छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों के अवैध अतिक्रमण पर चला बुलडोजर
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता (UP ATS) ने धर्मांतरण गिरोह और अवैध वित्तपोषण के स्रोतों का पता लगाने के लिए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की हिरासत ले ली है. एटीएस अवैध वित्तपोषण से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों का भी पता लगाएगी. एटीएस ने 5 जुलाई को जलालुद्दीन और नसरीन को बलरामपुर में माधपुर गांव से गिरफ्तार किया था.
बाबा और उसकी सहयोगी एक सप्ताह तक एटीएस की रिमांड पर
एक विशेष अदालत ने बुधवार को जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को एक सप्ताह की एटीएस हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
कौन है छांगुर बाबा?
छांगुर बाबा उत्तर प्रदेश के माफी गांव का रहने वाला है. उसकी जन्म भी यहीं हुई थी. छांगुर बाबा चार भाई हैं, जिसमें तीन अब भी गांव ही रहते हैं. बाबा बचपन में भीख मांगता था. अब भी उसके तीनों भाई भीख ही मांगकर अपना जीवन चलाते हैं. छांगुर बाबा बाद में साइकिल से घूम-घूमकर नग और अंगुठी बेचा करता था. वर्षों तक इस काम को करते रहने के बाद छांगुर बाबा मुंबई चले गए और खुद को पीर घोषित कर दिया.
उसके बाद उसने गरीबों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने का काम शुरू किया. जिस काम में उसे विदेशी फंडिंग भी होने लगी. उसने देखते-देखते करोड़ों रुपये की काली संपत्ति बना ली. एटीएस की जांच में पता चला है कि बाबा के 40 बैंक खाते में 106 करोड़ रुपये की जमा हैं.
क्या है छांगुर बाबा पर आरोप
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन पर वित्तीय प्रोत्साहन, शादी के प्रस्ताव और दबाव बनाकर कमजोर तबके के लोगों को इस्लाम कबूल कराने का आरोप है. जलालुद्दीन पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था. दो अन्य आरोपियों- नवीन उर्फ जमालुद्दीन और महबूब (जलालुद्दीन के बेटे) को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में ये लखनऊ की जेल में बंद हैं.
छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों के अवैध अतिक्रमण पर चला बुलडोजर
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों के अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है. अब तक 80 प्रतिशत कार्रवाई हो चुकी है. लगभग एक एकड़ क्षेत्र में फैले बाबा और उसके सहयोगी नीतू और नवीन रोहर की संपत्तियों पर प्रशासन ने नोटिस चस्पां किया था जिसमें अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा गया था. छांगुर बाबा की कोठी करीब एक एकड़ भूभाग में बनी थी जिसमें 2 बिस्वा जमीन सरकारी थी जिस पर अवैध निर्माण किया गया था.
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