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भाजपा ने भी दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया था,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

भाजपा ने भी दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया था,क्यों?

भाजपा ने भी दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया था,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राज्यसभा में केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सर्विस बिल पेश किया। इस पर AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा- ये बिल एक राजनीतिक धोखा है। भाजपा ने 1989, 1999 और 2013 के लोकसभा चुनाव के घोषणा-पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। आज भाजपा के पास मौका है, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दीजिए।

राघव बोले- गृहमंत्री अमित शाह कह रहे थे कि पंडित नेहरू दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के पक्ष में नहीं थे। मैं उन्हें बता दूं कि लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद में बिल लेकर आए थे।

अटल जी, आडवाणी जी, सुषमा स्वराज और मदन लाल खुराना ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया था। आप ये बिल लाकर उनके संघर्ष का अपमान कर रहे हो। आपके पास मौका है- नेहरूवादी नहीं अटल-आडवाणीवादी बनिए।

इसके पहले कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बिल पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा- ये बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है। इसके बाद मुख्यमंत्री दो सचिवों के नीचे आएगा यानी सचिव फैसला करेगा और मुख्यमंत्री देखेगा। सभी बोर्डों, कमेटियों के प्रमुख सुपर CM यानी गृह मंत्रालय से ही बनाए जाएंगे।

पूर्व CJI रंजन गोगोई आज पहली बार बतौर सांसद राज्यसभा में बोले- उन्होंने दिल्ली सर्विस बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा- अध्यादेश से संबंधित दो प्रश्न सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को भेजे गए हैं, इसका सदन में बहस से कोई लेना-देना नहीं है।

सिंघवी बोले- बिल का मकसद डर पैदा करना है
सिंघवी ने कहा कि बिल का मकसद डर पैदा करना है। जो लोग इसका समर्थन कर रहे हैं या समर्थन करने की घोषणा कर चुके हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि सबका नंबर आ सकता है।

सिंघवी ने कहा- लालकृष्ण आडवाणी जब होम मिनिस्टर थे, तो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए बिल लाए थे। भाजपा ने पूर्ण राज्य के मुद्दे पर दिल्ली के दो चुनाव जीते थे। आज हम यह मांग कर रहे हैं कि संविधान ने जो अधिकार दिल्ली को दिए हैं, उन्हें मत छीनिए।

भाजपा सांसद बोले- संसद को दिल्ली पर कानून बनाने का अधिकार
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि संसद को दिल्ली पर कानून बनाने का अधिकार है।

उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा- AAP ने पंजाब और दिल्ली से कांग्रेस को साफ कर दिया, गुजरात में वोट हाफ कर दिया, फिर भी कांग्रेस ने इनको माफ कर दिया।

राज्यसभा में पार्टियों का गणित…
विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A के सांसद इस बिल का विरोध कर रहे हैं। NDA, बीजू जनता दल और YSR कांग्रेस के सांसद इस बिल के समर्थन में हैं। इन दोनों पार्टियों के समर्थन से बिल राज्यसभा में पास हो सकता है।

लोकसभा में इसे 3 अगस्त को पेश किया गया था और इसी दिन पास भी कर दिया गया।

AAP और कांग्रेस ने जारी किया था व्हिप
कांग्रेस और AAP ने अपने सांसदों को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। वहीं, AAP सांसद राघव चड्ढा, कांग्रेस सांसद जेबी माथेर और नसीर हुसैन ने राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए रुल 267 के तहत नोटिस दिया।

एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के 870 पद खाली
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) के 870 पद खाली हैं। इन्हें भरने में कोई बैकलॉग नहीं है। जूनियर एग्जीक्यूटिव (ATC) के 400 पदों को भरने के लिए सीधी भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। चुने गए अभ्यर्थी तीन प्रशिक्षण संस्थानों में ट्रेनिंग ले रहे हैं। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) ने जूनियर एग्जीक्यूटिव (ATC) के अन्य 356 पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

रेलवे में ढाई लाख पद खाली
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के सभी जोन में ग्रुप सी पोस्ट में 2 लाख 48 हजार 895 पद खाली हैं, जबकि ग्रुप ए और बी में 2070 पद खाली हैं।

SC के फैसले को पलटने के लिए लाया गया अध्यादेश
11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने अफसरों पर कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। साथ ही कहा कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे।एक हफ्ते बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को बदल दिया और ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार राज्यपाल को दे दिया। दिल्ली सर्विस बिल इसी अध्यादेश की जगह लेगा।

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