Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
भाजपा 4,847 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर पार्टी बनी,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

भाजपा 4,847 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर पार्टी बनी,कैसे?

भाजपा 4,847 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर पार्टी बनी,कैसे?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय जनता पार्टी (BJP) को चुनावी बांड से झोले भर-भर कर पैसे मिले हैं। वर्ष 2022-23 में चुनावी बांड के जरिए भाजपा को करीब 1300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। वहीं, इस अवधि में कांग्रेस (Congress) को चुनावी बांड से भाजपा की तुलना में सात गुना कम पैसे मिले हैं।

भाजपा को कितने पैसे मिले?

चुनाव आयोग को सौंपी गई पार्टी की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में भाजपा को कुल 2120 करोड़ प्राप्त हुए, जिसमें जिसमें से चुनावी बांड से 61 प्रतिशत पैसे मिले हैं, जो 1294 करोड़ रुपये हैं।

कांग्रेस को मिले इतने करोड़

बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 में भाजपा का कुल योगदान 1775 करोड़ रुपये था। वहीं, वर्ष 2022-23 में पार्टी की कुल आय 2360.8 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 1917 करोड़ रुपये थी।

दूसरी ओर चुनावी बांड से पैसे अर्जित करने के मामले में कांग्रेस, भाजपा से बहुत पीछे है। कांग्रेस ने वर्ष 2022-23 में चुनावी बांड से 171 करोड़ रुपये की कमाई की, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 236 करोड़ रुपये थी। भाजपा और कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय दल हैं।

2022-23 में चुनावी बांड्स से मिले पैसे

  • भाजपा- 1294 करोड़
  • कांग्रेस- 171 करोड़

राज्य स्तर पर पार्टियों को कितने पैसे मिले?

अगर राज्य स्तर पर पार्टियों की बात करें तो समाजवादी पार्टी को वर्ष 2021-22 में चुनावी बाड के जरिए 3.2 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 में समाजवादी पार्टी को बांड्स से कोई योगदान नहीं मिला। वहीं, राज्य स्तर की पार्टी टीडीपी को 2022-23 में चुनावी बांड के जरिए 34 करोड़ रुपये मिले हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 10 गुना ज्यादा है।

जानकारी के अनुसार, भाजपा ने पिछले वित्त वर्ष में ब्याज से 237 करोड़ रुपये कमाई की और 2021-22 में ब्याज से 135 करोड़ रुपये मिले थे। भाजपा ने 2022-23 में चुनाव-प्रचार पर अपने कुल खर्च में से विमान और हेलीकॉप्टरों के उपयोग के लिए 78.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसके अलावा भाजपा ने उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता के रूप में 76.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

चुनाव सुधारों की वकालत करने वाले समूह एडीआर द्वारा एक रिपोर्ट सामने रखी गई है. उस रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी सबसे अमीर पार्टी है जिसने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4,847 करोड़ की संपत्ति घोषित की है. दूसरे नंबर पर मायावती की बसपा है, जिसकी संपत्ति 698.33 करोड़ रुपये रही है. तीसरे नंबर पर कांग्रेस है और उसने 588.16 करोड़ रुपये की संपत्ति सामने रखी है.

ADR की रिपोर्ट क्या बताती है?

अब एडीआर की रिपोर्ट में सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों की संपत्ति का ब्योरा दिया गया है. जानकारी दी गई है कि राष्ट्रीय दलों में सबसे ज्यादा संपत्ति वाली पार्टी बीजेपी रही है, वहीं बात जब क्षेत्रीय दलों की आती है तो समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक 563.47 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है. दूसरे क्षेत्रीय दलों की बात करें तो टीआरएस ने 301.47 करोड़ रुपये की संपत्ति का ब्योरा दिया है. अन्नाद्रमुक की तरफ से 267.61 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई गई है.

वहीं बात जब कुल संपत्ति की आती है तो सात राष्ट्रीय दलों द्वारा 6,988.57 करोड़ रुपये की आय घोषित की गई है, वहीं क्षेत्रीय दलों ने 2,129.38 करोड़ की संपत्ति सामने रखी है. एडीआर की रिपोर्ट में ये भी प्रमुखता से सामने आया है कि कुछ पार्टियों के पास ज्यादा संपत्ति है तो कुछ इस मामले में काफी पीछे छूट गई हैं. क्षेत्रीय दलों में ही सिर्फ टॉप 10 दलों के पास कुल संपत्ति का 95.27 शेयर मौजूद है. राष्ट्रीय दलों के आंकड़े में भी ये फर्क साफ देखने को मिलता है.

फिक्स्ड डिपोजिट श्रेणी में क्या हाल?

इस सब के अलावा फिक्स्ड डिपोजिट श्रेणी के मामले में भी बीजेपी ने सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित की है. दूसरे पायदान पर बहुजन समाज पार्टी रही है. बीजेपी ने 3,253.00 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की तो वहीं बसपा ने भी 618.86 करोड़ घोषित कर दिए हैं. यहीं आंकड़ा जब क्षेत्रीय दलों का देखा जाता है तो सपा द्वारा 434.219 करोड़ घोषित किए गए हैं, TRS ने 256.01 करोड़, AIADMK  ने 246.90 करोड़, DMK ने 162.425 करोड़, शिवसेना ने 148.46 करोड़, BJD ने 118.425 करोड़ रुपये.

एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में सभी पार्टियों की देनदारी का भी पूरा ब्योरा दिया है. बताया गया है कि वर्ष 2019-20 में कुल 74.27 करोड़ रुपये की देनदारी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित की गई है. इस कड़ी में भी जो संपत्ति उधार के जरिए ली है वो आंकड़ा 4.26 करोड़ बैठा है, वहीं अन्य देनदारियों के तहत 70.01 करोड़ रुपये की कमाई हुई है.

Leave a Reply

error: Content is protected !!