हरियाणा और हिमाचल के कलाकारों ने मोहा दर्शकों का मन, लोकनृत्यों को मिली सराहना 

हरियाणा और हिमाचल के कलाकारों ने मोहा दर्शकों का मन, लोकनृत्यों को मिली सराहना

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, कुरूक्षेत्र (हरियाणा):

हरियाणा और हिमाचल के रंग में रंगा कला कीर्ति भवन, बंसत उत्सव में दिखी प्रादेशिक संस्कृति
कला परिषद के बसंतउत्सव में हरियाणवी रसिया की मची धूम।

कला कीर्ति भवन में हरियाणा कला परिषद् द्वारा आयोजित बसंत उत्सव में प्रत्येक दिन हरियाणा और अन्य राज्यों के कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रह हैं। पहले दिन जहां हरियाणा का सहयोगी पंजाब राज्य रहा, वहीं दूसरे दिन राजस्थानी झलक देखने को मिली। उत्सव की तीसरी शाम में काव्य संध्या आयोजित हुई तो चैथी शाम हिमाचल प्रदेश के नाम रही। इस कार्यक्रम में कुवि के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के पूर्व निदेशक व वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष डा. तेजेंद्र शर्मा बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे। कार्यक्रम से पूर्व हरियाणा कला परिषद निदेशक नागेंद्र शर्मा ने मुख्यअतिथि को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का आगाज मुख्यअतिथि डा0 तेजेंद्र शर्मा व निदेशक नागेंद्र शर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

कार्यक्रम का संचालन हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पहली प्रस्तुति कत्थक नृत्य की रही, जिसमें मुद्रा परर्फामिंग अम्बाला के कलाकारों द्वारा कत्थक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई। द्रुपद कत्थक में कलाकारों ने शंकर अति प्रचंड प्रस्तुत कर लोगों की भरपूर वाहवाही बटौरी। हरियाणा प्रदेश के पुरुष एवं महिला कलाकारों ने वेलकम टू हरियाणा गीत पर अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके बाद हिमाचल प्रदेश के सिरमौर से आए इं्रद सिंह की टीम ने सिरमौरी नाटी प्रस्तुत कर लोगों को हिमाचली संस्कृति से रुबरु करवाया। इसके साथ ही हरियाणवी वेशभूषा में सजे हरियाणवी कलाकार हरियाणवी नृत्य के लिए मंच पर पहुंचे तो दर्शकों ने गर्मजोशी के साथ कलाकारों का स्वागत किया।

भारत के कोने-कोने में धूम मची हरियाणे की गीत पर थिरकते हुए हरियाणवी छोरे कार्यक्रम में चार चांद लगाते नजर आए। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के पडुआ नृत्य ने पंजाब के गिद्दे की याद दिलाई। महिलाओं द्वारा किया गया नृत्य अपनी अनूठी छाप छोड़ने में कामयाब रहा। कत्थक नृत्य चतुरंग में महिला कलाकारों ने पैरो की थिरकन, हाथों की मुद्राओं तथा चेहरे की भाव-भंगिमाओं के द्वारा एक अद्भूत दृश्य प्रस्तुत कर उत्सव को सफल बनाया। वहीं ईशिता का एकल नृत्य भी तालियां बटौरने में कामयाब रहा। अंतिम प्रस्तुति हरियाणवी रसिया की रही। फुलों के साथ खेलते हुए मनोज जाले के दल ने खूबसूरती के साथ रसिया नृत्य प्रस्तुत किया।

कलाकारों की वेशभूषा तथा संगीत प्रस्तुति में रंग भरने में कामयाब रहा। अंत में मुख्यअतिथि डा. तेजेंद्र शर्मा ने सभी को बसंत पंचमी की बधाई देते हुए कहा कि बसंत आने पर माहौल खुशनूमां हो जाता है। पशु-पक्षी तक चहकने लगते हैं। सरसों के फूल सोने की तरह चमकना शुरु कर देते हैं। उसी प्रक्रिया को दिखाते हुए कला परिषद के कार्यक्रम ने बसंत उत्सव को सफल बनाया है। अंत में सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। वहीं नागेंद्र शर्मा ने मुख्यअतिथि को स्मृति चिन्ह देकर आभार व्यक्त किया।

हरियाणवी घोड़ी नृत्य व पाण्डवानी गायन की प्रस्तुति आज।
हरियाणा कला परिषद द्वारा आयोजित बसंत उत्सव में आज छठे दिन हरियाणवी घोड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। जिसमें कामिल और उनके साथी अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ से सुप्रसिद्ध पण्डवानी गायिका सम्प्रिया पूजा पाण्डवानी गायन प्रस्तुत करेंगी। कार्यक्रम का समय शाम 6 बजे रहेगा।

यह भी पढ़े

काव्य सृजन का संस्कृति को बचाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान : भारत भूषण भारती 

जयराम कन्या महाविद्यालय के खेलकूद महोत्सव में समाजसेवी संदीप गर्ग ने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित किया

जे.ई.ई. मेंस में जयराम पब्लिक स्कूल की उर्वशी ने लहराया परचम 

आज का सामान्य ज्ञान कुछ लोगों को 10 नंबरी क्यों कहते हैं, 10 नंबर का क्राइम से क्या है  कनेक्शन

Leave a Reply

error: Content is protected !!