पुलिस को बसव राजू की पांच दशकों से थी तलाश,क्यों?

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नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में मील का पत्थर: अमित शाह

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बसव राजू की सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत पांच दशक से आंतरिक सुरक्षा के लिए नासूर बने हुए नक्सलवाद के ताबूत की आखिरी कील साबित हो सकती है। जाहिर है केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इसे नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में मील का पत्थर करार दिया है। बसव राजू न सिर्फ पार्टी महासचिव के रूप में सीपीआइ (माओवाद) का सर्वोच्च नेता था, साथ ही सेंट्रल मिलिट्री कमेटी के प्रमुख के रूप में लड़ाकू दस्ते का भी प्रमुख था। उसकी मौत से नेतृत्वविहीन नक्सलियों के संगठन का बिखरना निश्चित माना जा रहा है।

अमित शाह ने दी सुरक्षाबलों को बधाई

नक्सलियों के खिलाफ इस बड़ी सफलता के लिए अमित शाह ने सुरक्षा बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि तीन दशक में पहली बार सुरक्षा बलों को महासचिव स्तर के टाप नक्सल कमांडर को मारने में सफलता मिली है। शाह ने बसव राजू को नक्सल आंदोलन की रीढ़ की हड्डी बताया। मतलब यह कि उसकी मौत के साथ ही नक्सलवाद पुराने स्वरूप में कभी खड़ा नहीं हो पाएगा।

शाह के अनुसार ऑपरेशन ब्लैक फारेस्ट के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा कुर्रेगु्ट्टा पहाड़ी पर स्थित हेडक्वार्टर को ध्वस्त करने के बाद से ही नक्सलियों के हौसले पस्त हैं और उनका कैडर नेतृत्वहीन हो गया है। इसका परिणाम है कि 11 मई को आपरेशन ब्लैक फारेस्ट के खत्म होने के बाद 10 दिनों में ही 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए मोदी सरकार कटिबद्ध: शाह

वैसे इस साल आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या 800 पार चुकी है, जबकि पिछले पूरे साल में 900 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। शाह ने साफ किया कि 31 मार्च 2026 के पहले नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए मोदी सरकार कटिबद्ध है।

तेलंगाना के वारंगल स्थित रिजीनल इंजीनिरिंग कॉलेज, जो अब एनआइटी बन गया है, से इंजीनियरिंग में स्नातक करने वाला बसव राजू उन चंद नक्सलियों में शामिल रहा है, जिसने 1987 में एलटीटीई से जंगल में गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग ली थी।
उसके बाद उसके नेतृत्व में भी तत्कालीन नक्सली संगठन पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) ने आइइडी के सहारे बड़े टारगेट पर हमले को अंजाम देना शुरू किया था। 2003 में आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर 11 आइईडी को विस्फोट कर हमला किया गया था, जिसमें वे बाल-बाल गए थे।
2004 में दो बड़े नक्सली ग्रुप पीडब्ल्यूजी और मार्कसिस्ट कोआर्डिनेशन कमेटी (एमसीसी) के विलय के बाद सीपीआइ (माओवादी) का गठन किया गया, जिसमें आइईडी बनाने और गुरिल्ला युद्ध में महारत को देखते हुए बसव राव को सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का प्रमुख बनाया गया।

अब नक्सलियों का एकजुट हो पाना मुश्किल लग रहा

खराब स्वास्थ्य के कारण जब 2018 में गणपति ने सीपीआइ (माओवादी) के महासचिव पद से इस्तीफा दिया तो, बसव राजू को उनकी जगह मिली। इस तरह से बसव राजू माओवादियों के राजनीतिक और मिलिट्री दोनों का प्रमुख बन गया। बसव राजू की मौत और सुरक्षा बलों के बढ़ते दबदबे के कारण अब नक्सलियों का एकजुट हो पाना मुश्किल लग रहा है।

सरकार से शांति वार्ता के लिए पांच पत्र लिख चुके नक्सलियों के प्रवक्ता अभय ने बस्तर में एक स्थानीय पोर्टल को दिये साक्षात्कार में स्वीकार किया है कि चारो तरफ सुरक्षा बलों की मौजूदगी के कारण उनके बड़े नेताओं का एक साथ मिलना संभव नहीं हो पा रहा है। यानी अलग-थलग पड़े बड़े नक्सली नेता सुरक्षा बलों के आपरेशन का जवाब देने के लिए कोई योजना बनाने की स्थिति में भी नहीं है।
देश में नक्सलवाद का सफाया करने के लिए सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने 27 माओवादियों को मार गिराया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए सुरक्षा बलों की तारीफ की है।
अमित शाह ने कहा कि सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने बताया कि नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसवराजू को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।

अमित शाह ने दी जानकारी

शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘नक्सलवाद को जड़ से मिटाने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। आज छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में एक ऑपरेशन में हमारे सुरक्षा बलों ने 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराया है।’

शाह ने लिखा, ‘इन नक्सलियों में सीपीआई-माओवादी के महासचिव, शीर्ष नेता और नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसवराजू भी शामिल हैं। नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि हमारे बलों द्वारा एक महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया गया है।’

पीएम मोदी ने भी जताई खुशी

  • अमित शाह ने कहा कि ‘मैं इस बड़ी सफलता के लिए हमारे बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना करता हूँ। यह बताते हुए भी खुशी हो रही है कि ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के पूरा होने के बाद, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।’
  • उन्होंने लिखा, ‘मोदी सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।’ वहीं पीएम मोदी ने सुरक्षाबलों की तारीफ की है। उन्होंने लिखा, ‘इस उल्लेखनीय सफलता के लिए हमें अपने सैन्य बलों पर गर्व है। हमारी सरकार माओवाद के खतरे को खत्म करने और अपने लोगों के लिए शांतिपूर्ण और प्रगतिशील जीवन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’
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