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बिहार STF ने अफीम की अवैध खेती के खिलाफ चलाया अभियान - श्रीनारद मीडिया

बिहार STF ने अफीम की अवैध खेती के खिलाफ चलाया अभियान

बिहार STF ने अफीम की अवैध खेती के खिलाफ चलाया अभियान

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अफीम की खेती के गुप्त रूप से होने का बड़ा खुलासा

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

बिहार STF ने अफीम की अवैध खेती के खिलाफ चलाया अभियान, अफीम की खेती के गुप्त रूप से होने का बड़ा खुलासा खेत खजाना बिहार में नक्सली एसटीएफ द्वारा अफीम की खेती के खिलाफ एक अभियान चलाया गया है। एसटीएफ ने इस कदम को नक्सलवादियों के वित्त प्रवाह को रोकने के लिए उठाया है।

अब अवैध अफीम की खेती के खिलाफ इस अभियान को तेज कर दिया गया है। पुलिस ने गया, औरंगाबाद, और जमुई जिलों में अफीम की अवैध खेती के खिलाफ चल रहे अभियान को बढ़ावा दिया है। इस अभियान के माध्यम से नक्सली गुप्त वित्त प्रवाह पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे हथियारों की आपूर्ति में बाधा आई है और राज्य में सशस्त्र उग्रवादियों की संख्या में भारी कमी आई है।
अफीम की खेती के गुप्त रूप से होने का खुलासा

एसटीएफ के महानिदेशक (एडीजी-ऑपरेशंस) सुशील मानसिंह खोपड़े ने बताया कि “अब बिहार पुलिस ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और राज्य सरकार के अन्य विभागों के साथ मिलकर गया, औरंगाबाद और जमुई जिलों में अफीम की अवैध खेती के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है।” उनके मुताबिक, नक्सली उग्रवादियों द्वारा कुछ इलाकों में गुप्त रूप से अफीम की खेती की जानकारी मिली है, जिसे उन्होंने नष्ट कर दिया है।

अफीम की खेती का नशा और नक्सलवाद
अफीम की खेती नक्सलवादियों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत होती है। इसे नष्ट करने के लिए भी कड़ी कार्रवाई की जाती है। यह अवैध फसल उगाने का तरीका भी है। नक्सली समर्थकों के बीच अफीम की खेती के प्रशंसक भी मौजूद होते हैं। इसलिए, नक्सली एसटीएफ द्वारा इस खेती के खिलाफ अभियान चलाना महत्वपूर्ण है जो सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए जरूरी है।

बिहार में नक्सलवाद प्रभावित इलाकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई
नक्सली एसटीएफ के महानिदेशक सुशील मानसिंह खोपड़े ने बताया कि “संबंधित जिला पुलिस और अन्य एजेंसियों को जिले के चुनिंदा इलाकों में गुप्त रूप से की जाने वाली अफीम की खेती पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में बिहार के छह जिलों को नक्सलवाद प्रभावित जिलों की सूची से हटा दिया है और राज्य में नक्सलवादी संगठन अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।

इस अभियान के माध्यम से नक्सलवाद प्रभावित इलाकों की संख्या में कमी आएगी और सुरक्षा बालों को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।अभियान के अंतर्गत बिहार पुलिस और केंद्रीय बलों ने अनेक इलाकों में छिपे हुए हथियारों और गोला-बारूद को भी बरामद किया है। यह कदम सुरक्षा बलों को नक्सली उग्रवादियों की गतिरोध में मदद करेगा और बिहार के सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा।

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