दुष्प्रचार कर रहा पाकिस्तान
एक भारतीय सरकारी अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान का हालिया फेक न्यूज प्रोपेगेंडा सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के संयमित, लेकिन दृढ़ रुख के सामने उसकी हताशा का प्रमाण है। पारदर्शिता, पेशेवर ईमानदारी और संवैधानिक निगरानी में दृढ़ भारतीय सशस्त्र बल इस कुत्सित प्रयास से विचलित नहीं होंगे।
झूठ फैलाने की कोशिश विफल
कुछ पाकिस्तानी चैनलों और ट्रोल नेटवर्क ने आरोप लगाया कि रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को कथित चूक के बाद बर्खास्त कर दिया गया और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के काला पानी में निर्वासित कर दिया गया। जबकि, लेफ्टिनेंट जनरल राणा को अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदोन्नत किया गया था।
भारत-पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने अपने जवान मुनीर अहमद को पाकिस्तानी महिला से अपनी शादी की बात छिपाने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। मुनीर अहमद का यह काम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक पाया गया। जवान की आखिरी तैनाती देश के प्रमुख आंतरिक सुरक्षा बल सीआरपीएफ की 41वीं बटालियन में थी।
आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि उसे उन नियमों के तहत सेवा से बर्खास्त किया गया है, जिसके तहत जांच की जरूरत नहीं होती। सीआरपीएफ के प्रवक्ता उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एम दिनाकरन ने कहा, “मुनीर अहमद को पाकिस्तानी नागरिक से अपनी शादी को छिपाने और जानबूझकर उसके वीजा की वैधता से परे उसे शरण देने के कारण तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।”
पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर उठाए गए कूटनीतिक उपायों के तहत भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहने के बाद अहमद की मीनल खान के साथ शादी का पता चला था। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। दोनों ने पिछले साल 24 मई को एक वीडियो कॉल के जरिए शादी की थी। सीआरपीएफ की जांच में पाया गया कि जवान ने संबंधित अधिकारियों को अपनी शादी और उसके भारत में रहने की सूचना नहीं दी थी।
आतंकी हमले के बाद भारत ने पाक के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने अल्पकालिक वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों के साथ-साथ भारत में इस्लामाबाद के शीर्ष सैन्य अधिकारियों को देश छोड़ने का निर्देश दिया था। अन्य ऐक्शन में सैन्य राजनयिकों को अवांछित व्यक्ति घोषित करना, अटारी-वाघा सीमा को बंद करना, सिंधु जल संधि को रोकना, पाकिस्तानी जहाजों को भारत में प्रवेश करने से रोकना और सभी पाकिस्तानी आयातों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।