डीएवी पीजी कॉलेज में शाश्वत विकास में रसायन विज्ञान के अनुप्रयोग पर राष्ट्रीय सेमिनार में मंथन

डीएवी पीजी कॉलेज में शाश्वत विकास में रसायन विज्ञान के अनुप्रयोग पर राष्ट्रीय सेमिनार में मंथन

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

 

दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों से आए विशेषज्ञ कर रहे शोध संवाद

 

श्रीनारद मीडिया, सीवान  (बिहार):

सीवान। ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन से जूझ रही दुनिया के लिए आशा की एकमात्र किरण शाश्वत विकास की संकल्पना ही है। इसलिए आजकल हर विज्ञान की विधा शाश्वत विकास में अपनी भूमिका को तलाश रही है। ताकि पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन हो सके। इसी संदर्भ में मंगलवार को नगर के डीएवी पीजी कॉलेज के श्री वैद्यनाथ प्रसाद सभागार में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ। जिसमें देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से आए विशेषज्ञ शोध संवाद कर रहे हैं। सेमिनार का विषय ‘ रिसेंट ट्रेंड्स इन केमिकल साइंस फॉर सस्टेनेबल डेवलेपमेंट ‘ रखा गया है।

 

मंगलवार को राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में सर्वप्रथम दाढ़ी बाबा, जयप्रकाश नारायण, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया गया। दीप प्रज्जवलन के बाद आगत अतिथियों का स्वागत किया गया।जय प्रकाश विवि छपरा के कुलपति प्रोफेसर प्रमेंद्र कुमार बाजपेई ने ऑनलाइन संबोधन में सेमिनार को शिक्षकों और शोध छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रसायन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पतिराम पांडेय रहे। रसायन विभाग के प्रोफेसर ( डॉक्टर) शमशाद अहमद ने स्वागत भाषण दिया।

इस अवसर पर डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉक्टर) केपी गोस्वामी ने अपने उद्बोधन में कॉलेज में राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन पर हर्ष जताया और उसके लाभप्रद होने की कामना की।

बतौर सम्मानित अतिथि जे पी विवि के अकादमिक सेल के इंचार्ज प्रोफेसर रामनाथ प्रसाद भी मौजूद रहे। जयप्रकाश विश्वविद्यालय की जूलॉजी की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉक्टर)रीता कुमारी ने विषय प्रवेश कराते हुए शाश्वत विकास की संकल्पना को स्पष्ट किया और अन्य प्राकृतिक विज्ञानों में इस संकल्पना के अंगीकृत करने के महत्व को बताया।

इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। कुछ शोधार्थियों ने भी अपनी बातें रखी। आभार ज्ञापन डॉक्टर रुचिका जरयाल ने किया।

इस मौके पर प्रोफेसर रवींद्र नाथ पाठक, डॉक्टर धर्मेंद्र यादव, डॉक्टर गणेश दत्त पाठक सहित नगर के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापकगण और शोधार्थियों सहित भारी संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डीएवी पीजी कॉलेज, सीवान के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पतिराम पांडेय ने किया। इस सत्र में एनवायरनमेंटल साइंस, एग्रीकल्चर केमिस्ट्री, एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजीज, रोल ऑफ नैनो मैटीरियल, नैनो सेंसर्स, नैनो पेस्टीसाइड्स, नैनो यूरिया इन एग्रीकल्चर साइंस आदि विषयों पर शोध संवाद हुआ।

इस सत्र में ए एन डी यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, अयोध्या के रिटायर्ड प्रॉफेसर सह वरिष्ठ वैज्ञानिक (डॉक्टर) रवि प्रकाश मौर्य, शुगर केन रिसर्च इंस्टीट्यूट, सिरोही के साइंटिफिक ऑफिसर डॉक्टर योगेंद्र प्रसाद भारती, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर रतीश कुमार ने शोध संवाद स्थापित किया।

 

द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता जय प्रकाश विवि, छपरा की जूलॉजी की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉक्टर) रीता कुमारी ने किया। इस सत्र में ग्रीन सिंथेसिस एंड कैटलिस्ट, नैनो टेक्नोलॉजी के एनवायरनमेंटल एप्लिकेशन, सस्टेनेबल डेवलेपमेंट आदि विषयों पर शोध संवाद कायम किया गया।

इस सत्र में एएनडीयू ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, अयोध्या के प्रोफेसर (डॉक्टर) सुमन मौर्य, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, हाजीपुर के रिसर्च साइंटिस्ट डॉक्टर राहुल यादव ने शोध संवाद कायम किया। इसके बाद ओरल प्रेजेंटेशन हुआ।

Leave a Reply

error: Content is protected !!