कालाजार उन्मूलन को लेकर की-इनफार्मर का होगा उन्मुखीकरण

कालाजार उन्मूलन को लेकर की-इनफार्मर का होगा उन्मुखीकरण
• जिले के सभी प्रखंडों के की-इनफार्मर को किया जायेगा प्रशिक्षित
• चार प्रखंडों में पिरामल फाउंडेशन देगा तकनीकी सहयोग
• कालाजार उन्मूलन लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत
• जिला वीबीडीसी ने जारी किया पत्र

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श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर,छपरा (बिहार):

कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। अब कालजार उन्मूलन को लेकर की-इनफार्मर का क्षमतावर्धन किया जायेगा। की-इनफार्मर – यानी आशा कार्यकर्ता, ग्रामीण चिकित्सक, स्थानीय दवा दुकानदार, पूर्व मरीज और पंचायत प्रतिनिधि – वे प्रमुख लोग हैं जो समुदाय स्तर पर कालाजार के लक्षणों की पहचान कर शुरुआती चरण में ही स्वास्थ्य विभाग को सूचना देते हैं। इन्हें सशक्त बनाने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिले के सभी प्रखंडों में की-इनफार्मर का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा माइक्रो-प्लान तैयार किया गया है।

 

कालाजार मरीजों की पहचान कर ससमय इलाज कराना आवश्यक:
इसको लेकर जिला वीबीडीसी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्राप्त कालाजार उन्मूलन को आगे भी उसी स्तर पर बनाएं रखने के लिए कालाजार के छिपे हुए मरीजों को जल्द से जल्द पहचान कर ससमय इलाज करवाना काफी महत्वपूर्ण है। जिससे संक्रमण को रोका जा सके। इसके लिए की-इनफार्मरों की उन्मुखीकरण काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कालाज़ार को जड़ से मिटाने के लिए जरूरी है कि हम उसके प्रत्येक संदिग्ध लक्षण की समय पर पहचान करें और प्रभावी उपचार को प्राथमिकता दें।

समुदाय आधारित निगरानी को मिलेगी मजबूती
इस पहल से समुदाय आधारित निगरानी प्रणाली को मजबूती मिलेगी। स्थानीय स्तर पर सक्रिय की-इनफार्मर ग्रामीणों को बीमारी के प्रति जागरूक करेंगे और संभावित मामलों को तुरंत स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचाने का काम करेंगे। इससे न केवल कालाजार के मामलों में कमी आएगी बल्कि बीमारी के पुनः प्रकोप की संभावना भी न्यूनतम होगी। आम नागरिकों से अपील की है कि वे बुखार या अन्य संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर लापरवाही न करें और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। इसके साथ ही की-इनफार्मरों के कार्य में सहयोग प्रदान करें, ताकि सारण जिला कालाजार मुक्त बन सके।

चार प्रखंडों में पिरामल को मिली जिम्मेदारी:
जिले के चार प्रखंडों में की-इनफार्मर को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी पिरामल फाउंडेशन को दी गयी है। जहां पर पिरामल के प्रतिनिधि तकनीक सहयोग कर की-इनफार्मर को प्रशिक्षित करेंगे। जिले के दरियापुर, एकमा, दिघवारा और छपरा सदर में 25-25 की-इनफार्मर को ट्रेनिंग दिया जायेगा।

क्या है कालाजार?
कालाजार एक गंभीर परजीवी रोग है जो विशेष प्रकार की बालू मक्खी के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, वजन में कमी, कमजोरी, तिल्ली और यकृत का बढ़ना शामिल हैं। समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा हो सकता है। हालांकि, अब इसका प्रभावी और सस्ता इलाज उपलब्ध है।

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