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जीएमसीएच ओपीडी में भी कैंसर की जांच - श्रीनारद मीडिया

जीएमसीएच ओपीडी में भी कैंसर की जांच

जीएमसीएच ओपीडी में भी कैंसर की जांच

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– जीएमसीएच में तीन प्रकार के कैंसर की होती है जांच
– कन्फर्म केसेस को इलाज के लिए भेजा जाता है एचबीसीएच व अन्य कैंसर विशेषज्ञ अस्पताल
– नवंबर से शुरू हुआ है स्क्रीनिंग, दिसंबर तक 1074 लोगों की हुई है जांच
– अबतक मिले हैं 50 संदेहास्पद मरीज, 01 कन्फर्म केस हुआ है दर्ज
– ओरल कैंसर से सुरक्षा के लिए तम्बाकू मुक्त शिविर का भी हो रहा संचालन

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

कैंसर जैसी भयावह बीमारी भी अब लाइलाज नहीं है। अगर समय पर जांच और पहचान हो जाए तो इसका इलाज संभव है। इसी आलोक में कैंसर के संभावित मरीजों की समय पर जांच करने और कैंसर ग्रसित होने पर आवश्यक इलाज उपलब्ध कराने के लिए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के ओपीडी स्थित रूम नम्बर 16 में कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर संचालित किया जा रहा है। स्क्रीनिंग सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच और चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा रही है। कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर में 02 चिकित्सक (महिला एवं पुरूष), 02 नर्सिंग स्टाफ, 01 पेशेंट नेविगेटर, 01 डाटा एंट्री ऑपरेटर व 01 मल्टीटास्किंग स्टाफ उपलब्ध हैं ।

जीएमसीएच में तीन प्रकार के कैंसर की होती है जांच :

कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर की डीटीओ डॉ. हर्षिता चौहान ने बताया कि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (जीएमसीएच) में तीन प्रकार के कैंसर की जांच सुविधा उपलब्ध है। ज्यादातर लोग इन्ही तीन प्रकार के कैंसर से ग्रसित पाए जाते हैं- मुँह का (ओरल) कैंसर, स्तन (ब्रैस्ट) कैंसर एवं गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर। उन्होंने बताया कि अलग अलग तरह के तम्बाकू जैसे गुटखा, खैनी, गुल्ल आदि का सेवन किसी भी व्यक्ति (महिला या पुरूष) के ओरल कैंसर से ग्रसित होने का कारण बनता है। वहीं महिलाओं की बढ़ती उम्र, स्तन कैंसर का परिवारिक इतिहास (माँ, बहन, मौसी को हुआ कैंसर), छोटी उम्र में पहला मासिक का होना, पहला प्रसव 30 साल की उम्र के बाद होना, कोई बच्चा न होना, महिलाओं द्वारा अपने बच्चों को दूध न पिलाना, देर से मासिक का रुकना, मद्यपान करना, हार्मोनल इलाज लेना स्तन कैंसर के कारण होते हैं। गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर के कारणों में लैंगिक गतिविधि की जल्द शुरुआत, छोटी उम्र में विवाह, 20 साल की उम्र से पहले गर्भधारण, थोड़े समय के अंतर पर बहुत बार गर्भवती होना, जननांगों की अच्छी सफाई न होना, जननांग नली संक्रमण खासकर ह्यूमन पापिलोमा वायरस (एचपीभी) संक्रमण, तम्बाकू की लत आदि हो सकता है। इसके लक्षण दिखाई देने पर तत्काल कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर पर आकर जांच करवानी चाहिए।

कन्फर्म केसेस को इलाज के लिए भेजा जाता है एचबीसीएच व अन्य कैंसर विशेषज्ञ अस्पताल :

डॉ. हर्षिता ने बताया कि जांच के बाद अगर व्यक्ति कैंसर ग्रसित पाया जाता है तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए होमिभाभा कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर (एचबीसीएच) के साथ देश के अन्य कैंसर विशेषज्ञ अस्पताल में भेजा जाता है जहां लोगों का बेहतर इलाज कराया जाता है।

ओरल कैंसर के लक्षण
• मुँह में छाले व सफेद दाग का होना
• मुँह का खुलना कम हो रहा हो
• तीखा खाने से मुँह में जलन का होना

स्तन कैंसर के लक्षण :
• स्तन के अंदर या काँख में गांठ होना
• स्तनाग्र (निपल) में से स्राव आना
• स्तन की बाहरी त्वचा का रंग या पोत में बदलाव (गड्ढा आना, सिकुड़ना/छिलना)
• स्तनाग्र की दिशा में बदलाव-अंदर की ओर खिंचना

गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर के लक्षण :
• मासिक अवधि के बीच के दिनों में रक्तस्राव
• लैंगिक संभोग के बाद रक्तस्राव
• रजोनिवृत्ति (मासिक रुकना) के बाद रक्तस्राव
• अनियमित भारी मासिक धर्म
• योनि से असाधारण रक्त के धब्बों के साथ स्राव निकलना
• बिना कारण कमजोरी, थकान, वजन कम होना

नवंबर से शुरू हुआ है स्क्रीनिंग, दिसंबर तक 1074 लोगों की हुई है जांच :

डीटीओ डॉ. हर्षिता चौहान ने बताया कि 22 नवंबर 2022 से राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के ओपीडी में कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर का संचालन किया जा रहा है। दिसंबर 2022 तक जिले के 1074 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है जिसमें से 514 पुरूष व 560 महिला शामिल हैं। इनमें से 50 लोगों को कैंसर ग्रसित होने के संदेह मिले हैं, विशेष जांच जारी है। अबतक 01 कन्फर्म केस स्तन कैंसर का मिला है जिन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा चुका है।

ओरल कैंसर से सुरक्षा के लिए तम्बाकू मुक्त शिविर का 21जनवरी से होगा संचालन :

जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने बताया कि ओरल कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकूओं का अत्यधिक सेवन करना होता है। अगर समय पर लोग तम्बाकूओं का सेवन बंद कर दें, तो वे ओरल कैंसर से सुरक्षित हो सकते हैं। इसके लिए कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर में 21 जनवरी से हर शनिवार को विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा जहां लोगों को तम्बाकू मुक्त करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। शुरुआती दिनों में ऐसे लोगों को विशेष महत्व दिया जाएगा जिन्होंने पिछले एक-दो साल से तम्बाकू सेवन शुरू किया है। ऐसे लोगों को तम्बाकू मुक्त जल्द किया जा सकता है।

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