भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ज्ञानवापी में चौथे दिन का सर्वे पूरा हो किया,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ज्ञानवापी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का चौथे दिन का सर्वे पूरा हो गया। चौथे दिन ASI टीम को गुंबदों के सर्वे के दौरान गोलाकार छत में कई डिजाइनें मिली हैं। हॉल में ही तीनों गुंबद सीलिंग में टीम को कई डिजाइनें दिखीं। इनकी एक-एक करके फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई।

इस हॉल में अब तक मंदिरों में दिखने वाले 20 से अधिक आले (दीवार में बनी अलमारी, इसे पूर्वांचल में ताखे कहते हैं) भी दिखे हैं। आलों की संरचना और उनके आसपास उभरे चिह्नों की 3-D मैपिंग भी हुई। हिंदू पक्ष ने कहा कि हम आगे बढ़ रहे हैं। गुंबद के पूरे सर्वे में अभी समय लगेगा, मगर सीलिंग की डिजाइन ने हमारा उत्साह बढ़ा दिया है।

ASI ने रविवार सुबह सबसे पहले मुस्लिम पक्ष से चाबी लेकर व्यास तहखाने का ताला खुलवाया। सफाई करवाई और एग्जॉस्ट लगवाए। इसके बाद सर्वे शुरू किया।ज्ञानवापी के सर्वे 4 अगस्त से जारी है। इससे पहले 24 जुलाई को सर्वे हुआ था। ASI उसे पहले दिन का सर्वे मान रही है। इस हिसाब से चार दिन का सर्वे हो चुका है।

ज्ञानवापी के तीनों गुंबदों और परिसर का सर्वे हुआ। ASI ने व्यास तहखाने में पैमाइश की। दीवारों की 3-डी फोटोग्राफी, स्कैनिंग करवाई। चार्ट में दीवारों पर मिली कलाकृतियों के पॉइंट्स नोट किए।कानपुर आईआईटी के दो GPR एक्सपर्ट भी सर्वे टीम के साथ थे। बताया जा रहा है कि एक-दो दिन में GPR मशीन से सर्वे शुरू हो सकता है।

टीम ने 12.30 बजे लंच और नमाज के लिए ब्रेक लिया। 2.30 बजे से दोबारा सर्वे शुरू किया गया। इसके बाद शाम 5 बजे तक सर्वे का काम हुआ। मुस्लिम पक्ष ने जल्द ही मुख्य तहखाने की चाबी देने की बात कही है।

2 सितंबर तक कोर्ट में सब्मिट करनी होगी रिपोर्ट
पूरी ज्ञानवापी बिल्डिंग को एक बार में देखने के लिए सैटेलाइट के जरिए 3D इमैजिनेशन तैयार किया जा रहा है। इसमें टीम दीवारों की 3D इमेजिंग, मैपिंग और स्क्रीनिंग भी करेगी। रविवार को ASI से 58 लोग, हिंदू पक्ष से 8 लोग और मुस्लिम पक्ष से 3 लोग मौजूद हैं। वहीं, जिला कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। अजय कुमार विश्वेश की अदालत ने आदेश दिया कि ASI को अपनी सर्वे रिपोर्ट 2 सितंबर तक सब्मिट करनी होगी।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा- जांच लंबी चलेगी
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “शनिवार को पश्चिमी दीवार का अध्ययन किया गया। मैंने केंद्रीय गुंबद के नीचे एक खोखली जगह से आवाज आने को पॉइंट आउट किया। इसका सर्वे किया जा रहा है। केंद्रीय गुंबद के बगल का एक क्षेत्र जो ढंका है, उसका सर्वे किया जा रहा है। यह लंबा चलेगा।” जैन ने कहा था कि रविवार को व्यासजी का तहखाना खोला जाएगा। तहखाना साफ कर दिया गया है।

वहीं, हिंदू पक्ष की महिलाओं ने कहा कि हम मस्जिद के अंदर नहीं जा रहे, क्योंकि महिलाएं मस्जिद में नहीं जाती हैं। हमें उम्मीद है कि इस सर्वे से बहुत कुछ साफ हो जाएगा। यहां बहुत कुछ ऐसे चिह्न, मूर्ति हैं जो बता रहे कि यहां हिंदू मंदिर था।

क्या है ज्ञानवापी का मतलब
ज्ञानवापी दो शब्दों के मेल से बना है ज्ञान+वापी जिसका अर्थ है ज्ञान का तालाब। दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद जिसे कहा जा रहा है उस परिसर के अंदर एक कुआं है जिसे ज्ञानवापी कहते हैं। यही है ज्ञान का तालाब। इसे ज्ञान का तालाव या ज्ञानवापी क्यों कहते हैं इसकी एक अलग ही कहानी है।

कथित मस्जिद और नए विश्वनाथ मंदिर के बीच 10 फीट गहरा कुआं हैं। जिसे ज्ञानवापी कहा जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से स्वयं लिंग अभिषेक करने के लिए इस कुएं को बनाया था। मान्यता है कि इस कुएं का जल बहुत ही पवित्र है और इसे पीने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। ज्ञानवापी के जल काशी विश्वनाथ को चढ़ाया जाता था।

क्या है इतिहास
सबसे पहले विश्वनाथ मंदिर को 1194 में मुहम्मद गोरी ने लूट कर ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद वर्ष 1669 में औरंगजेब ने एक बार फिर काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त किया। दावा किया जाता है कि औरंगजेब ने जब काशी का मंदिर तोड़ा तो उसके ढांचे के ऊपर मस्जिद बनवा दी। मस्जिद का पिछला हिस्सा बिल्कुल मंदिर की तरह लगता है। इसके बाद सन 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर को पुनर्निर्माण कराया था।

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