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एड्स रोगी भी है सामान्य जीवन जीने के हकदार: सीएस - श्रीनारद मीडिया

एड्स रोगी भी है सामान्य जीवन जीने के हकदार: सीएस

 

एड्स रोगी भी है सामान्य जीवन जीने के हकदार: सीएस

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-एड्स के लक्षण दिखाई दे तो छुपाएं नहीं, इलाज करवाएं

-लोगों में जागरूकता फैलाने से एड्स जड़ से होगा खत्म

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार):

1 दिसंबर को पूरी दुनिया एड्स दिवस के रूप में मनाती है। इसका मुख्य मकसद लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। इस बार का थीम वैश्विक एकजुटता है। यानी कि सभी लोग एकजुट होकर एड्स के प्रति जागरूकता फैलाएं और इसे जड़ से समाप्त करें। सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने कहा एड्स के प्रति लोगों को मन में तमाम तरह के भ्रम हैं, जिसे दूर करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। लोगों में जितनी जागरूकता बढ़ेगी, इस बीमारी को जड़ से खत्म करने में उतनी मदद मिलेगी। कुछ लोग शर्म और बेइज्जती की वजह से भी एड्स जैसी गम्भीर बीमारी को छुपाते हैं। इस वजह से धीरे-धीरे बीमार पड़ने लगते हैं। सही जांच और जागरूकता की कमी के कारण मौत तक हो जाती है। हालांकि सरकारी अस्पतालों में एड्स की मुफ्त में जांच की जाती और दवाएं भी दी जाती हैं।

एड्स का रोगी भी एक सामान्य जीवन जी सकता है:

सीएस डॉ जेपी सुकुमार ने कहा कि कि एड्स का रोगी भी एक सामान्य जीवन जी सकता है। अगर समय से सही इलाज हो और मरीज नियमित रूप से दवा लें। जिस तरह से हाईपरटेंशन के मरीज एक गोली खाकर लंबी जिंदगी जी सकते उसी तरह एड्स के मरीज भी दवा का सहारा लेकर सामान्य जीवन जी सकते हैं। इसलिए अगर किसी को एड्स के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल इलाज करवाएं न कि इसे छुपाएं।

ऐसे फैलता है एड्स:

सामान्य तौर पर एड्स असुरक्षित यौन संबंध बनाने से, एचआईवी संक्रमित सुई या फिर सिरिन्ज का इस्तेमाल करने से, बिना जांच के रक्त लेने इत्यादि कारणों से एड्स फैलता है। आमतौर पर लोग एचआईवी पॉजिटिव होने को एड्स समझ लेते हैं, जो सही नहीं है। बल्कि एचआईवी पॉजिटिव होने के 8-10 साल के अंदर जब संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। तब उसे घातक रोग घेर लेते हैं और इस स्थिति को एड्स कहते हैं।

एड्स के ये हैं लक्षणः

एचआईवी से संक्रमित लोगों में लम्बे समय तक एड्स के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। अधिकतर मरीजों को सर्दी, जुकाम या विषाणु बुखार हो जाता है पर इससे एड्स होने का पता नहीं लगाया जा सकता। एचआईवी वायरस का संक्रमण होने के बाद उसके शरीर में धीरे-धीरे फैलना शुरू होता है। जब वायरस का संक्रमण शरीर में अधिक हो जाता उस समय बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं। एड्स के लक्षण दिखने में आठ से 10 साल का समय भी लग सकता है। एड्स के कुछ प्रारम्भिक लक्षण हैं। जैसे वजन का काफी हद तक कम हो जाना, लगातार खांसी बने रहना, बार-बार जुकाम का होना, बुखार, सिरदर्द, थकान, शरीर पर निशान बनना, हैजा इत्यादि।

एड्स से ऐसे बचें:

एड्स पीड़ित साथी या व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए। यौन संबंध बनाते वक्त कंडोम का प्रयोग करना चाहिए। कंडोम इस्तेमाल करने में भी उसके फटने का खतरा रहता है। एक से अधिक व्यक्ति से यौन संबंध नहीं रखें। खून को अच्छी तरह जांच कर ही उसे चढ़ाना चाहिए। कई बार बिना जांच के खून मरीज को चढ़ा दिया जाता है जो कि गलत है। इसलिए डॉक्टर को खून चढ़ाने से पहले पता करना चाहिए कि कहीं खून एचआईवी दूषित तो नहीं है। उपयोग की हुई सुई का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ये एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। दाढ़ी बनवाते समय हमेशा नाई से नया ब्लेड उपयोग करने के लिए कहना चाहिये।

 

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