आंतोन चेखव के बाद मंटो ही थे, जिन्होंने अपनी कहानियों के दम पर अपनी जगह बना ली।

आंतोन चेखव के बाद मंटो ही थे, जिन्होंने अपनी कहानियों के दम पर अपनी जगह बना ली। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क सआदत हसन मंटो जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। मंटो की कहानियों की बीते दशक में जितनी चर्चा हुई है, उतनी शायद उर्दू और हिन्दी और शायद…

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आचार्य देवव्रत को राज्यपाल बनने की सूचना तब मिली, जब वे कॉलेज में व्याख्यान दे रहे थे।

आचार्य देवव्रत को राज्यपाल बनने की सूचना तब मिली, जब वे कॉलेज में व्याख्यान दे रहे थे। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आचार्य देवव्रत जन्म- 18 जनवरी, 1959, समालखा कस्बा, ज़िला पानीपत, हरियाणा) गुजरात के राज्यपाल हैं। इसके पूर्व वे हरियाणा के कुरुक्षेत्र के गुरुकुल में प्रधानाचार्य थे। गुजरात के राज्यपाल का प्रभार संभालने से पहले देवव्रत जी हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। आचार्य देवव्रत का जन्म 18 जनवरी, 1959…

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महादेव गोविन्द रानाडे को “महाराष्ट्र का सुकरात” कहा जाता है।

महादेव गोविन्द रानाडे को “महाराष्ट्र का सुकरात” कहा जाता है। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क महादेव गोविन्द रानाडे  जन्म- 18 जनवरी, 1842; मृत्यु- 16 जनवरी, 1901) भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी, समाज सुधारक, विद्वान् और न्यायविद थे। उन्हें “महाराष्ट्र का सुकरात” कहा जाता है। रानाडे ने समाज सुधार के कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। प्रार्थना समाज, आर्य समाज और ब्रह्म समाज का इनके जीवन पर…

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दिल्ली है गजब का शहर,यहां से जाने का दिल नहीं करता–पंडित बिरजू महाराज.

दिल्ली है गजब का शहर,यहां से जाने का दिल नहीं करता–पंडित बिरजू महाराज. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आगामी चार फरवरी को पंडित बिरजू महाराज का जन्मदिन था, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने जिंदगी को अलविदा कह दिया। पद्म विभूषण, नृत्य शिरोमणि, संगीत नाटक अकादमी सरीखे अनगिनत सम्मानों से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज ने रविवार रात…

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अनुशासन, धैर्य और कला के प्रति समर्पण एवं अनुराग का नाम रहे पंडित बिरजू महाराज.

अनुशासन, धैर्य और कला के प्रति समर्पण एवं अनुराग का नाम रहे पंडित बिरजू महाराज. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क पंडित बिरजू महाराज का निधन भारतीय शास्त्रीय परंपरा के लिए अपूरणीय क्षति है. लखनऊ शास्त्रीय परंपरा के शीर्ष स्तंभों- कालका जी, द्वारका ठाकुर प्रसाद, बिंदादीन जी महाराज, शंभू महाराज, अच्छन महाराज, लच्छू महाराज और बिरजू महाराज-…

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बिरजू महाराज के पिता का निधन हुआ तो 12 साल की उम्र में नृत्य सिखाने लगे,अब नहीं रहे.

बिरजू महाराज के पिता का निधन हुआ तो 12 साल की उम्र में नृत्य सिखाने लगे,अब नहीं रहे. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क सिद्ध कथक नर्तक और पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज का रविवार-सोमवार की दरमियानी रात हार्ट अटैक से निधन हो गया है। वे 83 साल के थे। उन्होंने दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम…

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हौसले का दूसरा नाम हेमू कालाणी, बचपन से मिले देशभक्ति के संस्कार.

हौसले का दूसरा नाम हेमू कालाणी, बचपन से मिले देशभक्ति के संस्कार. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क 21 जनवरी, 1943 को वंदे मातरम् का उद्घोष करते हुए स्वतंत्रता सेनानी हेमू कालाणी फांसी के फंदे की ओर बढ़ते हुए कह रहे थे- ‘मुझे गर्व है कि मैं भारतभूमि से ब्रिटिश साम्राज्य समाप्त करने हेतु अपने तुच्छ जीवन…

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कथक सम्राट बृज मोहन मिश्र से कैसे बने बिरजू महाराज?

कथक सम्राट बृज मोहन मिश्र से कैसे बने बिरजू महाराज? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क दुनिया भर में अपने कथक नृत्य से हर किसी को कायल कर देने वाले पंडित बिरजू महाराज अब नहीं रहे। रविवार को नृत्य दुनिया के मशहूर 83 वर्षीय बिरजू महाराज की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके निधन पर संगीत…

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भारत के एकमात्र ऐसे व्यक्ति बीजू पटनायक है जिन के निधन पर उनके पार्थिव शरीर को तीन देशों के राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया था।

भारत के एकमात्र ऐसे व्यक्ति बीजू पटनायक है जिन के निधन पर उनके पार्थिव शरीर को तीन देशों के राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया था। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत,रूस और इंडोनेशिया के राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया था, उनके पार्थिव शरीर को. बीजू अपने जीवन काल मे ओडिशा के मुख्य मँत्री भी रहे। बीजू…

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जनजातीय समुदाय के तिलका मांझी को प्रथम स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है,कैसे?

जनजातीय समुदाय के तिलका मांझी को प्रथम स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क बिहार के सुल्तानगंज के तिलकपुर गांव में 11 फरवरी, 1750 को जन्मे जनजातीय समुदाय के तिलका मांझी को प्रथम स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है. बचपन में ‘जबरा पहाड़िया’ थे, संथाल थे या पहाड़िया, इस पर इतिहासकारों के बीच मतभेद…

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सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी जगद्गुरू  रामभद्राचार्य जी

 सुप्रीम कोर्ट में  जब रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी जगद्गुरू  रामभद्राचार्य जी, पढ़े क्‍या हुआ  अवतरण दिवस पर विशेष : श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क: ये वही रामभद्राचार्य जी है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी।  …

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आंख से अंधा होने के बाद भी 22 भाषाएं बोलते हैं जगदगुरू रामभद्राचार्य, एक बार जरूर इसे पढ़े

आंख से अंधा होने के बाद भी 22 भाषाएं बोलते हैं जगदगुरू रामभद्राचार्य, एक बार जरूर इसे पढ़े अवतरण दिवस पर विशेष विलक्षण प्रतिभा के धनी है जगदगुरू रामभद्राचार्य डा० राकेश कुमार तिवारी‚ श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्क: सनातन धर्म के रक्षक‚  प्रतिवर्ष हजारों विकलांगों के जीवन सुखमय बनाने वाले‚ पथ से भटके लाखों लोगों के…

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बृज किशोर बाबू के त्याग और संवेदना के भाव को समझने का प्रयास ही होगी सच्ची श्रद्धांजलि.

बृज किशोर बाबू के त्याग और संवेदना के भाव को समझने का प्रयास ही होगी सच्ची श्रद्धांजलि. सीवान के महान सपूत बृजकिशोर बाबू की जयंती पर मात्र रस्म अदायगी का चलता आ रहा सिलसिला. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क सीवान के सपूत और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए चले राष्ट्रीय आंदोलन के लिए अपना सब कुछ…

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किसान का बेटा संतोष ने यूपीएसी ट्रेड परीक्षा में प्राप्त किया 17वा रैंक, जिले का नाम किया रौशन

किसान का बेटा संतोष ने यूपीएसी ट्रेड परीक्षा में प्राप्त किया 17वा रैंक, जिले का नाम किया रौशन श्रीनारद मीडिया, सुबाष कुमार शर्मा, सीवान (बिहार) सीवान जिले के गोरेयाकोठी  प्रखंड क्षेत्र के सिरसिया गांव निवासी किसान  जगजीतन प्रसाद का  पुत्र  संतोष कुमार ने   यूपीएसी द्वारा आयोजित ट्रेडमार्क परीक्षा में ऑल इंडिया स्‍तर पर 17 वां …

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स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण ने अपनी आध्यात्मिक शक्ति व सिद्धि उनके भीतर प्रविष्ट करा दी थी.

स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण ने अपनी आध्यात्मिक शक्ति व सिद्धि उनके भीतर प्रविष्ट करा दी थी. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क स्वामी विवेकानंद (बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त) जब 23 वर्ष के थे, तभी उनके गुरु रामकृष्ण ने अपनी आध्यात्मिक शक्ति व सिद्धि उनके भीतर प्रविष्ट करा दी और कहा कि मेरे द्वारा संचरित…

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