भारत 11 शास्त्रीय भाषाओं वाला एकमात्र देश- अमित शाह

भारत 11 शास्त्रीय भाषाओं वाला एकमात्र देश- अमित शाह

केंद्रीय हिंदी समिति की 32 वीं बैठक में अमित शाह ने हिंदी के विकास को लेकर चर्चा की

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारत के विकास में युवा पीढ़ी की क्षमता का शत प्रतिशत उपयोग करने के लिए अपनी मातृभाषा में पढ़ने, सोचने और विश्लेषण करने पर जोर दिया। नई दिल्ली स्थिति सुषमा स्वराज भवन में केंद्रीय हंदी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश में प्राथमिक और माध्यमिक से लेकर इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराकर सभी भाषाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय हिंदी समिति हिंदी के विकास और प्रसार के संबंध में दिशा-निर्देश देने वाली सर्वोच्च समिति है। अमित शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों को भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौरवमयी कालखंड बताते हुए कहा कि इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई बड़ी पहल की है। उनके अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिंदी में बोलकर राषभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाने का काम किया है।

11 शास्त्रीय भाषाओं वाला भारत एकमात्र देश: शाह

उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा का भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होना इन भाषाओं के विकास के लिए प्रेरणादायी परिवर्तन है और इससे देश की क्षमता का शत-प्रतिशत इस्तेमाल संभव हो सकेगा। पिछले महीने पांच और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा मिलने से भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश बन गया है, जहां 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।

अमित शाह के अनुसार, हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोष बनाना, भारतीय भाषा अनुभाग स्थापना और देश के विभिन्न हिस्सों में राजभाषा सम्मेलन का आयोजन तीन ऐसे बड़े काम हैं, जिन्हें मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में हिंदी को सशक्त बनाने के लिए किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोष अगले पांच सालों में दुनिया का सबसे समृद्ध शब्तकोष बन जाएगा। इसी तरह से भारतीय भाषा अनुभाग तकनीक का प्रयोग विभिन्न भारतीय भाषाओं के बीच अनुवाद को सुगम बनाने का काम कर रहा है।

हिंदी को मजबूत करने के लिए बताए दो बड़े काम

अमित शाह ने हिंदी को मजबूत करने के लिए दो बड़े काम किये जाने की जरूरत पर बल दिया। इनमें एक हिंदी साहित्य को मजबूत करना व व्याकरण के लिए दीर्घकालीन नीति बनाना और दूसरा आधुनिक शिक्षा के सभी पाठ्यक्रमों का हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद करना है। उन्होंने हिंदी को सर्वस्वीकृत और लचीली बनाने पर भी बल दिया।

दिल्ली में केंद्रीय हिंदी समिति की 32 वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने भाग लिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाषाओं के संरक्षण को लेकर मोदी सरकार के कार्यकाल में खूब काम किया गया. समय-समय पर इसके लिए प्रचार भी किए जाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में कुछ समय पहले ही पांच और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा में शामिल किया गया.

उन्होंने भारतीय भाषाओं को लेकर आंकड़ों के जरिए बताया कि 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं में शामिल करने वाला अकेला एकमात्र देश है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सार्वजनिक मंचों से हिंदी भाषा के इस्तेमाल और बोले जाने के लिए देशवासियों को प्रेरित किया है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हिंदी भाषा के व्यापक तौर पर प्रचार-प्रसार के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी इसके बारे में चर्चा की है.

भाषा के प्रचार का ‘गोल्डन काल’

उन्होंने कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिंदी में अपनी बात को कहकर प्रधानमंत्री ने इसके प्रचार में बेजोड़ काम किया है. अमित शाह ने कहा कि 2014 से 24 के बीच प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भाषा के प्रचार का गोल्डन काल रहा है. उन्होंने समिति की बैठक में कहा कि जब बच्चे अपने शुरुआती शिक्षा को ग्रहण की शुरुआत मातृभाषा में करते हैं तो वो अपनी क्षमताओं का पूरा विकास कर सकते हैं.

संपर्क भाषा के रूप में हो स्थापित

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय हिंदी समिति इस उद्देश्य से काम करती है कि हिंदी साहित्य का संरक्षण किया जाना चाहिए. उन्होंन कहा कि हिंदी को इस्तेमाल करके देश की संपर्क भाषा के रूप में स्थापित की जाए. भाषा सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार ने पिछले 5 सालों में किए गए कामों को लेकर बताया कि ‘हिंदी शब्दसिंधु’ शब्दकोष को तैयार किया गया.

उन्होंने कहा कि आने वाले 5 सालों में इसे इतना ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा कि ये दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला शब्दकोष बन जाएगा. उन्होंने हिंदी की शक्ति को बताते हुए कहा कि जब तक हम सभी भारतीय भाषाओं को मजबूत करने कि दिशा में काम रहे होते हैं तो इससे हम अपने विकास को मजबूत करते हैं.

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