया - श्रीनारद मीडिया

लता दीदी ने सात दशकों तक अपनी मधुर आवाज के संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज किया

लता दीदी ने सात दशकों तक अपनी मधुर आवाज के संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज किया

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):

मध्य प्रदेश के इंदौर में 28 सिंतबर 1929 को जन्मीं लता मंगेशकर (मूल नाम हेमा हरिदकर) के पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी रंगमंच से जुड़े हुये थे। पांच वर्ष की उम्र में लता ने अपने पिता के साथ नाटकों में अभिनय करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही लता संगीत की शिक्षा अपने पिता से लेने लगीवर्ष 1942 मे लता को ‘पहली मंगलगौर’ में अभिनय करने का मौका मिला।

संगीत की देवी लता मंगेश्कर ने जितने भी गाने गाए हैं सभी सुपर डुपर हिट साबित हुये हैं। उन्होंने एक से एक बढ़कर गीत गाकर लोगों का दिल जीता। वर्ष 1949 में फिल्म महल के गाने आयेगा आने वाला गाने के बाद लता बालीवुड में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गयी।

सी.रामचंद्र के संगीत निर्देशन में लता ने प्रदीप के लिखे गीत पर एक कार्यक्रम के दौरान एक गैर फिल्मी गीत ए मेरे वतन के लोगों गाया। इस गीत को सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू इतने प्रभावित हुये कि उनकी आंखो मे आंसू आ गये। लता के गाये इस गीत से आज भी लोगो की आंखे नम हो उठती है ।लता दी ने भारतीय सिनेमा के संगीत जगत को नया आयाम दिया। गायकी के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता। लता मंगेशकर हर सिंगर की आइडल रही हैं. लता के सहाबहार गानों को सुन आज भी फैंस झूम उठते हैं।

भारत की स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर जिन्हें हम प्यार से लता दीदी भी कहते हैं। लता दीदी ने सात दशकों तक अपनी मधुर आवाज के जादू से सभी को मदहोश कर दिया। लता दी आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन फिजां के कण-कण में उनकी आवाज गूंजती महसूस होती है।

लता दीदी की आवाज के दीवाने भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में मौजूद है। उनके सदाबहार गीतों ने पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध किया है।लता मंगेशकर के आइकॉनिक गाने, जो आज भी दिल छू जाते हैं। राज कपूर लता के आवाज के इस कदर प्रभावित थे कि उन्होने लता मंगेश्कर को सरस्वती का दर्जा तक दे रखा था। लता मंगेश्कर को उनके सिने करियर में चार बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

लता मंगेशकर को उनके गाये गीत के लिये वर्ष 1972 में फिल्म परिचय, वर्ष 1975 में कोरा कागज और वर्ष 1990 में फिल्म लेकिन के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उनको वर्ष 1969 में पदमभूषण, वर्ष 1989 में दादा साहब फाल्के सम्मान, वर्ष 1999 में पदमविभूषण, वर्ष 2001 में भारत रत्न से नवाजा गया। 06 फरवरी 2022 को सुर सम्राज्ञी लता मंगेश्कर ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

यह भी पढ़े

अनंत चतुर्दशी के दिन होती है भगवान विष्णु की पूजा  : डा. नम्रता आनंद

कृषि क्षेत्र में संकर बीज को लेकर क्या चिंताएँ है?

शिक्षकों का रथ सीवान पहुंचा, सैकड़ों शिक्षकों ने किया स्वागत

चक्रपाणि पाण्डेय को मिला मिस्टर सुपर मॉडल ऑफ इंडिया 2023 का खिताब

मुखिया संघ दो खेमा में बंटा, दोनों पक्ष 20 में 11 के समर्थन का किया दावा

Leave a Reply

error: Content is protected !!