तुर्किए का पाकिस्तान को साथ देना महंगा पड़ रहा है,कैसे?
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priyranjan singh
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जेएनयू और एलपीयू ने भी तुर्किए के साथ MoU रद कर दिए
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन तुर्किए के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। भारत में एक के बाद एक तुर्किए के लिए कमाई के सारे अवसर बंद हो रहे हैं। एयरलाइंस से लेकर IIT तक तुर्किए की कंपनी और संस्थाओं के साथ किए गए समझौते रद किए जा रहे हैं। अब इस लिस्ट में IIT बॉम्बे (IIT Bombay Suspends MoU with Turkey) का नाम भी शामिल हो चुका है। IIT बॉम्बे ने तुर्किए की एक यूनिवर्सिटी के साथ किए गए सारे समझौते रद कर दिए हैं। IIT बॉम्बे ने एक्स पर पोस्ट शेयर करके इसकी जानकारी दी है।
IIT बॉम्बे ने दी जानकारी
IIT बॉम्बे ने एक्स पर लिखा कि, “वर्तमान में तुर्किए के साथ जो भूराजनीतिक परिस्थितियां बनी हैं, उन्हें देखते हुए IIT बॉम्बे ने तुर्किए के विश्वविद्यालय के साथ किए गए सारे समझौते रद कर दिए हैं। अगला आदेश आने तक यह फैसला लागू रहेगा।”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद उठाया कदम
बता दें कि IIT बॉम्बे ने तुर्किए की यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर फैकेल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम चलाया था। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किए ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया, जिसके बाद भारत में तुर्किए के लिए व्यापार के रास्ते धीरे-धीरे बंद होने लगे हैं।
अन्य विश्वविद्यालयों ने भी तोड़ा करार
IIT बॉम्बे से पहले IIT रुड़की ने भी तु्र्किए से शैक्षणिक करार खत्म कर दिया था। इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), जामिया मिलिया इस्लामिया और प्राइवेट विश्वविद्यालय लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने भी तुर्किए और अजरबैजान के विश्वविद्यालयों के साथ सभी समझौतों को रद कर दिया था।
पिछले कई दिनों से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस खबर की चर्चा थी कि 18 मई तक ही भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan Ceasefire) के बीच युद्ध विराम है।लेकिन अब सेना ने इन खबरों को लेकर बयान जारी किया है। भारतीय सेना (Indian Army) ने यह साफ कर दिया है कि 18 मई को डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेवल की कोई वार्ता निर्धारित नहीं है।
सेना ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात की चर्चा थी की 18 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच का सीजफायर समाप्त हो जाएगा। इस खबर के बाद से कई लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई थी। हालांकि, सेना ने अब स्पष्ट बयान जारी कर बताया है कि दोनों देशों के बीच संघर्म विराम के समाप्त होने की खबर पूरी तरह से गलत है।
‘बातचीत नहीं है निर्धारित’
भारतीय सेना ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा यह भी दावा किया जा रहा था कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ लेवल की बातचीत 18 मई के लिए निर्धारित है। लेकिन ऐसी कोई बातचीत निर्धारित नहीं है।
सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बात हुई थी और सीजफायर को लेकर सहमति बनी थी। उसकी कोई समाप्ती तिथि निर्धारित नहीं की गई है। यानी यह अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।
क्या है मामला?
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से कुछ मीडिया हाउस में यह खबर फैलाई जा रही थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच का सीजफायर 18 मई को समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही, DGMO स्तर की बातचीत को लेकर भी दावा किया जा रहा था कि 18 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ बात करेंगे।हालांकि, सेना के बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम जारी रहेगा और इसे समाप्त करने की कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है।