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जामिया यूनिवर्सिटी में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं हुई,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

जामिया यूनिवर्सिटी में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं हुई,क्यों?

जामिया यूनिवर्सिटी में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं हुई,क्यों?

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राहुल बोले- सच हमेशा सामने आता है, एंटनी के बेटे ने कहा- इससे देश के लिए खतरा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री का विवाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से शुरू होकर अब दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय पहुंच गया है। जामिया विश्वविद्यालय में बुधवार की शाम 6 बजे कथित तौर पर बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी गई थी।

दर्जनों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गेट नंबर सात पर चार बजे बीबीसी द्वारा गुजरात दंगों पर बनाई गई प्रतिबंधित डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे एसएफआई, आयशा व एनएसयूआई के छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने एसएफआइ, आयशा व एनएसयूआइ के करीब एक दर्जन छात्रों को हिरासत में लिया है।

बता दें कि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने बुधवार को घोषणा की कि वह शाम 6 बजे जामिया विश्वविद्यालय परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी के विवादास्पद डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग होगी।

स्क्रीनिंग के लिए नहीं मांगी गई अनुमति- जामिया प्रशासन

विश्वविद्यालय के वीसी ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी गई है और हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। एसएफआई की जामिया इकाई ने एक पोस्टर जारी कर सूचित किया है कि एमसीआरसी लॉन गेट नंबर 8 पर शाम 6 बजे डॉक्युमेंट्री दिखाई जाएगी।

जामिया के एक अधिकारी ने इस मामले लेकर कहा, “उन्होंने स्क्रीनिंग के लिए अनुमति नहीं मांगी और हम स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देंगे। यदि छात्र कुछ करने के लिए बाहर जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

कल जेएनयू में स्क्रीनिंग के दौरान हुई पत्थरबाजी

बता दें कि इससे पहले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में मंगलवार को बीबीसी की डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई थी। स्क्रीनिंग के दौरान पत्थरबाजी की घटना सामने आई थी। इसके बाद मंगलवार की रात में छात्रों ने वसंत कुंज पुलिस स्टेशन तक पथराव की घटना के विरोध में मार्च निकाला। पुलिस ने मामले की जांच करने का आश्वासन मिलने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन खत्म किया।

JNUSU प्रेसिडेंट आयशा घोष ने बीबीसी की स्क्रीनिंग के दौरान हुए पथराव को लेकर ABVP के छात्रों पर आरोप लगाया है। JNUSU प्रेसिडेंट ने पुलिस से शिकायत में कहा कि ABVP के छात्रों ने पत्थरबाजी की। छात्रों की शिकायत के बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है।

BBC डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग को लेकर मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से उठा विवाद बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी पहुंच गया। जामिया में विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रिनिंग को लेकर अब तक 7 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इन पर माहौल खराब करने के प्रयास का आरोप है। SFI ने छात्रों की रिहाई तक स्क्रिनिंग टाल दी है।

यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर इन्हें हिरासत में लिया गया है। जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने बताया कि विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रिनिंग को लेकर छात्र संगठन SFI यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहा है। हम ऐसी किसी भी काम की अनुमति नहीं देंगे। छात्रों की किसी भी गैरजरूरी हरकत पर कार्रवाई होगी।

पंजाब यूनिविर्सिटी में भी हुई स्क्रिनिंग
इधर, पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में भी स्टूडेंट सेंटर में विवादित डॉक्यूमेंट्री चलाने पर हंगामा हो गया। NSUI ने यह डॉक्यूमेंट्री चलाई। जिसे देखने कई स्टूडेंट्स जुट गए। इतने में यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को इसकी भनक लग गई और प्रोजेक्टर पर चलाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को तुरंत बंद करवा दिया गया। इससे पहले लगभग आधी डॉक्यूमेंट्री चल चुकी थी।

मंगलवार रात JNU में हुआ था पथराव
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में BBC की इस प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री को देख रहे छात्रों पर मंगलवार देर रात पथराव किया गया। पथराव किसने किया, यह पता नहीं चल पाया है। अंधेरे का फायदा उठाकर हमलावर भाग गए। इससे पहले यहां छात्र संघ कार्यालय की बिजली और इंटरनेट मंगलवार रात बंद कर दिया गया था, जिसे देर रात बहाल कर दिया गया है। 25 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है।

JNU में कुछ स्टूडेंट्स डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर अड़े थे
JNU के कुछ स्टूडेंट्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने वाले थे। प्रशासन ने स्टूडेंट्स से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग न करने की अपील की थी, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। JNU प्रशासन ने स्टूडेंट्स से कहा था कि इस तरह की एक्टिविटीज यूनिवर्सिटी में शांति और सद्भाव को भंग कर सकती है।

छात्र नहीं माने और मंगलवार रात 9 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की योजना बनाई थी। JNU स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष ने छात्रों के मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री डाउनलोड करने के लिए QR कोड शेयर किया था। इसी पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई जा रही थी।

  • जामिया मिल‍िया इस्‍लामिया यूनिवर्सिटी में बुधवार शाम 6 बजे बीबीसी की डॉक्‍यूमेंट्री की स्‍क्रीनिंग नहीं हो पाई। SFI ने छात्रों की गिरफ्तारी के बाद इसे टाल दिया है।
  • BBC की डॉक्‍यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक के बावजूद TMC नेता महुआ मोइत्रा ने उसके दूसरे एपिसोड की लिंक ट्विटर पर शेयर की।
  • कांग्रेस नेता शशि थरूर ने BBC डॉक्यूमेंट्री को बैन किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि एक डॉक्यूमेंट्री हमारे राष्ट्र की संप्रभुता को कैसे प्रभावित कर सकती है?

राहुल बोले- सच हमेशा सामने आता है, एंटनी के बेटे ने कहा- इससे देश के लिए खतरा

  • राहुल गांधी ने मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री बैन करने को गलत बताया है। राहुल ने कहा कि अगर आपने हमारे शास्त्रों को पढ़ा है, या आपने भगवत गीता या उपनिषदों को पढ़ा है तो आप देख सकते हैं कि सच्चाई हमेशा सामने आती है। आप उसे कैद नहीं कर सकते हैं। आप मीडिया को दबा सकते हैं। आप संस्थानों को कंट्रोल कर सकते हैं, आप CBI, ID और सभी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन सच तो सच होता है।
  • कांग्रेस नेता अनिल एंटनी ने मंगलवार को कांग्रेस से अलग रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्थानों पर BBC के विचारों को रखने का मतलब देश की संप्रभुता को कमजोर करना है। यह बात ऐसे समय में कही है, जब केरल के कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने BBC डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की घोषणा की है। अनिल केरल के पूर्व CM एके एंटनी के बेटे हैं।
  • इससे पहले हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सोमवार को स्टूडेंट्स के एक समूह ने कैंपस के अंदर डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग की। पुलिस ने कहा कि इस बारे में लिखित शिकायत मिलने पर जांच शुरू की जाएगी।

एके एंटनी के बेटे का कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा

वहीं, BBC की डॉक्यूमेंट्री को बैन करने का समर्थन करने वाले कांग्रेस के नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने बुधवार सुबह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा- कांग्रेस ने मुझसे ट्वीट डिलीट करने को कहा था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। क्या चाटुकारिता ही योग्यता का मापदंड बन गई है। उन्होंने मंगलवार दोपहर 1 बजे ट्वीट कर कहा था कि भारतीय संस्थानों पर BBC के विचारों को रखने का मतलब देश की संप्रभुता को कमजोर करना है।

अनिल एंटनी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे हैं। अनिल ने BBC की डॉक्यूमेंट्री का विरोध करते हुए कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
अनिल एंटनी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे हैं। अनिल ने BBC की डॉक्यूमेंट्री का विरोध करते हुए कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

अनिल एंटनी बोले- ट्वीट के बाद धमकी भरे कॉल आए
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अनिल एंटनी ने कहा- मैं मानता हूं कि भले ही अंदरूनी तौर पर हमारे बीच कितने भी मतभेद हों, लेकिन हम बाहरी लोगों को उसका फायदा नहीं उठाने दे सकते। हमें एक पॉलिटिकल पार्टी के रूप में विदेशी ताकतों को हमारे मतभेदों का लाभ उठाकर देश में बंटवारा करने की छूट नहीं देनी चाहिए।

इसी वजह से मैंने ट्वीट किया था, लेकिन पार्टी की तरफ से उसे डिलीट करने के लिए कहा गया। मेरे ट्वीट के बाद मुझे रातभर धमकी भरे फोन और मैसेज आते रहे। अब मुझे नहीं लगता कि मुझे ऐसे लोगों के साथ काम करना चाहिए। इसीलिए मैंने इस्तीफा दे दिया।

17 जनवरी को पहला एपिसोड टेलिकास्ट हुआ, अगले दिन सरकार ने हटाया
BBC ने 17 जनवरी को द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया। पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव पर नजर डालती है।

गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है। बता दें कि गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित सम‍िति ने नरेंद्र मोदी को क्‍लीन चिट दी थी।

सरकार ने दुष्प्रचार बताया, ब्रिटिश PM ने भी किया विरोध
भारत सरकार ने BBC की गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि हम नहीं जानते कि डॉक्‍यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्‍प्रचार है।

उधर, BBC की डॉक्यूमेंट्री पर ब्रिटिश संसद में चर्चा हुई। PM ऋषि सुनक से सवाल किया- दंगे में मोदी की भूमिका पर आपका क्या कहना है। इस पर सुनक ने कहा- BBC की डॉक्यूमेंट्री में जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया है, मैं उससे कतई सहमत नहीं हूं। उन्होंने कहा- ब्रिटिश सरकार की स्थिति स्पष्ट है। हम दुनिया के किसी भी हिस्से में होने वाली हिंसा को बर्दाश्त नहीं करते, लेकिन डॉक्यूमेंट्री में PM मोदी की जो इमेज पेश की गई है, मैं उससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं।

अमेरिका ने कहा-भारत से हमारे गहरे रिश्ते
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मीडिया ब्रीफिंग में एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा- आप जिस डॉक्यूमेंट्री का जिक्र कर रहे हैं, मुझे उसके बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि, मुझे उन साझा मूल्यों के बारे में जानकारी जरूर है, जो भारत और अमेरिका को दो संपन्न और जीवंत लोकतंत्र बनाते हैं।

प्राइस ने आगे कहा- दोनों देशों के बीच करीबी राजनीतिक और आर्थिक संबंध हैं। अमेरिका और भारत के लोगों के बीच असाधारण रूप से गहरे रिश्ते हैं। दोनों देश उन सभी तत्वों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं, जो हमें एक साथ जोड़ते हैं।

सुप्रीम कोर्ट PM मोदी को क्लीन चिट दे चुका है
गुजरात में 2002 में हुए दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने SIT का गठन किया था। कमेटी ने दंगों में नरेंद्र मोदी का हाथ नहीं पाया था। SIT ने कहा था कि मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने SIT की तरफ से मोदी को मिली क्लीन चिट को सही माना था।

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