नोटों पर कैसे आई गांधी की फोटो?

नोटों पर कैसे आई गांधी की फोटो?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पांच एपिसोड वाली डॉक्यूमेंट्री RBI Unlocked: Beyond The Rupees जिओ हॉटस्टार पर आ चुकी है। आरबीआई ने इस सीरीज के बारे में 3 जून, 2025 को घोषणा करते हुए बताया था कि इसका उद्देश्य भारत के बैंकिंग रेगुलेटर के अंदरूनी कामकाज को दिखाना है।

सीरीज को मुंबई के प्रोडक्शन हाउस चॉकबोर्ड एंटरटेनमेंट ने प्रोड्यूस किया है। आरबीआई की प्रेस रिलीज में कहा गया, “भारतीय रिजर्व बैंक ने जियो हॉटस्टार के साथ मिलकर आईबीआई अनलॉक्ड: बियॉन्ड द रुपी टाइटल से पांच एपिसोड वाली एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज शुरू की। इस प्रोजेक्ट को चॉकबोर्ड एंटरटेनमेंट ने किया है।”

90 साल के इतिहास को दर्शाया गया

इस सीरीज के जरिए आरबीआई ने अपने 90 साल के इतिहास को बताने के साथ-साथ ये भी बताया गया कि भारत का बैंकिंग रेगुलेटर किस तरह से काम करता है। आरबीआई ने बयान में कहा, “यह प्रोजेक्ट आरबीआई की ओर से अपने 90 साल के इतिहास को विजुअल के जरिए दिखाने के लिए शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य इसके अलग-अलग कामों और भूमिकाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना था।”

कब-कब रिलीज किए गए इसके एपिसोड?

  • यह डॉक्यूमेंट्री आरबीआई की वर्किंग के बारे में पहली बार जानकारी दे रही है।
  • इसका पहला एपिसोड 3 जून।
  • दूसरा 14 जून।
  • तीसरा 21 जून।
  • चौथा 28 जून।
  • और पांचवां एपिसोड 5 जुलाई, 2025 को रिलीज किया गया।

आरबीआई ने आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा था, “एक फुल-सर्विस सेंट्रल बैंक के रूप में आरबीआई मुद्रा प्रबंधन, मौद्रिक नीति, बैंकों और एनबीएफसी का विनियमन और पर्यवेक्षण, मुद्रा और ब्याज दर का विनियमन, बाजार और भुगतान एवं निपटान प्रणाली और वित्तीय समावेशन सहित कई प्रकार के कार्य करता है। ऐसे में इस सीरीज में आरबीआई की कार्यप्रणाली की पूरी जानकारी शेयर की गई है।”

नोटो पर कैसे आई महात्मा गांधी की फोटो?

आरबीआई की डॉक्यूमेंट्री सीरीज में दिखाया गया है कि भारतीय रुपये पर किसी मशहूर शख्सियत की फोटो लगाने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा और मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे कई नामों पर चर्चा की गई लेकिन बाद में आम सहमति महात्मा गांधी के नाम पर बनी।

साल 1969 में महात्मा गांधी की 100वीं जयंती पर पहली बार महात्मा गांधी की फोटो 100 रुपये के नोट पर छापी गई। इसके बाद 1987 में 500 रुपये के नोट पर उनकी तस्वीर छापी गई। इसके बाद महात्मा गांधी सीरीज की शुरुआत हुई। सीरीज में ये भी बताया गया कि आरबीआई कैसे प्रिंटिंग प्रेस से लेकर देश के दूर इलाकों में नोट पहुंचाने के लिए ट्रेन, जलमार्ग और हवाई मार्ग तक का इस्तेमाल करता है।

कब और कैसे हुई आरबीआई की स्थापना?

आरबीआई देश का केंद्रीय बैंक है जो कि बैंकिंग नियामक है। ये देश की सभी बैंकों के लिए नियम बनाता है और इनके संचालन पर नजर रखता है। आरबीआई ही ब्याज दरें भी तय करता है। इसकी स्थापना अंग्रेजों के जमाने में की गई थी।

हिल्टन यंग आयोग की सिफारिशों के आधार पर देश की मुद्रा और साख पर कंट्रोल रखने के लिए रिजर्व बैंक का गठन किया गया था। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत इसकी स्थापना की गई और 1 अप्रैल 1935 से आरबीआई ने काम करना शुरू कर दिया था।

क्या-क्या हैं आरबीआई के काम?

भारतीय रिजर्व बैंक को नोट छापने का अधिकार है। केवल एक रुपये के नोट को छोड़कर आरबीआई सभी प्रकार के नोट छापती है। एक रुपये का नोट वित्त मंत्रालय की ओर जारी किया जाता है। इसके अलावा, आरबीआई भारत सरकार और बैंकों के लिए नियम भी बनाती है और ब्याज दरों का निर्धारण भी करती है। आरबीआई, देश की विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षक होता है। वह देश के फॉरेन एक्सचेंज रेट को स्थिर रखने के लिए विदेशी करेंसी को खरीदता और बेचता है।

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