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बिहार के डीजीपी एक बार फिर सवालों के घेरे में - श्रीनारद मीडिया

बिहार के डीजीपी एक बार फिर सवालों के घेरे में

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कोर्ट ने कहा चीफ जस्टिस के नाम चालीस बार कॉल पर बात करने के बाद भी उन्होंने जांच क्यों नहीं करवाई

श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्‍टेट डेस्‍क:

बिहार के डीजीपी एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं।इस बार एक बार कोर्ट ने सबसे बड़ा सवाल किया कि चालीस बार कॉल पर बात करने के बाद भी उन्होंने जांच क्यों नहीं करवाई कि चीफ जस्टिस का नाम लेकर उनसे बात कर रहा शख्स असली है या नहीं ? जबकि, स्पेशल ब्रांच जैसी पुलिस एजेंसी भी उनके पास है। फिर भी वो जांच नहीं करवा सके ? ऐसा कैसे हो सकता है ?

दरअसल, चीफ जस्टिस के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा मामले में निलंबित और फरार चल रहे IPS आदित्य कुमार के एंटीसिपेट्री बेल की अपील पर शुक्रवार को सुनवाई थी। इसी दरम्यान आदित्य कुमार के वकील एसडी संजय ने डीजीपी और पुलिस मुख्यालय के ऊपर सवाल उठा दिया। आज की सुनवाई ADJ-21 राज विजय सिंह की कोर्ट में हुई।

EOU ने जमा नहीं की केस डायरी
आदित्य कुमार की तरफ से जब एंटीसिपेट्री बेल पीटिशन फाइल किया गया था, तब पहली सुनवाई 11 नवंबर को हुई थी। उस दिन कोर्ट ने इस केस की जांच कर रहे आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को केस की डायरी जमा करने का आदेश दिया था। तभी 18 नवंबर की अगली तारीख तय की गई थी।

वकील एसडी संजय के अनुसार आज हुई सुनवाई से पहले तक EOU ने केस डायरी कोर्ट में जमा ही नहीं की। उनके तरफ से आए APP ने कोर्ट से और समय की मांग कर दी। जिसके बाद आदित्य कुमार के वकील ने केस की जांच पर ही सवाल उठा दिया। कोर्ट से कहा कि आखिर ये एजेंसी किस तरह की जांच कर रही है? किस तरह के सबूत जुटाई है? जिसे ये कोर्ट के सामने पेश नहीं कर पा रही है? बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की नई तारीख तय की है।

सवा साल के बाद गया के फतेहपुर में क्यों हुई FIR?

करीब 35 मिनट तक कोर्ट में आज बहस हुई। इस आदित्य कुमार के वकील ने राज्य सरकार और पुलिस के उपर एक के बाद एक कई सवाल उठाए। गया के फतेहपुर थाना में IPS आदित्य कुमार के खिलाफ शराब मामले में दर्ज कराए गए FIR का जिक्र करते हुए वकील ने कहा कि इनकी मंशा ठीक नहीं थी। तभी शराब कांड का केस जबरदस्ती सवा साल बाद दर्ज कराया गया। जबकि, इस केस को DGP के आदेश पर ही ‘Mistek Of Law’ के तहत फाइनल रिपोर्ट हाईकोर्ट में सबमिट कराया गया।

कहा कि जब ये केस पहले ही खत्म हो गया तब उसी केस के लिए आदित्य कुमार चीफ जस्टिस के नाम पर फर्जीवाड़ा क्यों करेंगे? कोर्ट में वकील एसडी संजय ने आरोप लगाया कि ये सब उनके क्लाइंट को फंसाने के लिए पुलिस मुख्यालस के ही कुछ अधिकारियों के द्वारा साजिश रची गई है।

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