प्रज्ञा प्रवाह उत्तर बिहार इकाई “चेतना” की वार्षिक कार्यशाला सम्पन्न
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मुजफ्फरपुर भारतीय विचारधारा के संवाहक संगठन प्रज्ञा प्रवाह की उत्तर बिहार प्रांत इकाई “चेतना” की वार्षिक कार्यशाला 6 एवं 7 जुलाई को मधुकर निकेतन, कलमबाग चौक, मुजफ्फरपुर में सम्पन्न हुई। “आंतरिक उन्नयन एवं कार्य विस्तार” की भावना से आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला में 53 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिनमें 6 मातृशक्ति भी शामिल थीं।
कार्यक्रम कुल सात सत्रों में विभाजित था — चार शैक्षणिक, एक तकनीकी, उद्घाटन तथा समापन सत्र। कार्यशाला का शुभारंभ मातृशक्ति द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। प्रथम सत्र में प्रांत संयोजक श्री विजय शाही ने संगठन की रूपरेखा, उद्देश्यों तथा समाज में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। समापन सत्र में क्षेत्र संयोजक देवब्रत प्रसाद जी ने भारतीय जीवन दृष्टि, वैश्विक अस्थिरता में उसकी प्रासंगिकता और “वसुधैव कुटुंबकम्” की अवधारणा पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया।
शैक्षणिक सत्रों में विविध विषयों पर विद्वानों ने विस्तारपूर्वक विचार रखे। डॉ. राजेश्वर प्रसाद सिंह (हिंदी विभाग, लंगट सिंह कॉलेज) ने भारतीय ज्ञान परंपरा, डॉ. अशोक प्रियंवद (सेवानिवृत्त प्राध्यापक, जेड ए इस्लामिया कॉलेज, सिवान) ने हिंदुत्व, डॉ. संतोष अनल ने भारत का स्व, एवं डॉ. देवेंद्र प्रताप तिवारी (आरडीएस कॉलेज) ने भारत बोध विषय पर विचार प्रस्तुत किए।
उल्लेखनीय है कि कार्यशाला में बिहार के प्रमुख विश्वविद्यालयों — बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, जेपी विश्वविद्यालय, एलएन मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय एवं राजेन्द्र केंद्रीय विश्वविद्यालय — के अनेक प्राध्यापक और शोधकर्ता उपस्थित रहे।
समापन सत्र में पर्यावरणविद सुरेश प्रसाद गुप्त, प्रो. अपर्णा, श्री उदय शंकर प्रसाद सिंह, अन्नू बाबू सहित कई विशिष्टजनों की उपस्थिति रही। अधिवक्ता आशीष सिंह (महानगर संयोजक), डा. कन्हैया सिंह (विभाग संयोजक) और धर्मेंद्र झा (विमर्श संयोजक) ने आयोजन की व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कार्यशाला में संघ के शताब्दी वर्ष के अंतर्गत पंच परिवर्तन के माध्यम से राष्ट्र जीवन को श्रेष्ठ बनाने का आह्वान किया गया।
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