‘ज्योति’ और ‘प्रसाद’ के बाद क्या अब भाजपा के होंगे ‘तुलसी’?

‘ज्योति’ और ‘प्रसाद’ के बाद क्या अब भाजपा के होंगे ‘तुलसी’?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश की सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी कांग्रेस में एक और टूट होने के आसार दिखाई दे रहे हैं. इसका कारण यह है कि मध्य प्रदेश के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया और उत्तर प्रदेश के जितिन प्रसाद का पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. कयास यह लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का कांग्रेस छोड़ने के बाद अब शायद केटीएस तुलसी भी पार्टी से अपना रास्ता अलग कर सकते हैं.

दरअसल, केटीएस तुलसी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म होने के पीछे अहम वजह वरिष्ठ राज्यसभा सांसद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना है. हालांकि, यह बात दीगर है कि तुलसी पीएम मोदी से अपनी दिवंगत मां द्वारा गुरु गोबिंद सिंह पर लिखी गई किताब भेंट करने के सिलसिले में मुलाकात की थी, लेकिन उनकी इस भेंट के बाद सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया.

सियासी हलकों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि केटीएस तुलसी निकट भविष्य में ही कांग्रेस से हाथ छुड़ाकर भाजपा के आंगन की शोभा बढ़ा सकते हैं. हालांकि, सियासी हलकों और विश्लेषकों के इस प्रकार के कयास पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की है. अलबत्ता, इन चर्चाओं पर केटीएस तुलसी ने जरूर कहा कि ऐसा नहीं है.

उन्होंने कहा कि किताब के प्रकाशक चाहते थे कि मैं इसकी एक प्रति पीएम मोदी को भेंट करूं. उन्होंने कहा कि सही मायने में, इस पुस्तक को वर्ष 2008 के दौरान गुरु गोबिंद सिंह की 300वीं जयंती के मौके पर प्रकाशित किया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने अपनी दिवंगत मां बलजीत कौर तुलसी की लिखी पुस्तक ‘द रामायण ऑफ श्री गुरु गोबिंद सिंह जी’ की पहली प्रति शुक्रवार को भेंट की. पुस्तक का प्रकाशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि ”स्वर्गीय श्रीमती बलजीत कौर तुलसी जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘द रामायण ऑफ श्री गुरु गोबिंद सिंह जी’ की पहली प्रति प्राप्त की, जो प्रसिद्ध वकील श्री केटीएस तुलसी जी की मां हैं. पुस्तक का प्रकाशन आईजीएनसीए द्वारा किया गया है.

साथ ही उन्होंने एक एक ऑडियो क्लिप साझा करते हुए कहा है कि ”हमारी बातचीत के दौरान, विद्वान श्री केटीएस तुलसी जी ने सिख धर्म के महान सिद्धांतों के बारे में बात की और गुरबानी शबद का पाठ भी किया. मैं उसके हावभाव से छू गया था.”

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान भाषण में गुरु गोबिंद सिंह जी के रामायण का उल्लेख किया था. हालांकि, उसके बाद विरोध भी शुरू हो गया था. उन्होंने कहा था कि गुरु गोबिंद सिंह ने ‘गोबिंद रामायण’ लिखी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौके की तस्वीरें भी साझा की हैं. इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केटीएस तुलसी के साथ-साथ आईजीएनसीए के सचिव सच्चिदानंद जोशी, राज्यसभा सदस्य सोनल मानसिंह भी मौजूद थे.

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