सिंगापुर में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन संपन्न

सिंगापुर में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन संपन्न

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सिंगापुर में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन संपन्न सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग तथा सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रीय हिंदी सम्मेलन में 13-15 सितंबर 2024 को संपन्न हुआ।

इस सम्मेलन में दक्षिण पूर्व एशिया में हिंदी, प्रवासी साहित्य और दक्षिण पूर्व एशिया, एशियाई हिंदी संस्थानों के बीच सहयोग, मीडिया और हिंदी, हिंदी शिक्षण में कृत्रिम मेधा, हिंदी शिक्षण की अधुनातन प्रविधियाँ, द्वितीय भाषा विद्यार्थियों के लिए हिंदी व्याकरण, अनुवाद, अध्यापक प्रशिक्षण और नवीनीकरण कार्यक्रम, व्यापार भाषा के रूप में हिंदी आदि महत्वपूर्ण विषयों पर सारगर्भित चर्चा हुई। सम्मेलन की अध्यक्षा सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की भारतीय भाषा अध्ययन केंद्र की प्रमुख डॉ. संध्या सिंह थीं।

सम्मेलन में सिंगापुर के अलावा वितयनाम, मलेशिया, थाईलैंड, मॉरीशस, और भारत के विद्वानों, अध्यापकों, और हिंदी कर्मियों ने भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से प्रमुख साहित्यकार, शिक्षाविद, और भाषाविद प्रो. राजेश कुमार, श्री संतोष चौबे, श्रीमती माधुरी रामधारी, प्रो. सुरेंद्र दुबे, प्रो. वी.रा. जगन्नाथन, दिव्या माथुर, अनिल जोशी, डॉ. पद्मा सवांगश्री, डॉ जवाहर कर्नावट, डॉ. जमुना बीनी, शशशिरि सुवर्णदिव्य, प्रो. शीतांशु कुमार, कित्तिपोंग बून्कर्ड, आदि थे। सम्मेलन में कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

उपलब्धि अगला विश्व हिंदी सम्मेलन सिंगापुर में आयोजित करने के प्रस्ताव की स्वीकृति था। इसके अलावा सम्मेलन में शिक्षकों के लिए मार्गदर्शिका तैयार करने, हिन्दी द्वितीय भाषा के लिए अलग व्याकरण पुस्तक की रचना, हिंदी शिक्षण में कृत्रिम मेधा के उपयोग के लिए मार्गदर्शिका तैयार करने, पाठ्यक्रम को प्रायोगिक बनाने और रोज़गार से जोड़ने, सभी मीडिया में सीखने की सामग्री बड़ी संख्या में उपलब्ध करवाने, हिंदी के व्यापारिक रूप को विकसित करने, भारतीय भाषा महोत्सव का आयोजन वार्षिक आधार पर करने, और दक्षिण पूर्व एशिया हिन्दी प्रवासी साहित्यकार संस्था का गठन करने से संबंधित प्रस्ताव पारित किए गए।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!