मोहिनी एकादशी व्रत 8 मई गुरुवार को।
श्री नारद मीडिया,उत्तम कुमार, दारौंदा, सिवान, बिहार।
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सिवान जिले के सभी प्रखंडो सहित दारौंदा प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों मेंपूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मोहिनी एकादशी ( लक्ष्मीनारायण एकादशी ) का पर्व 8 मई गुरुवार को मनाया जाएगा ।
पंचांग के अनुसार एकादशी व्रत वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती हैं। एकादशी व्रत विष्णु भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की आराधना करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मोहिनी एकादशी का नाम भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब देवता और असुर अमृत के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर अमृत देवताओं को प्रदान किया। इसी घटना की स्मृति में इस एकादशी का नाम ‘मोहिनी एकादशी’ पड़ा।
इस दिन भक्त सुबह-सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लेते हैं। घरों में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। तुलसी के पत्तों, पीले फल, फूल और पंचामृत से भगवान का पूजन कर विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। दिनभर निर्जला या फलाहारी व्रत रहकर और रात्रि में भजन-कीर्तन करते हैं।
माना जाता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्रत मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आर्थिक समृद्धि देने वाला भी माना गया है। इस व्रत को विशेष रूप से संतान प्राप्ति और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भी रखा जाता है।
मोहिनी एकादशी का पर्व भक्तों के लिए अध्यात्म, अनुशासन और ईश्वर भक्ति का अद्भुत संगम है।